गाजियाबाद

प्राधिकरण में तैनात आधा दर्जन अधिकारियों की हो सकती है रवानगी, आकाओं के चक्कर लगा रहे हैं अधिकारी

प्राधिकरण में तैनात आधा दर्जन अधिकारियों की हो सकती है रवानगी, आकाओं के चक्कर लगा रहे हैं अधिकारी
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प्राधिकरण में तैनात उपाध्यक्ष द्वारा कई भ्रष्ट अधिकारियों की जीडीए से रवानगी कराई जाएगी। जिससे कि मठाधीश अधिकारियों से जीडीए को छूटकारा मिले और जनमानस में लगातार खराब हो रही है प्राधिकरण की छवि में सुधार लाया जा सके बरहाल सूत्र बताते हैं कि ब्लॉक प्रमुख चुनाव के बाद भ्रष्ट अधिकारियों की रवानगी की संभावनाएं हैं।

गाजियाबाद। जीडीए में तैनात कई अधिकारी इन दिनों अपनी कार्यशैली और यहां पर लंबी तैनाती को लेकर चर्चा का विषय बने हुए हैं वैसे तो गाजियाबाद विकास प्राधिकरण किसी ना किसी बात को लेकर हमेशा चर्चाओं में ही रहता है और पिछले दो दशक में महानगर किस तरह कंक्रीट के जंगल में तब्दील हो गया है यह अपने आप में सोचनीय विषय है यहां पर तैनात अधिकारी जहां एक और अवैध निर्माणों को बढ़ावा दे रहे हैं वही दूसरी ओर उसकी एवज में मोटी रकम भी वसूल रहे हैं ।

सूत्र बताते हैं कि वर्तमान में तैनात एक उच्च अधिकारी के नाम से भी जबरदस्त वसूली की जा रही है और सूत्रों के मुताबिक उपाध्यक्ष कार्यालय में तैनात लोगों के साथ साथ प्रवर्तन विभाग के आठ जोनो तैनात प्रभारी अधिकारी भी इस अवैध वसूली में पूरी तरह शामिल हैं जिसकी वजह से पूरे महानगर में अवैध निर्माणों का कार्य निरंतर बदस्तूर जारी है और प्राधिकरण में तैनात उच्च अधिकारी उस पर लगाम नहीं लगा पा रहे हैं।

प्राधिकरण में सबसे ज्यादा चर्चाओं में रहने में इन दिनों सचिव स्तर के एक अधिकारी जिलाधिकारी से शिकायत होने के बाद जबरदस्त चर्चाओं में है काबिल गौर बात यह है कि जीडीए में तैनात सचिव संतोष कुमार राय पिछले कई वर्षों से प्राधिकरण में जमे हुए हैं और पूर्व में कई बार इनकी कार्य प्रणाली को लेकर उन पर उंगली उठती रही है। साथ ही उन पर लगातार आरोप लगते रहे हैं कि वह लोगों की शिकायतों पर गंभीरता नहीं दिखाते हैं और परेशान व पीडि़तों की मदद करने के बजाय उन पर अपना रौब गालिब करते है विदित हो कि कुछ माह पूर्व जीडीए में भ्रष्टाचार का एक बड़ा खुलासा हुआ था जिसमें यह बात सामने आई थी की अवैध निर्माण के बदले GDA में प्रति लेंटर रेट फिक्स है।

जीडीए के प्रवर्तन विभाग द्वारा प्रति लेंटर एक लाख रुपया वसूला जाता है और हिस्सा अधिकारियों में बंटता है। इस प्रकरण में जीडीए अधिकारियों की बड़ी छिछालेदर हुई थी। जीडीए उपाध्यक्ष कृष्णा करुणेश कईअधिकारियों की कार्यशैली से काफी असंतुष्ट हैं। जीडीए उपाध्यक्ष ने कई अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने को लेकर शासन में पत्र भी भेजा मगर कोरोना काल में प्रभारी जिलाधिकारी के रूप में उनकी तैनाती हो जाने के कारण उनका पूरा ध्यान शहर वासियों को कोरोना संक्रमण से बचाने पर लगा रहा। और कृष्णा करूणेश ने प्रभावी ढंग से गाजियाबाद में कोरोना को कंट्रोल किया। लेकिन ध्यान कोरोना कंट्रोल पर होने के कारण कई लापरवाह बेपरवाह और भ्रष्ट अधिकारियों पर कार्रवाई में विलंब हो गया जिसके बाद अब चर्चाओं ने एक बार फिर जोर पकड़ा है।

प्राधिकरण में तैनात उपाध्यक्ष द्वारा कई भ्रष्ट अधिकारियों की जीडीए से रवानगी कराई जाएगी। जिससे कि मठाधीश अधिकारियों से जीडीए को छूटकारा मिले और जनमानस में लगातार खराब हो रही है प्राधिकरण की छवि में सुधार लाया जा सके बरहाल सूत्र बताते हैं कि ब्लॉक प्रमुख चुनाव के बाद भ्रष्ट अधिकारियों की रवानगी की संभावनाएं हैं।

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