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कोरोना से प्रभावित परिवारों के लिए गाजियाबाद DM की अनूठी पहल, 'Always With You' कार्यक्रम की शुरुआत
गाजियाबाद : इस समय कोरोना महामारी से पूरा देश जूझ रहा है. कोरोना की दूसरी लहर ने भारत में तबाही मच रखी है. इस जानलेवा वायरस से देश में रोजाना तकरीबन 4000 लोगों की मौत हो रही है. कोरोना कालखंड में दुखद अनुभव सामने आया है कि कोरोना संक्रमण के दौरान परिवारों के मुखिया या पिता की मृत्यु हो गई है. यह ऐसे परिवार हैं जिन्होंने अपने पिता या अपने गार्जियन को खोने के बाद सदमे की स्थिति में आ गए हैं. इन परिवार में ऐसे बच्चे हैं या उनकी धर्मपत्नी है, जो अपने पिता या पति के रोजगार की गतिविधियों से व्यवसायिक नियमों से पूरी तरह से अनभिज्ञ है.
पिता की या पति की एकाएक मृत्यु हो जाने से उनके आश्रित परिवारिकजनों के उनके व्यवसाय से उन्हें जुड़ने या उस व्यवसाय को आगे बढ़ाने को लेकर वैक्यूम की स्थिति उत्पन्न हो गई है. मृतक पिता या पति के बैंक एलआईसी या अन्य व्यवसाय प्रक्रिया से जुड़ने के लिए उनके पास कोई सहायता करने वाला या मार्गदर्शन करने वाला नहीं मिल रहा है. उनके मित्र रिश्तेदार आज भी कोरोना संक्रमण के चलते लॉकडाउन की वजह से चाहकर भी मदद नहीं कर पा रहे हैं. ऐसे लोगों की सहायता करना उनकी सामाजिक एवं आर्थिक/व्यवसायिक गतिविधियों को पटरी पर लाने के लिए जिलाधिकारी गाजियाबाद द्वारा 'Always With You' नाम से कार्यक्रम की शुरुआत की है.
इस कार्यक्रम के तहत निम्नलिखित कार्यवाही शुरू करने का निर्णय लिया गया है.
- Always With You नाम से जिलाधिकारी द्वारा एक ईमेल आईडी [email protected] जनरेट कराई गयी है.
- इस ईमेल आईडी में अपना पता मोबाइल नंबर लिखकर केवल सहायता करने का अनुरोध किया जाना होगा.
- इस प्रकार का अनुरोध प्राप्त होने पर जिलाधिकारी द्वारा ऐसे प्रत्येक प्रकरण के लिए एक जिम्मेदार अधिकारी को उस परिवार की सहायता के लिए 'प्रशासन मित्र' नाम से नियुक्त किया जाएगा.
- यह अधिकारी 'प्रशासन मित्र' तदनुसार परिवार से संपर्क करेगा और सरकारी और व्यवसायिक गतिविधियों की औपचारिकताओं को पूरा करने में पूरी मदद करेगा.
- मृत्यु प्रमाण पत्र, वारिसान प्रमाण पत्र, बैंक खाते में नामांतरण की कार्यवाही कराना, एलआईसी क्लेम दिलाना, सरकारी विभाग में व्यवसाय से जुड़ी प्रक्रियाओं को पारिवारिक जनों के आश्रितों को सहायता उपलब्ध कराने के लिए अधिकारी परिवार और संबंधित विभागों के बीच समन्वय की भूमिका निभाएंगे.
- यह अधिकारी परिवार के व्यवसायिक गतिविधियों को रूटीन में लाने के लिए जिन सरकारी/विभागीय प्रपत्रों की आवश्यकता होगी, उन्हें भी पूरा कराने का कार्य करेंगे.
जिलाधिकारी अजय शंकर पांडे ने यह भी निर्देश दिए हैं कि जिन परिवारों के सदस्यों की मृत्यु कोरोना से हुई है, वहां स्वयं कुछ अधिकृत अधिकारी दूरभाष से जिला प्रशासन की ओर से संपर्क करके और उनकी उपरोक्त वर्णित कठिनाइयों के संबंध में जानकारी लेकर कार्यवाही सुनिश्चित करेंगे.
इसकी शुरुआत जिलाधिकारी शंकर पांडे के निर्देश पर शुरू हो गई है और एक मृतक आश्रितों को प्रक्रिया को यहां पर वर्णित किया जा रहा है.
गाजियाबाद में बालकिशन की मृत्यु कोरोना संक्रमण से हो जाने पर उनके पुत्र द्वारा दूरभाष पर बताया गया कि, 'मेरा नाम सूर्या शर्मा पुत्र स्वर्गीय श्री बालकिशन शर्मा है. मेरे माता और पिता दोनों अप्रैल में शुरुआत में कोविड-19 से प्रभावित हुए मेरी मां की हालत गंभीर हो गई और उन्हें 12 अप्रैल को यशोदा अस्पताल गाजियाबाद में भर्ती कराया गया मेरे पिता भी पॉजिटिव हो गए उन्हें 24 अप्रैल 2021 को कैलाश अस्पताल नोएडा में भर्ती कराया गया.
कोरोना से लंबी लड़ाई के बाद मेरे पिता 30 अप्रैल तक ठीक हो रहे थे लेकिन अस्पताल में सेकेंडरी इंफेक्शन हो गया उनकी तबीयत खराब हो गई और उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया अंत में 11 मई 2021 को उनका निधन हो गया. इसके बाद मैंने जिलाधिकारी को कॉल करने का अनुरोध किया मेरे पिता के स्वामित्व वाले हमारे संसाधनों का प्रबंधन करने के लिए एक आवश्यक प्रमाण पत्र और अन्य कानूनी दस्तावेजों को इकट्ठा करने के लिए बहुत सारे कानूनी कार्यों की आवश्यकता थी. डीएम साहब ने तुरंत मेरी बात सुनकर मेरी समस्या का निदान करने के लिए एक विशेष संपर्क अधिकारी नियुक्त किया. जिनके द्वारा मुझसे संपर्क कर मेरी परेशानियों को समझकर उन्हें ट्रैक करते हुए सभी आवश्यक कागजी कार्यवाहियां पूर्ण कराई गई और समय से उनका निदान कराया गया. यह सब लॉकडाउन के समय में कराया गया. हमारे पिता की अनुपस्थिति मैं और मेरी मां के अभी भी अस्वस्थ होने के कारण डीएम सर का समर्थन मेरे और मेरे पीड़ित परिवार के लिए सब कुछ है.'