गाजियाबाद

गाजियाबाद में बिना रजिस्ट्री कराए फ्लैटों पर दिया कब्जा, इन 45 बिल्डरों को दिया नोटिस

Shiv Kumar Mishra
11 Oct 2022 4:51 AM GMT
गाजियाबाद में बिना रजिस्ट्री कराए फ्लैटों पर दिया कब्जा, इन 45 बिल्डरों को दिया नोटिस
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गाजियाबाद: बिना रजिस्ट्री कराए फ्लैटों पर खरीदारों को कब्जा देने वाले बिल्डरों पर प्रशासन फिर शिकंजा कसेगा। स्टांप विभाग ने सर्वे कराकर छोटे-बड़े 45 बिल्डरों को चिह्नित कर नोटिस जारी किए हैं। स्टांप विभाग ने बिल्डरों को कब्जा दिए जा चुके फ्लैटों की रजिस्ट्री कराने के लिए 15 दिन की मोहलत दी है। इस अवधि में रजिस्ट्री न कराए जाने पर कार्रवाई की जाएगी।

स्टांप विभाग ने सभी सब-रजिस्ट्रार के माध्यम से ऐसे हाउसिंग प्रोजेक्ट का सर्वे कराया, जिनमें फ्लैट 500 से 1000 तक हैं और रजिस्ट्री सिर्फ 150-200 फ्लैटों की हुई हैं। भौतिक सर्वे में पाया गया कि बिल्डर की इन रिहायशी इमारतों में रहने वाले परिवारों की संख्या रजिस्ट्री कराए गए फ्लैटों की संख्या से ज्यादा है। यानी बिना रजिस्ट्री कराए लोगों को कब्जा देकर फ्लैटों में रहने की अनुमति दे दी गई है। बिल्डर ने खरीदारों से रजिस्ट्री और स्टांप शुल्क की धनराशि ले ली है लेकिन स्टांप विभाग को नहीं चुकाई गई है। सर्वे में करीब 400 से ज्यादा फ्लैट ऐसे पाए गए हैं जिनकी रजिस्ट्री कराए बिना कब्जा दिया गया है।

स्टांप विभाग को मिल सकता है 10 करोड़ का राजस्व

फिलहाल सर्वे में चिह्नित किए गए करीब 400 फ्लैटों की अनुमानित कीमत लगभग 120 करोड़ रुपये से ज्यादा है। इस 120 करोड़ की रकम पर सात फीसदी स्टांप शुल्क और एक फीसदी निबंधन शुल्क प्रशासन को मिलेगा। यानी इन 400 फ्लैटों की रजिस्ट्री कराई जाए तो स्टांप विभाग को लगभग 9.60 करोड़ रुपये का राजस्व मिल सकता है।

चिह्नित किए गए 10 प्रमुख बिल्डरों के प्रोजेक्ट

विभोर वैभव इंफ्राहोम प्रा.लि. राजनगर एक्सटेंशन, केडीपी इंफ्रास्ट्रक्चर प्रा.लि., एसेंट बिल्डटैक प्रा.लि. राजनगर एक्सटेंशन, वासु इंफ्रा प्रा.लि., विंडसर पैराडाइज-2 (ऑफिसर सिटी-2), अन्निका प्रमोटर्स प्रा.लि., सांगवान हाइट्स प्रा.लि., हाई एंड पैराडाइज, शोभित फाइनेंस प्रा.लि. राजनगर एक्सटेंशन, एससीसी सफायर प्रा.लि.।

दर्ज कराया जाएगा मुकदमा

फ्लैटों पर कब्जा देने के बाद भी रजिस्ट्री नहीं कराने वाले करीब 45 से ज्यादा बिल्डरों को चिह्नित कर लिया गया है। इन्हें नोटिस भेजे जा रहे हैं। नोटिस की अवधि में भी रजिस्ट्री नहीं कराई गई तो मुकदमा (वाद) दर्ज किया जाएगा। अन्य क्षेत्रों में भी ऐसे बिल्डरों को चिह्नित करने के लिए सर्वे कराया जा रहा है। उन्हें भी जल्द ही नोटिस जारी किए जाएंगे। - विवेक श्रीवास्तव, एडीएम वित्त एवं राजस्व

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