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जानलेवा वायरस कोरोना से ज्यादा घातक है दरोगा राम गोपाल
डॉ0 वी0के0सिंह
(वरिष्ठ पत्रकार)
गाजियाबाद। देश इस समय भले ही वैश्विक महामारी एव प्राण घातक चीनी वायरस कोरोना से जूझ रहा है, वहीं देश के महायोद्धा चिकित्सक, स्वच्छक कर्मचारी, एव पुलिस कर्मी कोरोना नामक यमराज से देश को बचाने हेतु दो दो हाँथ कर रहे हैं किन्तु, दुर्भाग्यपूर्ण बात है कि गाज़ियाबाद पुलिस में दरोगा रामगोपाल जैसे लोग भी मौजूद है जो प्राणघातक चीनी वायरस कोरोना से कहीं ज्यादा घातक सिद्ध हो रहे हैं। गाजियाबाद जनपद थाना विजय नगर के गंगाजल चौकी प्रभारी रामगोपाल के कारनामे वैसे तो किसी से छुपे नहीं हैं।
फिर भी विश्वस्त सूत्रों से प्राप्त जानकारी एव साक्ष्यों से ज्ञात हुआ है कि, उक्त चौकी प्रभारी ने आज से लगभग दो दिवस पूर्व दिनाँक 19 अप्रैल 2020 की दोपहर बाद लगभग 3:0 से 4: 0 बजे के बीच दिहाड़ी मजदूर वेदप्रकाश को थाना क्षेत्र सिज्वान नगर से बिना किसी आरोप प्रत्यारोप के अपनी वर्दी के बलपर गैरकानूनी तरीके से हिरासत में लेकर बर्बरता की सारी सीमायें लाँघकार पीटा, और इस हद तक पीटा की दिहाड़ी मजदूर की जानपर बन आयी। उक्त प्रकरण के बारे में जैसे ही थाना प्रभारी विजय नगर नागेंद्र चौबे को पता चला तो उन्होंने मामले की गंभीरता भाँपते हुये, पुलिस द्वारा पीड़ित मजदूर के इलाज हेतु दो हजार रुपये नगद एव मजदूर के घर मे राशन भिजवाकर स्वः विभाग के मत्थे पर लगे कलंक को बचाने का महज प्रयास मात्र किया है किन्तु, समाज जानना चाहता है कि, पुलिस विभाग में कोरोना से ज्यादा घातक इस दरोगा नामक वायरस का विभाग के पास कोई इलाज है क्या?
क्या पुलिस के उच्चाधिकारियों के पास ऐसे प्राणघातक दरोगा नामक वायरस से समाज को बचाने हेतु, कोई टीका है? या फिर सचमुच कानून अन्धा है? पूर्व में भी दरोगा रामगोपाल ने सिद्धार्थनगर विजय नगर निवासी महिला के बेटे के अपहरण मामले में अपह्रत बच्चे की बेबस माँ से 20 हजार रुपये हड़प लिये थे, बेबस महिला ने अपने अपह्रत बच्चे का दर्द एव दरोगा का घिनौना चेहरा मीडिया के समक्ष रखा तथा एक औचक निरीक्षण पर आए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कलानिधि नैथानी को बताना चाहा किन्तु, थाना पुलिस बल के सामने असहाय महिला अपना दर्द नहीं व्यक्त कर सकी, चूंकि उसे पुलिस द्वारा एकान्त में बंद कर दिया गया था।
इन दिनों गाजियाबाद पुलिस का चेहरा कोरोना नामक प्राणघातक वायरस से लड़ने में, एव सर्व समाज के प्राणों की रक्षक के रूप में उभरकर आया है वहीं, प्राणघातक वायरस से ज्यादा खतरनाक दरोगा रामगोपाल का भयानक चेहरा भी उजागर है तथा विभाग के इस वायरस को बचाने वाले कुछ उच्चाधिकारियों के चेहरे भी कानून एव समाज के सामने हैं, बहराल उक्त पूरे प्रकरण में सघन व निष्पक्ष जाँच की आवश्यकता है, तथा समाज को कोरोना से ही नहीं अपितु ऐसे धनलोभी दरोगाओं से भी बचने की आवश्यकता है।