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गाजियाबाद में एसआई की सूझबूझ से टली लखनऊ घटना की पुनरावृत्ति, एसएसपी ने लिया घटना का संज्ञान आरोपी हिरासत में

उत्तर प्रदेश में जनता के गुस्से और लचर कानून व्यवस्था के कारण पुलिस की फजीहत लगातर होती जा रही है । अगर कही पुलिस अंधेरे में अपनी डियूटी के दौरान जनता की सुरक्षा के लिए जनता को टोक दे तो अब पुलिस को टोकने पर जनता से पीटना पड़ रहा है । ऐसा ही एक मामला ग़ाज़ियाबाद के कविनगर थाना क्षेत्र के कमला नेहरू नगर केन्द्रीय विधालय के पास में सामने आया है जहां रात को सुनसान इलाके में काले शीशे वाली खड़ी कार में बैठे एक महिला और पुरुष को एक दरोगा के द्वारा टोका जाना उस दरोगा को भारी पड़ गया टोकने पर जहा महिला ने दरोगा को चप्पल से पीटा तो उसके पुरुष साथी ने दरोगा के प्राइवेट पार्ट पर लात मार घायल कर गिरा दिया । घटना के बाद महिला और पुरुष दोनों को पुलिस ने हिरासत में ले पुलिस की कार्य मे बाधा डालने के आरोप मामला दर्ज कर हिरासत में ले लिया है ।
पुलिस की गिरफ्त में खड़ा में आया व्यक्ति धनसिंह है. जिसके ऊपर आरोप है कि इसने एक दरोगा को उसकी डियूटी के दौरान अपनी महिला साथी के संग मिलकर जमकर पीटा. लोगो की अगर माने तो महिला दरोगा जी पर चप्पल लेकर दौड़ रही थी और ये जनाब दरोगा जी के टोके जाने से इतने खफा हुए। इन्होंने कविनगर थाना क्षेत्र की सेक्टर 23 के चौकी इंचार्ज दरोगा बलराम सिह सेंगर के गुप्ताग पर लात मार दी जिससे दरोगा जी दर्द कराह वही गिर गए। वो तो दरोगा जी का नसीब अच्छा था उसी दौरान एक ओर पुलिस अधिकारी की गाड़ी वहां से निकली और मौके पर हंगामा देख महिला पुलिस को बुलाया। महिला मंजू और उसके साथी धन सिह को हिरासत में ले उनकी शिफ्ट कार सहित थाने भेज दिया।
घटना के बाद पीडित दरोगा जनता की हरकत से काफी डरा है उसे डर था कही लखनऊ की तरह यहां कोई घटना न घट जाए गनीमत रही दरोगा ओर मौके पर पहुची पुलिस ने सयम से काम लिया और दोनो आरोपीयो को हिरासत में ले लिया वही प्रत्यक्षदर्शी का कहना है पुलिस अपनी डियूटी निभा दोनो को एकांत से जाने भर लिए कह रही थी जिससे नाराज हो महिला मंजू और धनसिंह ने दरोगा की जमकर पिटाई की । लोगो के अनुसार अगर लगातार पुलिस के साथ ऐसा होता रहा तो पुलिस से कौन डरेगा वही उसने बताया कमला नेहरू नगर केंद्रीय विधालय के इलाके में शाम सात बजे के बाद इलाका सुनसान हो जाता है और देर रात दोनो के खड़े होने पर पुलिस ने उनसे वहां खड़े होने का कारण पूछा था ।
वही आरोपी पुलिस हिरासत में आने के बाद भी अपने तेवर में है और अपनी गलती नही मान रहा है वो तो गनीमत थी वहां निकलते लोगो ने इनकी इस हरकत को देख लिया और सच को बता दिया नही तो डियूटी निभाने के चक्कर मे दोनो आरोपी दरोगा बलराम सिह सेंगर को ही आरोपी बना देते।
एसएसपी ने बताया पुलिस ने मामले को गम्भीरता से लेते हुए पहले मौके पर मौजूद लोगों से बात कर दोनो आरोपियों की हरकत पता चलने के बाद हिरासत में ले लिया है और दोनो पर पुलिस के कार्यो में बाधा डालने के आरोप मामला दर्ज कर लिया और बलराम सिह सेंगर के अपने ऊपर नियंत्रण रखने की सराहना करते हुए आरोपियों के खिलाफ कार्यवाही कर दी है ।
हालांकि पुलिस ने दोनों को पुलिस के कार्यो में बाधा डालने के आरोप में मामला दर्ज दोनो को जेल भेजने की तैयारी कर ली है। लेकिन सवाल बड़ा है। क्या उत्तर प्रदेश में पुलिस को अब अपनी डियूटी निभाने पर जनता के हाथों भरी सड़क चप्पल ओर लाते खा पीटना पड़ेगा। इस घटना के बाद ग़ाज़ियाबाद की पुलिस का मनोबल काफी टूटा है। मगर दोनो आरोपियों पर मामला दर्ज होने के बाद हुई कानूनी कार्यवाही ने पुलिस के जख्मो पर मरहम का काम भी किया है।
लखनऊ घटना के बाद से सफाई में जुटे पुलिस के उच्चाधिकारी अगर अपने अधिनस्थों के हौसले बढ़ा नहीं पा रहे है। इस तरह की प्रदेश में लगातार हो रही घटना पुरे पुलिस विभाग की साख पर धब्बा लगा रही है। चलो यहाँ एसएसपी की सख्त हिदायत और दरोगा सेंगर की सूझबूझ से यह हादसा टल गया। जिस तरह महिला और पुरुष ने दरोगा की मारपीट की है वो वाकई शर्मनाक है। इस पर उच्चाधिकारियों को सीएम समेत सभी लोंगों से मीटिंग कर एक आदेश जारी करना होगा वरना पुलिस विभाग अंजाम भुगतने को तैयार रहे।