गाजियाबाद

भाजपा कार्यकर्ताओं और किसानों के बीच हुई भिड़ंत को लेकर राकेश टिकैत का गुस्‍सा भड़का, दी चेतावनी यदि कोई मंच पर कब्जा...

भाजपा कार्यकर्ताओं और किसानों के बीच हुई भिड़ंत को लेकर राकेश टिकैत का गुस्‍सा भड़का, दी चेतावनी यदि कोई मंच पर कब्जा...
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यदि किसी को यहां आना है तो भाजपा छोड़कर आ जाए। मोर्चे में शामिल हो जाए। उन्होंने कहा किे यहां यह दिखाने की कोशिश की गई कि हमने गाजीपुर के मंच पर भाजपा का झंडा फहरा दिया। यह बिल्कुाल गलत बात है।

गाजियाबाद। कृषि कानून के विरोध में बीते 7 महीने से दिल्ली की तमाम सीमाओं समेत यूपी गेट पर प्रदर्शन कर रहे किसानों और भाजपा समर्थकों के बीच नोकझोक होने के किसान नेता राकेश टिकैत का गुस्सा भड़क गया। उन्होंने चेतावनी देने के लहजे में कहा कि यहां कोई मंच पर कब्जा करने की कोशिश करेगा तो बक्कल उधेड़ देंगे। ये लोग फिर प्रदेश में कहीं नज़र नहीं आएंगे।

टिकैत बोले कि बीजेपी बाले यहां आकर अपने किसी नेता का स्वागत करना चाह रहे थे। यह कैसे हो सकता है। यह मंच किसानों का है। किसान संयुक्त मोर्चे के बैनर तले एकजुट हैं। यदि किसी को यहां आना है तो भाजपा छोड़कर आ जाए। मोर्चे में शामिल हो जाए। उन्होंने कहा किे यहां यह दिखाने की कोशिश की गई कि हमने गाजीपुर के मंच पर भाजपा का झंडा फहरा दिया। यह बिल्कुाल गलत बात है। ऐसे लोगों के बक्कंल उधेड़ देंगे। किसान नेता ने पुलिस पर भी गड़बड़ी फैलाने वालों को संरक्षण देने का आरोप लगाया। कहा कि बीजेपी कार्यकर्ता पिछले तीन दिन से आ रहे हैं। पुलिस उन्हें संरक्षण दे रही है।

किसान नेता राकेश टिकैत ने पथराव को लेकर भाजपा पर लगाया आरोप

उन्‍होंने कहा कि किसी किसान ने पत्‍थर नहीं चलाए। उन्‍होंने लेकिन यदि अब कोई आया तो उसकी गाड़ी नहीं निकलने दी जाएगी। यहां पर गोला-लाठी का सामान तैयार है। यदि कोई मंच की तरफ आएगा तो कार्रवाई की जाएगी। उन्‍होंने भाजपा पर आंदोलन पर कब्‍जा करने की कोशिश का आरोप लगाया। उन्‍होंने चेतावनी देने के अंदाज में कहा कि यदि यह रोज-रोज होता रहा तो उनका इलाज कर दिया जाएगा। उन्‍होंने कहा कि इस बारे में वो भी मामला दर्ज कराएंगे।

ये है मामला

भाजपा के नवनियुक्त प्रदेशमंत्री अमित वाल्मीकि का स्वागत करने के लिए कार्यकर्ता दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे पर खड़े थे। आराेप है कि दिल्ली से गाजियाबाद वाली लेन पर वाहनों का काफिला जब किसानों के मंच के सामने पहुंचा तो किसानों और भाजपाइयों में नोकझोंक हो गई। किसानों का आरोप है कि भाजपाइयों ने उन्हें अपशब्द कहे, जबकि भाजपाइयों का आरोप है कि किसानों ने अभद्रता की है। भाजपाइयों का आरोप ये भी है कि किसानों ने उनके खिलाफ नारेबाजी की और कुछ गाड़ियों में ताेड़फाेड़ की।



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