गाजियाबाद

गाजियाबाद: 425 करोड़ में वैशाली से मोहन नगर तक दौड़ेगी नियो मेट्रो, 1 KM पर 75 करोड़ आ रहा खर्चा

Shiv Kumar Mishra
21 Aug 2022 8:04 AM GMT
गाजियाबाद: 425 करोड़ में वैशाली से मोहन नगर तक दौड़ेगी नियो मेट्रो, 1 KM पर 75 करोड़ आ रहा खर्चा
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गाजियाबाद: वैशाली से मोहन नगर तक नियो मेट्रो (Neo Metro In Ghaziabad) का प्रॉजेक्ट अगर फाइनल किया गया तो लागत सिर्फ 425 करोड़ रुपये आएगी। महाराष्ट्र मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (MMRC) के एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर अनूप अग्रवाल ने शुरुआती रिपोर्ट लगभग तैयार कर ली है। इसमें 70 से 75 करोड़ रुपये प्रति किमी की लागत आने का अनुमान है। डिपो की जमीन की कीमत को इसमें शामिल नहीं किया गया है। डिपो के लिए एक से डेढ़ एकड़ जमीन की जरूरत होगी। इसी रूट पर रोपवे प्रॉजेक्ट के लिए यह खर्च 450 करोड़ रुपये तक आने का अनुमान जताया गया था।

एमएमआरसी के एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर ने कहा कि 21 अगस्त को महाराष्ट्र मेट्रो की एक लाइन का उद्घाटन प्रस्तावित है। इसी वजह से नियो मेट्रो प्रॉजेक्ट की रिपोर्ट को अंतिम रूप नहीं दिया जा सका। जीडीए के अधिकारियों का कहना है कि लगभग इतनी ही लागत में रोपवे प्रॉजेक्ट तैयार हो रहा है। वैशाली से मोहननगर की रोपवे प्रोजेक्ट की तैयार डीपीआर में 450 करोड़ रुपये लागत अनुमानित थी। मेट्रो नियो में 425 करोड़ रुपये की लागत आनी संभावित है। वैशाली से मोहननगर के बीच की दूरी 5.2 किमी की है। उन्होंने बताया कि जहां तक डिपो की जमीन का सवाल है तो इस प्रॉजेक्ट के पीछे की तरफ ग्रीन बेल्ट की जमीन है। उसे डिपो के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। ऐसे में जमीन खरीदने का खर्च भी घट जाएगा।

बाकी रूट की बढ़ सकती है लागत

नियो मेट्रो के राजनगर एक्सटेंशन से हिंडन रिवर मेट्रो स्टेशन और न्यू बस अड्डा मेट्रो स्टेशन से गाजियाबाद रेलवे स्टेशन के बीच इसके निर्माण किए जाने की लागत बढ़ सकती है। वहां पर जमीन का मिलना मुश्किल लग रहा है। अधिकारियों का कहना है कि महामाया स्टेडियम के पीछे कुछ ग्रीन बेल्ट का एरिया हो सकता है। लेकिन, राजनगर एक्सटेंशन वाले रूट पर जमीन के बारे में विचार किया जा रहा है। जमीन की कीमत देने पर प्रॉजेक्ट की लागत बढ़ जाएगी।

पीपीपी मोड पर हो रहा विचार

जीडीए के चीफ इंजीनियर राकेश कुमार गुप्ता का कहना है कि जिस तरह से पहले रोपवे प्रॉजेक्ट को पीपीपी मोड पर बनाए जाने का विचार किया जा रहा था, ऐसे ही नियो मेट्रो का भी पीपीपी मोड पर निर्माण किया जा सकता है। इसके निर्माण में लोग ज्यादा दिलचस्पी दिखाएंगे। एक बार इसके बन जाने से पीपीपी मोड पर निर्माण करने वाली एजेंसी उसकी लागत आसानी से निकाल सकेगी। नियो मेट्रो पब्लिक ट्रांसपोर्ट का एक बेहतर विकल्प बन सकता है।

आधुनिक ट्राम की तरह है मेट्रो नियो

मेट्रो नियो एक आधुनिक समय की ट्राम की तरह है, जिसे पटरियों की आवश्यकता नहीं होगी। यह पहियों पर चलेगी, जो ओवरहेड बिजली के तारों से संचालित होगी। वर्ष 2018 में जीडीए ने गाजियाबाद में नोएडा सेक्टर 62 से साहिबाबाद और वैशाली से मोहन नगर तक दो मार्गों पर मेट्रो विस्तार परियोजना की योजना बनाई थी। जीडीए ने परियोजना की लागत 3711 करोड़ रुपये होने का अनुमान लगाया था, लेकिन फंड के मुद्दों के कारण परियोजना ठंडे बस्ते में चली गई। नियो मेट्रो कोचों की औसत लंबाई 24-25 मीटर के बीच होती है और इसमें 225 यात्री बैठ सकते हैं। वहीं, एक रोपवे वैगन एक बार में केवल दस यात्रियों को लेकर चल सकता है। रोपवे की तुलना में मेट्रो नियो परिचालन लागत भी कम है।

साभार NBT

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