गाजियाबाद

IPS अजय मिश्रा ने गाजियाबाद पुलिस कमिश्नर का संभाला कार्यभार

Arun Mishra
30 Nov 2022 6:10 PM IST
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पुलिस कमिश्नर अजय मिश्रा फिलहाल गाजियाबाद एसएसपी ऑफिस में ही बैठेंगे।

गाजियाबाद के प्रथम पुलिस कमिश्नर अजय कुमार मिश्रा ने बुधवार की सुबह कार्यभार संभाल लिया। 2003 बैच के आईपीएस अजय कुमार मिश्र को सोमवार देर रात शासन ने गाजियाबाद का पहला पुलिस कमिश्नर नियुक्त किया था। इससे पहले वह लखनऊ डीजीपी मुख्यालय से संबद्ध थे। हाल ही में वे केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से लौटे थे और केंद्र में वह इंटेलिजेंस ब्यूरो में तैनात रहे।

पुलिस कमिश्नर अजय मिश्रा फिलहाल गाजियाबाद एसएसपी ऑफिस में ही बैठेंगे। इससे पहले वह कानपुर, वाराणसी, सुल्तानपुर जिले के एसएसपी रह चुके हैं। उनके पिता यूपी पुलिस में कांस्टेबल रहे हैं और मूल रूप से बलिया जनपद (उत्तर प्रदेश) के रहने वाले हैं। पुलिस आयुक्त अजय मिश्रा के गाजियाबाद तबादला होने के बाद यहां के एसएसपी मुनिराज को अयोध्या का एसएसपी बनाया गया है।

पुलिस अधिकारियों में है अजीब सी हलचल किसको मिलेगी तैनाती और किसकी होगी रवानगी

गाजियाबाद में पहले कमिश्नर की तैनाती हो गई है लेकिन अभी भी गाजियाबाद में मौजूद आईपीएस अधिकारियों से लेकर पीपीएस और थाना प्रभारियों से लेकर चौकी प्रभारियों को इस बात का भीतर ही भीतर संक्षय चल रहा है कि कौन जिले में रुकेगा और किसको जिले से बाहर जाना पड़ सकता है। सूत्र बता रहे हैं कि कई पुलिस के अधिकारी अपने वरिष्ठ अधिकारियों से संपर्क में आ गए हैं कि अगर उनको कमिश्नरी सिस्टम में जगह नहीं मिली तो वे अन्य जगह तलाश में पुलिस के सूत्र बता रहे हैं कि कुछ गाजियाबाद में तैनात पुलिस के अधिकारी अन्य जिलों के अधिकारियों के संपर्क में हैं और यहां से टाटा बाय-बाय होने के बाद वह कहां जा सकते हैं।

गाजियाबाद में बढ़ता अपराध है चुनौती

गाजियाबाद में 2021 की तुलना में हत्या और रेप जैसे मामले बढ़े हैं। दूसरी तरफ यहां हर दिन औसतन 6 से 7 वाहन चोरी हो रहे हैं। स्नैचिंग की घटनाएं भी लगभग रोजाना होती हैं। ऐसे में पहले सीपी के सामने इस समस्या को दूर करना बड़ी चुनौती होगी। हालांकि, गौतमबुद्धनगर में कमिश्नरेट बनने बाद स्ट्रीट क्राइम में कमी के दावे किए जा रहे हैं। इसका बड़ा कारण फोर्स की संख्या का बढ़ना बताया गया। हालांकि शुरुआत में मौजूदा सिस्टम और संसाधन के साथ ही काम करने की चुनौती होगी। सीपी का ऑफिस कहां होगा, अभी यह साफ नहीं है। विक्रम त्यागी अपहरण कांड समेत कई हाईप्रोफाइल केस अनसुलझे हैं। इन्हें सुलझाना भी बड़ी चुनौती से कम नहीं होगा।

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