गाजियाबाद

गाजियाबाद: बीजेपी नेता राहुल प्रधान ने 501 दीपक जलाकर मनाई दीपावली

Shiv Kumar Mishra
6 Aug 2020 1:39 PM IST
गाजियाबाद: बीजेपी नेता राहुल प्रधान ने 501 दीपक जलाकर मनाई दीपावली
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गाजियाबाद : अयोध्या में राम जन्मभूमि मंदिर की अर्ध शिला रखने के बाद शुभ घड़ी के अवसर पर 5 अगस्त को 7 बजे 501 दीपक जलाकर दीपावली मनाई गई!वरिष्ठ समाजसेवी एवं भाजपा(किसान मोर्चा) राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य: राहुल प्रधान सह धर्मणी राहुल आंचल प्रधान ने बताया की कितने देशों में और किन-किन रूपों में भगवान राम मौजूद हैं.

उन्होंने कहा कि भारत की आस्था राम हैं, भारत के आदर्शों में राम हैं. भारत की दिव्यता में राम है, भारत के दर्शन में राम हैं. विश्व की सबसे अधिक मुस्लिम जनसंख्या इंडोनेशिया में हैं, वहां पर भी रामायण का पाठ होता है. श्री प्रधान ने बताया कि हो कंबोडिया, श्रीलंका, ऑस्ट्रेलिया, मलेशिया, नेपाल समेत दुनिया के कई देशों मैं राम नाम लिया जाता है दुनिया के किन देशों में भगवान रामपुर जाते हैं वहां की संस्कृति और परंपरा में किस तरह जोड़ते हैं.

कंबोडिया में रामायण का प्रचलन आज भी

कंबोडिया मैं हिंदू सभ्यता के अन्य अंगों के साथ-साथ रामायण का प्रचलन है. छठी शताब्दी के एक शिलालेख के अनुसार वहां के कई स्थानों पर रामायण-महाभारत का पाठ होता था.

ऑस्ट्रेलिया के दीप समूहों तक फैली है राम नाम की कीर्ति

जानकारों के मुताबिक मेडागस्कर कहे जाने वाले दीप से लेकर ऑस्ट्रेलिया तक दीप समूहों पर रावण का राज था, लेकिन राम विजय के बाद यहां पर भगवान राम की कीर्ति फैल गई. राम के नाम के साथ रामकथा भी इस दीप समूह में फैली और वर्षों तक यहां के निवासियों के जीवन का प्रेरक अंग बनी रही.

मलेशिया में मुस्लिम भी जोड़ते हैं अपने नाम के साथ राम नाम

मलेशिया में हिंदू धर्म मानने वालों की संख्या काफी ज्यादा है. इस देश में राम कथा का प्रचार अभी तक है. वही मुस्लिम भी अपने नाम के साथ अक्सर 'राम- लक्ष्मण'और 'सीता'का नाम जोड़ते हैं. यह रामायण को 'हिकारत सेरीराम'कहते है.

अच्छा इंसान बनने के लिए रामायण का पाठ

इंडोनेशिया के सुमात्रा दीप का वाल्मीकि रामायण में स्वर्ण-भूमि नाम दिया गया है. रामायण यहां के जन-जीवन मैं वैसे ही बसी हैं, जैसे भारतवासियों के इंडोनेशिया में बेहतर इंसान बनाने के लिए मुसलमान भी रामायण पाठ पढ़ते हैं रामायण वही की स्कूली शिक्षा का हिस्सा है. इंडोनेशिया के लोगों पर आज भी रामायण का गहरा प्रभाव देखने को मिलता है।

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