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गाजियाबाद विकास प्राधिकरण के बाद जिले में अब गाजियाबाद के एसएसपी के नाम से ठगी की कोशिश
गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) वीसी के बाद जिले में अब गाजियाबाद के एसएसपी के नाम से ठगी की कोशिश का मामला सामने आया है। हैरत की बात यह है कि जालसाज ने इस बार आम लोगों को नहीं बल्कि एसपी सिटी और अन्य अधिकारियों को ठगने की कोशिश की है। फर्जीवाड़े का पता लगने पर पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया। लोगों को आगाह करने के लिए खुद एसएसपी को अपने वॉट्सऐप पर स्टेटस लगाना पड़ा। गुरुवार को एसपी सिटी निपुण अग्रवाल के पास एक अनजान नंबर से मैसेज आया। उसमें वॉट्सऐप की डीपी पर एसएसपी मुनिराज जी. का फोटो लगा हुआ था।
जालसाज ने एसपी सिटी से पूछा कि इस समय तुम कहां हो। एसएसपी का नया नंबर देख एसपी सिटी भी चक्कर खा गए। उन्होंने तत्काल एसएसपी को फोन करके घटनाक्रम के बारे में बताया तो उन्होंने इस तरह का कोई मैसेज भेजने या दूसरे नंबर का इस्तेमाल करने से साफ इनकार कर दिया। इसके अलावा जालसाज ने एक अन्य अधिकारी को मैसेज भेजकर अमेजन गिफ्ट वाउचर इस्तेमाल करने के बारे में पूछा। शक होने पर सामने वाले व्यक्ति ने मैसेज भेजने वाले के बारे में पूछा तो उसने खुद को एसएसपी मुनिराज बताया।
तमाम लोगों के मैसेज और कॉल आने के बाद एसएसपी को देर रात अपने वॉट्सऐप स्टेटस पर जालसाज द्वारा की गई चैटिंग का स्क्रीनशॉट लगाना पड़ा। साथ ही उन्होंने लोगों को आगाह करते हुए एक मैसेज भी डाला कि अगर उनके नाम से कोई पैसे मांगे तो वह उसे नजरअंदाज कर दें। एसएसपी मुनिराज जी. का कहना है कि किसी व्यक्ति ने उनके नाम का इस्तेमाल करते हुए ठगी की कोशिश की है।
उसे ट्रेस करने की कोशिश की जा रही है। जालसाज लोगों को ठगने के लिए जिले में तैनात पुलिस-प्रशासनिक अधिकारियों के नाम का सहारा ले रहे हैं। करीब डेढ़ माह पहले हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट का जज बनकर जीडीए वीसी और डीएम पर होटल का नक्शा पास कराने का दबाव डाला गया था। दो दिन पहले जीडीए वीसी के नाम से ठगी की कोशिश की गई थी। अब जालसाजों ने जिले के एसएसपी के नाम से ही ठगी की कोशिश कर डाली।