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सरकार में 58 विधायक और 9 मंत्री ब्राह्मण, फिर भी इतनी हत्याएं क्यों?
हेमंत सिंह
उत्तर प्रदेश में मानो अपराध की बाढ़-सी आ गयी है लगातर रेप, लूट, फर्जी एनकाउंटर, हत्याओं से प्रदेश दहला हुआ है... उत्तर प्रदेश में अगर कोई सुरक्षित है तो वो हैं अपराधी... उत्तर प्रदेश में बीजेपी का मतबल ब्राह्मण जानलेवा पार्टी हो गया है, उत्तर प्रदेश सरकार मानो एक जाति को लेकर चल रही है पूरे उत्तर प्रदेश में लगातार ब्राह्मणों की हत्याएं हो रही हैं, ब्राह्मणों की हत्याओं का सिलसिला योगी सरकार बनते ही जून 2017 में रायबरेली के ऊंचाहार में 5 ब्राह्मण जिंदा जलाए गए थे, ब्राह्मणों की हत्याओं का जो सिलसिला 2017 में शुरू हुआ वो निरंतर अभी तक जारी है, कुछ प्रमुख हत्याकांड हैं जिन्हें मैं आपको गिनवाना चाहूँगा
कमलेश तिवारी हत्याकांड:- 18 अक्टूबर 2019 को लखनऊ में हिंदूवादी नेता कमलेश तिवारी की हत्या कर दी गयी. कमलेश के परिवार ने योगी सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा था की उनकी सुरक्षा में कटौती की गयी. अखिलेश सरकार ने उन्हें 15 सुरक्षा गार्ड मिले थे वहीं योगी सरकार में महज 2 मिले.
विवेक तिवारी हत्याकांड:- 27 सितंबर 2018 को लखनऊ में एप्पल के एरिया मैनेजर विवेक तिवारी की यूपी पुलिस के एक सिपाही ने हत्या कर दी, वह उस वक्त अपनी साथी (कलिग) को घर छोड़ने जा रहे थे।
झांसी में परिवार को जलाया:- 15 अक्टूबर 2019 को झांसी की दयाराम कॉलोनी स्थित एक मकान में सो रहे एक ब्राह्मण परिवार के चार सदस्यों की सोमवार की रात रहस्यमय हालातों में अज्ञात लोगों ने जलाकर मार डाला।
प्रयागराज में पूरे परिवार की हत्या:- 4 जनवरी 2020 को प्रयागराज जिले के सोरांव क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले युसुफपुर सेवायत क्षेत्र में सोमदत्त तिवारी उनकी पत्नी समेत परिवार के कुल 5 सदस्यों की हत्या कर दी गयी।
मई में एटा में पूरे परिवार के पांच लोंगों की हत्या
जून में बाराबंकी में चार लोंगों की हत्या
2 जुलाई 2020 को प्रयागराज के विमलेश पांडे व पूरे परिवार प्रिंस पांडे, सृष्टि पांडे, श्रेया पांडे, रचना पांडे की हत्या की गई।
16 अगस्त 2020:- गोरखपुर में एडवोकेट राजेश्वर पांडेय की हत्या
16 अगस्त 2020:- भरी पंचायत में दयाशंकर मिश्रा और उनके पुत्र आनन्द मिश्रा की कुल्हाड़ी से काटकर हत्या
यूपी की राजनीति में ब्राह्मणों का वर्चस्व हमेशा से कायम माना जाता रह है. आबादी के लिहाज से लगभग 12% ब्राह्मण हैं. 2017 के विधानसभा चुनाव में लगभग 90% ब्राह्मणों ने बीजेपी को वोट दिया लेकिन सरकार में ब्राह्मणों को जो सम्मान मिलना चाहिए था वो नहीं मिला...
2017 में बीजेपी के कुल 312 विधायकों में 58 ब्राह्मण चुने गए हैं इसके बावजूद सरकार में ब्राह्मणों की हनक कम हुई है.
56 मंत्रियों के मंत्रिमंडल में 9 ब्राह्मणों को जगह दी गई लेकिन दिनेश शर्मा व श्रीकांत शर्मा को छोड़ किसी को अहम विभाग नहीं दिए गए. जबकि 8 क्षत्रियों को मंत्री बनाया गया है और सभी को ब्राह्मणों से बेहतर विभाग दिए गए.
मैनपुरी में 16 सितंबर 2019 को नवोदय विद्यालय की छात्रा के संदिग्ध सुसाइड के मामले में पीड़ित परिवार को आज भी इंसाफ का इंतजार है. 8 महीने से अधिक का समय बीत गया है लेकिन उन्हें आज भी इंसाफ का इंतजार है. उन्हें जानकारी मिली है कि उनकी बेटी के साथ दुष्कर्म हुआ जिसके बाद उसने आत्महत्या कर ली. पिता की ओर से स्कूल की प्रिंसिपल व कुछ अन्य आरोपियों के खिलाफ शिकायत दर्जा कराई गई थी लेकिन अभी भी कोई कार्रवाई नहीं हुई है. सुभाष के मुताबिक, वह जब भी पुलिस अधिकारियों के पास जाते हैं तो ये कह के टाल दिया जाता है कि अभी लॉकडाउन चल रहा है और पुलिस कोरोना से बचाव की जंग में व्यस्त है.