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- क्या यह है भारत की...
क्या यह है भारत की मीडिया जो खुद को चौथा स्तंभ कहती है?
चंद्रकात कात्यायन
गाजियाबाद के सीजीएम कोर्ट में आशुतोष, राघव बहल और राजदीप सरदेसाई यह अपनी मर्जी से नहीं बैठे हैं बल्कि पूरे दिन के लिए इन्हें हिरासत में लिया गया था फिर जब इनकी जमानत हो गई उसके बाद ही में छोड़ा गया अब पूरी बात जानिए तो आपको इन से घृणा हो जाएगी ..ये आपको जहां भी मिलेंगे आप इनके मुंह पर थूक देंगे ...इन्होंने ना सिर्फ एक जाने-माने डॉक्टर बल्कि उनके पूरे परिवार की जिंदगी तबाह कर दी है
जब *IBN7* चैनल हुआ करता था जिसका नाम अब *न्यूज़18* है उस चैनल के मालिक होते थे राघव बहल और उस चैनल के कर्ताधर्ता थे पत्रकार राजदीप सरदेसाई और उसके मैनेजिंग एडिटर थे वर्तमान में आम आदमी पार्टी के नेता आशुतोष ...इन लोगों ने उस समय *नोएडा जिला अस्पताल के आर्थोपेडिक सर्जन डॉक्टर अजय कुमार अग्रवाल जो हजारों गरीबों का मुफ्त में ऑपरेशन करते थे* और उस सरकारी अस्पताल में भी घुटना ट्रांसप्लांट करके सैकड़ों मरीजों को जीवनदान दिए थे और बहुत नेक थे उन्हें बदनाम करने करता हुआ एक स्टिंग ऑपरेशन किया और इस नेक डॉक्टर का जीवन तबाह किया
समाचार चलाया गया की डॉक्टर अजय कुमार अग्रवाल एक ऐसा गैंग चलाते हैं जो लोगों के टांग काट कर उसे भिखारी बनाने का गिरोह चलाता है.
राजदीप सरदेसाई राघव बहल और आशुतोष ने बिना उस स्टिंग की सच्चाई जाने सिर्फ टीआरपी पाने के लिए उसे IBN7 और CNBC चैनल पर 4 दिनों तक चला दिया
इसके बाद डॉ अजय कुमार अग्रवाल की जिंदगी तबाह हो गई ना सिर्फ उनकी जिंदगी तबाह हुई बल्कि उनकी बेटियों ने पढ़ाई छोड़ दिया क्योंकि बच्चियों को अब बाहर निकलने में शर्म आती थी खुद डॉक्टर अजय कुमार अग्रवाल के खिलाफ 4 बार विभागीय जांच कर जांच में डॉक्टर अजय कुमार अग्रवाल निर्दोष पाए गए
अजय कुमार अग्रवाल इसके खिलाफ गाजियाबाद कोर्ट में केस दाखिल किए तो यह पूरी गैंग इलाहाबाद हाईकोर्ट के एक जज को करोड़ो रुपए देकर यह आदेश निकलवा लिया इनके खिलाफ कोई केस नहीं चल सकता फिर भी डॉक्टर अजय कुमार अग्रवाल ने हिम्मत नहीं आ रही और हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में गए सुप्रीम कोर्ट इलाहाबाद हाईकोर्ट के जज पर बहुत प्रतिकूल टिप्पणी किया कि आखिर कोई जज ऐसा आदेश कैसे दे सकता है और सुप्रीम कोर्ट ने अपने सख्त आदेश में कहा इन सभी 9 आरोपियों ने ना सिर्फ एक सम्मानित डॉक्टर बल्कि उसके पूरे परिवार की जिंदगी तबाह की है और इन्हें कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए और इसमें 12 घंटे के अंदर गाजियाबाद के कोर्ट में सरेंडर करना पड़ेगा और यदि यह सरेंडर नहीं करते हैं तो इन्हें इनके खिलाफ मुकदमा चलेगा इन्होंने पत्रकारिता को बदनाम किया है बल्कि एक डॉक्टर और उसके पूरे परिवार की जिंदगी तबाह की है.