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क्या विधायक पुत्र के मुकदमे में बेबस हो चुकी है गाजियाबाद पुलिस
गाजियाबाद। हर्ष फायरिंग को लेकर गाजियाबाद पुलिस बेहद सख्त रवैया अपनाती रही है लेकिन इस बार एक ऐसा मामला सामने आया जब गाजियाबाद पुलिस का दोहरा चरित्र सामने आ गया। दरअसल कुछ दिन पूर्व लोनी के विधायक नंदकिशोर गुर्जर के पुत्र नागेश गुर्जर का एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें वे हर्ष फायरिंग करते हुए नजर आए इसके बाद पुलिस के एक्शन में आने से पहले ही विधायक नंदकिशोर गुर्जर के समर्थक एक्शन में आ गए। जहां बार-बार भृमक सूचनाएं सोशल मीडिया द्वारा जारी की गई। कभी बताया गया कि जिस गन से विधायक पुत्र नागेश ने फायरिंग की वह एयरगन थी तो कभी यह बताया गया कि वह एक खिलौना गन थी। बड़ी बात यह है कि इस पूरे मामले में गाजियाबाद पुलिस और विशेष रूप से लोनी थाना पुलिस जांच के नाम पर खेल करती हुई नजर आई। कहीं ना कहीं यह कहा जा सकता है कि विधायक पुत्र के आगे गाजियाबाद पुलिस बैकफुट पर दिखाई दी जिस का दोहरा चरित्र सामने आया। जबकि लोनी विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने सोशल मीडिया पर अपना अभियान जारी किया है जिसमें उनका कहना है कि उनके पुत्र ने पक्षियों को भगाने वाली एयर गन से फायर किया था जोकि पूरी तरह से कानूनी दायरे के अंदर आती है।
इस संबंध में एसपी देहात डॉक्टर इरज़ राजा ने कहा था कि मामले की जांच की जा रही है और जांच के बाद ना सिर्फ आरोपी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी बल्कि अगर इसमें पुलिस कर्मियों की संलिप्तता पाई गई तो उनके खिलाफ भी कार्यवाही की जाएगी। लेकिन मामला आखिरकार आकर राजनीतिक दबाव के नीचे दब गया। बमुश्किल बेहद सोशल मीडिया पर शोर-शराबे के बाद मुकदमा दर्ज किया गया लेकिन बड़ी बात यह है कि गाजियाबाद पुलिस को नागेश गुर्जर के पिता का नाम नहीं मालूम जबकि गाजियाबाद की 46 लाख की आबादी इस बात को बखूबी जानती है कि नागेश्वर गुर्जर के पिता लोनी से मौजूदा विधायक हैं। जिनका नाम नंदकिशोर गुर्जर है। यह हम नहीं कह रहे बल्कि यह बात पुलिस द्वारा दर्ज एफआईआर में सामने आई जहां नागेश गुर्जर के पिता का नाम ना मालूम लिखा है। साथ ही विधायक पुत्र के घर का पता भी लोनी पुलिस को नहीं मालूम जबकि ऑफ द रिकॉर्ड कहा जाए तो दर्जनों वर्दीधारी अक्सर विधायक निवास पर दिखाई देते हैं।
वही इस संबंध में लोनी विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने कहा कि उन्हें मीडिया द्वारा मालूम चला था कि एक वीडियो वायरल हुआ है। जिसमें उनके पुत्र पर आरोप लगा है कि उसने एक वृक्ष रोपण कार्यक्रम के दौरान हर्ष फायरिंग की है जबकि सत्यता यह है कि उनके पुत्र ने एयर गन से फाइल किया था। एयरगन खेत में पक्षियों को भगाने के काम आती है। जिसका प्रयोग कानूनी दायरे के अंतर्गत है। उन्होंने इस पूरे मामले को विरोधियों की साजिश करार दिया और मीडिया से भी अनुरोध किया कि वे बिना जांच-पड़ताल के किसी पर इस तरह के आरोप लगाते हुए खबरें प्रचारित और प्रसारित ना करें।
बड़ी बात यह है कि लोनी से लेकर गाजियाबाद तक इस पूरे मामले की चर्चा बेहद जोरशोर हो रही है। सोशल मीडिया पर भी पक्ष और विपक्ष में लगातार पोस्ट वायरल की जा रही हैं लेकिन कुल मिलाकर गाजियाबाद पुलिस इस हाईप्रोफाइल मामले में पूरी तरह से बैकफुट पर दिखाई दी। जहां कानून,नियम, कानूनी कार्रवाई,और अनुशासन तब तक में रख दिए गए।