गाजियाबाद

गाजियाबाद में वैशाली वार्ड से निर्विरोध चुने गए पार्षद राजकुमार सिंह

Shiv Kumar Mishra
26 April 2023 9:06 AM IST
गाजियाबाद में वैशाली वार्ड से निर्विरोध चुने गए पार्षद राजकुमार सिंह
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गाजियाबाद। वार्ड नम्बर 89 वैशाली तीन के भाजपा प्रत्याशी राजकुमार सिंह निर्विरोध चुनाव जीत गए हैं। क्योंकि रामप्रस्थ ग्रीन जैसी वीवीआइपी सोसाइटी का प्रतिनिधित्व करने वाले इस प्रतिष्ठित वार्ड से उनके अलावा किसी ने भी अपना नामांकन पत्र दाखिल नहीं किया है। इसका मतलब साफ है कि शतप्रतिशत लोगों ने उन्हें अपना नेता मानकर गजब का राजनीतिक सम्मान प्रदर्शित किया है। इस क्षेत्र में उनकी व्यक्तिगत लोकप्रियता का आलम यह रहा कि कांग्रेस, सपा, बसपा, रालोद, आप जैसी धुरंधर राजनीतिक पार्टियों को भी उनके खिलाफ चुनाव लड़ने वाला कोई कार्यकर्ता नहीं मिला, जो कि बहुत बड़ी बात है। सियासत में ऐसे उदाहरण विरले ही मिलते हैं।

उन्होंने बताया कि पार्षद प्रतिनिधि/पति के तौर पर उन्होंने पिछले 5 वर्षों से इस वार्ड की अहर्निश सेवा की है और दलगत राजनीति से ऊपर उठकर सबका साथ लेकर सबका विकास सुनिश्चित किया, जिससे सबका विश्वास हासिल हो गया। यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मूलमंत्र का अनुकरण करते रहने से हासिल हुई बहुत बड़ी सफलता है। उन्होंने कहा कि अपने क्षेत्र में हर तरह की सुव्यवस्था कायम रखने में भी मैंने अपना पूरा समय दिया और राउंड द क्लॉक लोगों के लिए उपलब्ध रहे, जिससे कि लोगों का भरोसा मुझपर कायम हुआ। अपने इस सुकर्म का इतना शानदार और प्यार भरा तोहफा यहां के निवासी और सियासी कार्यकर्ता देंगे, यह उन्होंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था, लेकिन आज यह हकीकत बन चुका है।

वहीं, इस क्षेत्र की निवर्तमान पार्षद और उनकी धर्मपत्नी मधु सिंह भाटी ने बताया कि श्री सिंह इतने सुलझे हुए इंसान हैं कि मित्र तो मित्र अपने दुश्मनों की मदद करने में भी दिलेरी पूर्वक आगे बढ़ जाते हैं। यही वजह है कि उनका न तो कोई राजनैतिक शत्रु है और न ही व्यक्तिगत। वह दिन रात अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं की भलाई, जनता के बताए हुए कार्य, लोगों की भलाई वाले कार्य, वरिष्ठ नेताओं और पार्टी द्वारा मिले हुए असाइनमेंट को पूरा करवाने में ही ततपर रहते हैं। इसके लिए वो भूख-प्यास की भी चिंता नहीं करते और कहते कि ईश्वर ने हमें लोगों की मदद करने के लिए राजनीति में लाया है। इसलिए अपने इस दायित्व में लापरवाही कतई नहीं करूंगा। क्योंकि हमारे देवतुल्य कार्यकर्ताओं को लोगों को जवाब देना पड़ता है कि क्या हुआ और क्या होने में विलम्ब है। नहीं सुनना उन्हें पसंद नहीं, क्योंकि सकारात्मक व्यक्तित्व के स्वामी हैं।

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