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पुलिस ने किसान को किया गिरफ्तार, प्रशासन ने छुड़वाया
गाजियाबाद। शहर के कूड़े पर संग्राम छिड़ गया है। डंपिंग ग्राउंड की व्यवस्था करने में नाकाम नगर निगम विरोध के चलते बैकफुट पर आ गया है। महमूदाबाद मकरेड़ा गांव के पास कूड़े के निस्तारण के लिए लीज पर ली गई जमीन पर कूड़ा डालने गए निगमकर्मियों का किसानों ने विरोध किया तो पुलिस ने किसान नेता सलेक भइया समेत 51 लोगों पर मारपीट, बलवा, गालीगलौज का मुकदमा दर्ज कर सलेक को गिरफ्तार कर लिया।
शुक्रवार को पुलिस सलेक को कोर्ट में पेश करने निकली तो काफी संख्या में किसान कलक्ट्रेट पहुंच गए। परिसर में नारेबाजी कर धरने पर बैठ गए। वह किसान नेता की रिहाई और मुकदमा समाप्त करने की मांग पर अड़ गए। एडीएम प्रशासन रितु सुहास ने ज्ञापन लेने के बाद पुलिस को फोन कर किसान नेता को तत्काल छोड़ने का आदेश दिया। इसके बाद किसान नेता लौट गए।
29 दिन से शहर के कड़े को लेकर डंपिंग ग्राउंड की व्यवस्था नगर निगम नहीं कर पा रहा है। सड़कों पर कूड़ा सड़ रहा है। राजनगर एक्सटेंशन, गालंद के बाद अब मकरेड़ा में डंपिंग ग्राउंड का विरोध शुरू हो गया है। भाकियू नेता मास्टर मनोज नागर का कहना है कि शहर का कूड़ा किसी गांव में डंप करने का क्या मतलब है। शहर को गंदा करने के बाद अब गांव को भी गंदगी से पाटना चाहते हैं। भाकियू के जिलाध्यक्ष प्रमोद त्यागी ने कहा कि कोई अपने गांव में कूड़ा नहीं डालने देगा तो क्या उसका उत्पीड़न किया जाएगा।
एडवोकेट बीसी बंसल ने कहा कि नगर निगम और पुलिस प्रशासन मनमानी कर रहा है। भाकियू महानगर अध्यक्ष दीपक शर्मा का कहना है कि जो जमीन चिन्हित है उस पर नगर निगम कूड़ा नहीं डाल रही है। इधर-उधर कूड़ा फेंककर शहर को गंदा किया जा रहा है। किसान नेता सतपाल का कहना है कि गांव में कूड़ा कतई नहीं डालने दिया जाएगा। किसानों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने वाले के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। धरने पर बैठने वालों दिनेश त्यागी, प्रमोद, सुभाष चौधरी आदि शामिल रहे।