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- जब प्रशिक्षण के दौरान...
जब प्रशिक्षण के दौरान जिलाधिकारी अजय शंकर पाण्डेय चुपचाप जाकर मतदान कर्मियों के बीच बैठकर लेने लगे ट्रेनिंग, फोटो हुए वायरल
जब गाजियाबाद के जिलाधिकारी अजय शंकर पाण्डेय जब बैकबेंचर बने तो बात चौकानें वाली थी. लेकिन सवाल खड़ा हो गया. क्यों जिलाधिकारी वो भी गाजियाबाद जैसे हाई-फाई महानगर के बैकबेंचर कैसे हो सकते हैं?
आईजीआरएस निस्तारण में जनपद को प्रथम स्थान दिलाने वाले विकास कार्यों में प्रदेश में दूसरा स्थान प्राप्त करने वाले जिलाधिकारी अजय शंकर पाण्डेय को आखिर बैकबेंचर का तमगा मिले तो चौंकाने वाला होगा.लेकिन आज बैकबेंचर बने हुए जिलाधिकारी कैमरे में भी कैद हुए और करीब आधे घंटे तक बैकबेंच पर बैठकर कुछ सीखते हुए मिले.
घटनाक्रम की गुत्थी को हम सिलसिलेवार आपको समझाते हैं. जनपद में 15 अप्रैल 2021 को पंचायत चुनाव होने पंचायत के चुनाव में 3832 कार्मिकों की ड्यूटी मतदान कार्यों में लगाई गई है. मतदान कर्मियों की मतदान प्रक्रिया की जानकारी चुनाव की सफलता का सबसे बड़ा मूल मंत्र होता है. मतदान कर्मियों को इस के लिए प्रशिक्षण की व्यवस्था प्रदान की जाती है. इसी कड़ी में सभी मतदान कर्मियों को प्रशिक्षण देने के लिए आई टी एस कॉलेज मोहन नगर में व्यवस्था की गई थी. यह प्रशिक्षण दो पालियों में प्रदान किया जा रहा था. प्रथम पाली प्रातः 10:00 बजे से अपराहन 12:30 बजे तक एवं दूसरी पाली अपराहन 1:30 बजे से शाम 4:00 बजे तक चलेगी कैसे दिया जा रहा है क्वालिटी क्या है मतदान कर्मियों का प्रशिक्षण में क्या रिस्पांस है यह जानकारी लेने जिलाधिकारी स्वयं आई टी एस कॉलेज मोहन नगर पहुंचे यहां उपस्थित अधिकारियों ने जिलाधिकारी का स्वागत किया और उन्हें प्रशिक्षण देने वाले कमरे में ले गए.
परंतु जिलाधिकारी ने सभी अधिकारियों को कमरे के बाहर ही रोक दिया और अकेले ही मास्क लगाकर कमरे में प्रवेश किया. सामान्यता ऐसे प्रशिक्षण में जिलाधिकारी मंच पर बैठते हैं और वहीं से प्रशिक्षण लेने वाले कर्मियों को संबोधित करते हैं. परंतु जिलाधिकारी ने मंच पर बैठने के बजाए प्रशिक्षण दे रहे कर्मियों के बीच में एक खाली सीट पर बैठना ज्यादा पसंद किया. उन्होंने बतौर प्रशिक्षण देने वालों की बात को सुना. अपने अगल-बगल और आगे पीछे वाली बैंचो पर बैठे मतदान कर्मियों में बतौर साथी प्रशिक्षण के मानक के बारे में एवं जानकारी भी ली. इस दौरान न तो प्रशिक्षण देने वालों को नहीं किसी को यह आभास हो पाया जिलाधिकारी उनके बीच में है. चूँकि जिलाधिकारी मास्क लगाये हुए थे.
यही नहीं जिलाधिकारी ने बतौर प्रशिक्षण देने वालों से मतदान प्रक्रिया को लेकर अपने सवाल भी रखे. जमीनी फीडबैक के आधार पर जिलाधिकारी ने प्रणाली में कुछ सुझाव मुख्य विकास अधिकारी को दिए. इस तरह बैकबेंचर बन कर प्रशिक्षण की क्वालिटी के रूप जिलाधिकारी ने विशेष संदेश लोगों को दिया है. इसकी चर्चा आज दिन भर रही.
आज पहली बार की प्रशिक्षण में 22 कर्मी अनुपस्थित रहे जिस के संबंध में जिलाधिकारी ने इन सभी प्रशिक्षण में अनुपस्थित कर्मियों का 1 दिन का वेतन रोकने के निर्देश उनके विभाग अध्यक्षों को दिए हैं. साथ ही जिलाधिकारी ने इन सभी अनुपस्थित कर्मियों को प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए 9 अप्रैल को बुलाया है. यदि 9 अप्रैल को प्रशिक्षण में उपस्थित हुए और उनके विरुद्ध सुसंगत धारा में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज की जाएगी.