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पॉक्सो कोर्ट ने मात्र 30 दिन में आरोपी को सुनाई मौत की सजा
दिल्ली से सटे जनपद गाजियाबाद की जिला अदातल की पॉक्सो कोर्ट के न्यायाधीश महेन्द्र श्री वास्तव ने गाजियाबाद में ढाई साल की बच्ची की दुष्कर्म के बाद हत्या करने वाले रिश्ते के चाचा को पॉक्सो कोर्ट ने दोषी करार दिया है। अदालत के विशेष न्यायाधीश महेंद्र श्रीवास्तव ने सिर्फ 20 दिन की सुनवाई में अभियुक्त को दोषी पाया। सजा पर बहस 20 जनवरी को दोषी पोक्सो एक्ट में फाँसी की सजा सुनाई व कहा की दोषी को जब तक फांसी पर लटका रखा जाए जब तक उसकी मृत्यु नहीं हो जाती।
आई पी सी 302 आजीवन कारावास आईपीसी धारा 201 साक्ष्य छुपाना में 7 साल की सजा जुर्माना ओर ₹100000 लगाया के दौरान अभियोजन पक्ष ने अदालत में 10 गवाह पेश किए। सनसनीखेज घटना को फैक्टरी कर्मचारी के ही जिगरी दोस्त चंदन पांडेय ने अंजाम दिया था।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक 19 अक्तूबर 2020 को कविनगर थाने पीड़ित ने सूचना दी थी कि उसकी ढाई साल की मासूम बेटी अचानक लापता हो गई थी। परिजनों के शक पर पुलिस ने पीड़ित के जिगरी दोस्त चंदन पांडेय को उसी रात हिरासत में लेकर पूछताछ की, लेकिन वह बच्ची के बारे में जानकारी न होने की बात कहते हुए गुमराह करता रहा।
दूसरे दिन को दोपहर में कविनगर इंडस्ट्रियल एरिया में नाले के किनारे झाड़ियों में बच्ची का शव बरामद हुआ था। इसके बाद पुलिस की सख्ती पर चंदन ने जुर्म कबूल कर लिया था। परिजनों की तहरीर पर हत्या, दुष्कर्म व पोक्सो एक्ट के तहत केस दर्ज कर चंदन को गिरफ्तार कर लिया था तभी से वह डासना जेल में बंद है। वहीं मृतका की माता ने कहा कि कोर्ट का फैसला सही आया है लेकिन बच्ची की आत्मा को तब शांति मिलेगी जब यह है दोषी फांसी के फंदे पर लटककर दम नहीं तोड़ देता।