गाजियाबाद

विक्रम त्यागी का सुराग लगाने में गाजियाबाद पुलिस एक माह बाद भी नाकाम, जांच सीबीआई को देने की उठ रही है मांग

Shiv Kumar Mishra
30 July 2020 3:59 AM GMT
विक्रम त्यागी का सुराग लगाने में गाजियाबाद पुलिस एक माह बाद भी नाकाम, जांच सीबीआई को देने की उठ रही है मांग
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कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने विक्रम त्यागी के परिवार से बात करके उनको दिलासा दी और उन्होंने इस मसले पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखा है व परिवार को सहयोग का पूर्ण आश्वासन दिया है।

दीपक कुमार त्यागी

कंस्ट्रक्शन कारोबारी विक्रम त्यागी को राजनगर एक्सटेंशन गाजियाबाद से लापता हुए एक माह से अधिक का समय बीत चुका है, उसकी सकुशल वापसी की चिंता में विक्रम की पत्नी, बच्चों, माता, पिता, भाई, चाचा सहित अन्य सभी परिजन व परिवार के सभी हमदर्द बेहद परेशान हैं। पुलिस का विक्रम के केस की तह तक पहुंचने में नाकामी के चलते सभी परिजनों का भय व गम से बुरा हाल है। हालांकि विक्रम के चाचा संजय त्यागी ने उसकी तलाश के लिए दिनरात एक कर रखें हैं, उन्होंने अपने संपर्क व प्रयासों से आज विक्रम की तलाश को उत्तर प्रदेश के कई जनपदों में बहुत सारे लोगों के लिए एक रोजमर्रा की मुहिम बना दिया है। सूत्रों के अनुसार इस केस की जांच कर रही उत्तर प्रदेश पुलिस के हाथ अभी तक भी खाली हैं, एक माह बीत जाने के बाद भी पुलिस को अभी तक विक्रम का कोई भी ठोस सुराग नहीं मिला है। जिसके चलते विक्रम की तलाश में लगे सभी लोगों में एक-एक दिन बीतने के साथ ही चिंता व आक्रोश तेजी से बढ़ता जा रहा है। जिसकी वजह से विक्रम की गुमशुदगी का यह मामला अब धरातल पर धीरे-धीरे एक बड़े जन आंदोलन का रूप अख्तियार कर चुका है। एक तरफ तो रोजाना अलग-अलग शहरों में लोग प्रशासन को विक्रम की सकुशल बरामदगी के लिए ज्ञापन दे रहे हैं, कैंडल मार्च निकाल रहे हैं, धरने पर बैठे हैं, भूख हड़ताल कर रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ लोगों के द्वारा सोशल मीडिया के बेहद सशक्त माध्यम से विक्रम त्यागी के मामले को प्रधानमंत्री, गृहमंत्री, मुख्यमंत्री व डीजीपी तक के संज्ञान में लाने के लिए रोजाना प्रयास किये जा रहे हैं। रोजाना ट्विटर के माध्यम से सरकार से विक्रम त्यागी की सकुशल बरामदगी की मांग आमजनों के द्वारा की जा रही है। फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम आदि सोशल मीडिया के ताकतवर प्लेटफार्म पर विक्रम त्यागी की तलाश के लिए आम जनमानस के द्वारा लगातार एक मुहिम चलाई जा रही है। लेकिन अफसोस अभी तक विक्रम के बारे में कोई अच्छी खबर किसी भी सूत्र से नहीं मिल सकी है।

लेकिन अब विक्रम त्यागी का यह मामला पूरे देश में चर्चा का बड़ा मुद्दा बन गया है। कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने विक्रम त्यागी के परिवार से बात करके उनको दिलासा दी और उन्होंने इस मसले पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखा है व परिवार को सहयोग का पूर्ण आश्वासन दिया है। पूर्व सांसद जदयू के प्रधान महासचिव केसी त्यागी लगातार शासन-प्रशासन से विक्रम की सकुशल बरामदगी जल्द से जल्द करवाने के बारे बात कर रहे हैं। आप पार्टी के राज्य सभा सांसद संजय सिंह मामले के खुलासे के लिए उत्तर प्रदेश के प्रशासन से निरंतर संपर्क कर रहे हैं। कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव त्यागी दुख की इस घड़ी में विक्रम के परिवार के साथ लगातार खड़े हैं, राजीव त्यागी के द्वारा ही विक्रम के इस मामले को लगातार देश की बेहद ताकतवर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से विभिन्न राष्ट्रीय न्यूज चैनलों पर उठाया गया, कांग्रेस प्रवक्ता राजीव त्यागी ने विक्रम त्यागी की गुमशुदगी के मसले को चैनलों पर उठाकर राष्ट्रीय मुद्दा बना दिया है। उसके बाद से ही विभिन्न न्यूज चैनलों का ध्यान विक्रम त्यागी के केस पर केन्द्रित हुआ और अब वो आयेदिन राजनगर एक्सटेंशन गाजियाबाद के केडीपी ग्रांड सवाना में विक्रम के घर व धरनास्थल पर जाकर मामले को लगातार कवरेज प्रदान कर रहे हैं। जिसके चलते अब इस मामले की चर्चा राष्ट्रीय स्तर पर होने लगी है। आज हर पक्ष को विक्रम त्यागी की जल्द से जल्द सकुशल वापसी का इंतजार है। उत्तर प्रदेश के सिस्टम में भी ऊपर से नीचे हर स्तर पर मामले की खूब चर्चा है, लेकिन फिर भी अभी तक की जांच में पुलिस को कोई भी ठोस तथ्य हाथ नहीं लगा है। विक्रम के मामले में गाजियाबाद के सभी राजनैतिक दल आपसी मनमुटाव भूलकर एकजुट होकर के इस मामले के लिए प्रयासरत हैं। केस के खुलासे के लिए कांग्रेस, सपा, बसपा, जदयू, आप पार्टी आदि राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ-साथ उत्तर प्रदेश की सत्ता पर काबिज पक्ष भाजपा के नेतागण भी खुलकर धरनास्थल पर समर्थन देने के लिए लगातार आ रहे थे। इस मसले पर

भाजपा के शिक्षा प्रकोष्ठ के महानगर संयोजक विरेंद्र प्रताप सिंह त्यागी का कहना है कि जनता का यह आंदोलन सिहानीगेट पुलिस की लचर पुलिस व्यवस्था के खिलाफ है जिस में पत्रकार, एडवोकेट, शहर के विभिन्न व्यापार मंडल, बिल्डरों के संगठन और विभिन्न जातीय व सामाजिक संगठनों के साथ-साथ आम लोग भी पुलिस की भयंकर लापरवाही के प्रति आक्रोश के चलते बहुत तेजी से लगतार जुड़ते जा रहे हैं, उन्होंने कहा कि यशस्वी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के स्पष्ट आदेश है कि पुलिस के द्वारा किसी तरह की लापरवाही ना बरती जाये फिर भी थाना सिहानीगेट पुलिस की लापरवाही के चलते आज विक्रम एक माह से अधिक समय से अपराधियों के चंगुल में है।

वहीं विक्रम त्यागी की सकुशल बरामदगी के लिए आम लोगों के द्वारा विक्रम त्यागी न्याय मंच का गठन किया गया है, जिस मंच के तत्वावधान में मामले ने अब धीरे-धीरे बड़े जन आंदोलन का रूप ले लिया है और लगातार सात दिन धरना चला है। हालांकि अब इस धरने को गाजियाबाद प्रशासन के इस आश्वासन पर 4 अगस्त तक के लिए स्थगित किया गया है कि पुलिस जब तक विक्रम के केस का खुलासा कर देगी, साथ ही 28 जुलाई को ही विक्रम त्यागी न्याय मंच के संयोजक वरिष्ठ पत्रकार आशित त्यागी व धरने के संयोजक अश्विनी त्यागी ने आंदोलन से जुड़े सभी पक्षों से सलाह करने के बाद 4 अगस्त तक विक्रम के केस का खुलासा ना होने पर उसके बाद सभी के सहयोग से एकबार फिर एसएसपी कार्यालय पर अनिश्चित कालीन धरना व भूख हड़ताल शुरू करने की घोषणा की है।

यहां आपको बता दे कि 26 जून की रात को कंस्ट्रक्शन कारोबारी विक्रम त्यागी अपने पटेल नगर कार्यालय से राजनगर एक्सटेंशन स्थित अपने घर वापस आते समय घर के पास से ही अचानक अपनी इनोवा क्रिस्टा गाड़ी के साथ लापता हो गये थे। सुत्रों के अनुसार विक्रम त्यागी के मोबाइल की अंतिम लोकेशन भी घर के पास राजनगर एक्सटेंशन ही आ रही थी और उसका मोबाइल भी वहीं स्विच ऑफ हुआ था। जिसके बाद विक्रम त्यागी के परिजनों ने रात में थाना सिहानीगेट जाकर पुलिस को विक्रम के साथ किसी अनहोनी होने की आशंका की सूचना दी, लेकिन विक्रम त्यागी का परिवार गाजियाबाद के बेहद सम्मानित व प्रतिष्ठित नागरिक होने के बाद भी अपने बच्चे के लिए रात को पुलिस से कोई मदद प्राप्त नहीं कर पाया, रात को थाना सिहानीगेट की पुलिस के रवैये ने विक्रम के परिवार को झकझोर कर रख दिया था। गाजियाबाद के थाना सिहानीगेट की पुलिस के गलत रवैये और भयंकर लापरवाही से पुलिस के द्वारा रात को विक्रम के परिवार की शिकायत पर कोई कार्यवाही तक नहीं की गयी थी, रात को विक्रम का परिवार पुलिस से एक वायरलेस तक पर सूचना प्रसारित करवाने में नाकाम रहा। आप इससे ही अंदाज लगा सकते हैं कि पुलिस का जब शहर के खास प्रतिष्ठित लोगों के साथ यह व्यवहार है तो बेचारे आम आदमी की तो बिसात ही क्या है। इसके बाद विक्रम के चाचा संजय त्यागी अपने परिजनों व मित्रों की सहायता लेकर रात भर जगह-जगह जाकर विक्रम की तलाश करते रहे और लापरवाही व आरामतलबी से ग्रस्त थाना सिहानीगेट की पुलिस चैन से अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़कर सोती रही। 27 जून को जब इस मामले की जैसे-तैसे एफआईआर दर्ज हुई, तो उसके बाद ही पुलिस को एक सूचना मिली की विक्रम त्यागी की इनोवा क्रिस्टा गाड़ी लावारिस हालात में मुजफ्फरनगर की तितावी शुगर मिल के पास से मिली है। लेकिन जब परिजनों ने वहां पहुंचकर गाड़ी की स्थिति देखी तो उनके लिए बेहद चिंताजनक बात यह थी कि गाड़ी की सीटों पर काफी मात्रा में खून पाया गया था। जिसके बाद से ही विक्रम के परिजनों व उसके परिवार के सभी हमदर्दों को विक्रम की सकुशल बरामदगी की बहुत ज्यादा चिंता सता रही है। लेकिन एक माह बीत जाने के बाद भी जांच में लगी पुलिस की सभी टीम विक्रम का कोई सुराग नहीं लगा सकी हैं और वो सभी बिल्कुल खाली हाथ हैं। सूत्रों के अनुसार चिंता की सबसे बड़ी बात यह भी है कि जांच रिपोर्ट में गाड़ी में मिला रक्त विक्रम के परिजनों से मिल गया है जिसके बाद से विक्रम का परिवार बहुत ज्यादा परेशान व तनाव में है।

इस मसले पर राष्ट्रीय त्यागी युवा संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष आशीष त्यागी का कहना है कि जब विक्रम के साथ यह घटना घटित हुई थी तब उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए बेहद सख्त रात्रि कर्फ्यू चल रहा था, अगर थाना सिहानीगेट पुलिस रात को ही लापरवाही व टालू रवैया अपनाये बिना समय से अपनी जिम्मेदारी का सही ढंग से पालन कर लेती और वायरलेस पर विक्रम व उसकी गाड़ी से संबंधित संदेश समय रहते तुरंत प्रसारित कर देती, तो आज विक्रम सकुशल हमारे बीच में होता।

क्योंकि जिस स्थल से विक्रम त्यागी की गाड़ी बरामद हुई थी वहां तक रास्ते में हर जनपद में जगह-जगह विभिन्न चैकपोस्टों पर पुलिस बैरियर लगाकर वाहनों की जांच करती है, तो विक्रम की इनोवा क्रिस्टा गाड़ी को हर हाल में कहीं ना कहीं पुलिस के द्वारा रोका जा सकता था, लेकिन अफसोस गाजियाबाद पुलिस के द्वारा वायरलेस पर संदेश प्रसारित ना करने के कारण उस दिन विक्रम त्यागी की गाड़ी को केवल खतौली के पास भंगेला पुलिस चैक पोस्ट के बैरियर पर खानापूर्ति के लिए रोका गया, जहां अपराधी खुद को दिल्ली पुलिस स्टाफ बता कर बेखौफ होकर बहुत ही आसानी से निकल गये थे, उसके बाद गाड़ी तितावी क्षेत्र में बरामद हुई थी।

अब विक्रम के इस पेचीदा मामले के खुलासे के लिए बहुत सारे तेजतर्रार पुलिस के अधिकारियों व अन्य कर्मियों की टीम लगातार काम कर रही हैं, कुछ दिन पहले इस मामले की जांच उत्तर प्रदेश पुलिस की एसटीएफ को दे दी गयी है, मामले की गंभीरता को देखते हुए एसएसपी कलानिधि नैथानी व एसपी सिटी मनीष मिश्रा खुद लगातार इस केस को देख रहे हैं।

इस मसले पर राष्ट्रीय त्यागी युवा संघ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नितिन त्यागी का मानना है कि पुलिस अभी तक विक्रम त्यागी की सकुशल बरामदगी नहीं कर पा रही है और पुलिस तंत्र के हाथ एक माह बाद भी पूर्ण रूप से खाली हैं, जिसके चलते अब विक्रम के परिजनों व अन्य हमदर्द लोगों का विश्वास पुलिस की जांच प्रक्रिया पर से उठने लगा है।

विक्रम के मसले पर मनोज त्यागी मकनपुर का कहना है कि विक्रम की सकुशल वापसी की उम्मीद रखने वाले लोगों के बीच अब गंभीर रूप से चर्चा होने लगी है कि अब उत्तर प्रदेश की योगी सरकार को मामले की गंभीरता को समझते हुए और अधिक देर ना करके विक्रम त्यागी के मामले की जांच को तत्काल सीबीआई को सौंप देना चाहिए। जिस से विक्रम त्यागी की सकुशल बरामदगी जल्द हो सकें और विक्रम व उसके परिजनों को समय रहते जल्द से जल्द न्याय मिल सकें।

।। जय हिन्द जय भारत ।।

।। मेरा भारत मेरी शान मेरी पहचान ।।

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