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केंद्र सरकार के निजीकरण निति के खिलाफ रेलवे के कर्मचारी और मजदूरों ने बुलंद की आवाज
आज गाजियाबाद में केंद्र सरकार के निजीकरण निति के खिलाफ रेलवे के कर्मचारी और मजदूरों ने आवाज बुलंद की । हजारों की तादाद में रेलवे कर्मचारी और मजदूर इकट्ठा हुए उन्होंने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि सरकार निजी करण की आड़ में रेलवे को बेच रही है जिसमें मजदूरों और कर्मचारियों के हित खतरे में पड़ गए हैं रेलवे के मजदूरों ने केंद्र की सरकार के खिलाफ जमकर भड़ास निकाली।
मंच से केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए अपनी आवाज को बुलंद करते हुए ये भारतीय रेलवे के कर्मचारी हैं आज उत्तरी रेलवे मजदूर यूनियन ने गाजियाबाद रेलवे स्टेशन के इलेक्ट्रिक लोको शैड के पास अपना प्रदर्शन किया इन मजदूरों का यह प्रदर्शन पिछले 1 सप्ताह से चल रहा है आप सरकार के खिलाफ आवाज बुलंद कर रहे है
कर्मचारियों,मजदूरों ने अपनी 15 सूत्रीय मांगों को लेकर 1 सप्ताह पहले आंदोलन शुरू किया था जो आज गाजियाबाद में विरोध प्रदर्शन के साथ समाप्त हो रहा है । इन सभी की 15सूत्रीय मांग है जिनमे एरियर का भुगतान किया जाए ,पुरानी पेंशन लागू की जाए ,रात्रि भत्तों लगी हुई रोक हेट, रेलगाड़ी और स्टेशन को सरकार ना बेचे रेलवे में संसाधन बड़े स्थान पर हैं और भरमार है रेलवे के संसाधनों से ही काम लिया जाए ना के निजीकरण कर धन्न सेठो को रेलवे और स्टेशनों को बेचना बंद करे ।
अगर सरकार ने हमारी यह मांगे नहीं मानी तो हम सरकार के खिलाफ और बड़ा आंदोलन खड़ा करेंगे और सरकार को मजबूर कर देंगे कि देश की रेल को बेचने वालों को सत्ता से बाहर कर देंगे निजी करण में जिस तरह काम किया जा रहा है उसका सीधा असर आम जनता की जेब पर पड़ रहा है।