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गाजियाबाद : टिकट के लिए जारी हो चुका है घमासान, नहीं है किसी की राह आसान?
गाजियाबाद। आगामी विधानसभा चुनाव 2022 के लिए लगभग सभी पार्टियों ने रणनीति बनाना शुरू कर दिया। जिसके अंतर्गत चर्चाओं का बाजार गर्म हो रहा है कि चुनावी मैदान में कौन-कौन धुरंधर नेता जोर आजमाइश करते हुए नजर आएंगे। इस कड़ी में सबसे ज्यादा खींचतान भारतीय जनता पार्टी में दिखाई दे रही है। जहां लगभग पांचों विधानसभाओं पर मौजूदा विधायक के अलावा बेहद मजबूत दावेदार ताल ठोक रहे हैं। कुछ ऑन द रिकॉर्ड बात करते हैं तो कुछ ऑफ द रिकॉर्ड अपनी गोटियां फिट कर रहे हैं। ऐसे में टिकट के लिए जारी हुआ यह घमासान बेहद रोचक स्थिति में पहुंचता हुआ नजर आ रहा है।
सबसे पहले बात करते हैं लोनी विधानसभा क्षेत्र की जहां मौजूदा विधायक नंदकिशोर गुर्जर का विवादों से गहरा नाता रहा है। अपने कार्यकाल के दौरान श्री गुर्जर कई विवादों में उलझे हुए नजर आए। इसके साथ ही लोनी की स्थानीय राजनीति भी बेहद चर्चा में रही। जहां नंदकिशोर के सामने पूर्व लोनी नगर पालिका चेयरमैन मनोज धामा ताल ठोक रहे हैं। जानकारों की मानें तो नंदकिशोर गुर्जर की छवि उन्हें फायदा और नुकसान दोनों पहुंचा सकती है। श्री गुर्जर में कई मामलों में अपनी ही सरकार के खिलाफ झंडा उठा दिया था। जहां उन्होंने स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों के खिलाफ शिकायतें दर्ज कराने का प्रयास किया साथ ही कई मामलों में मुकदमे बाजी हुई। ऐसे में बताया जा रहा है कि मनोज धामा और उनकी टीम बेहद सक्रियता के साथ आगामी विधानसभा चुनाव में लोनी से भाजपा टिकट की पैरवी कर रहे हैं। जो कि आर एस एस के कुछ बड़े नामों के सीधे संपर्क में हैं। देखना है कि लोनी में नंदकिशोर गुर्जर को एक बार फिर पार्टी का टिकट मिलता है या फिर मनोज धामा टिकट हासिल करने में कामयाब होते हैं। या यह कहें कि इन दोनों की लड़ाई में कोई तीसरा भी बाजी मार सकता है।
साहिबाबाद विधानसभा क्षेत्र की बात करें तो मौजूदा विधायक सुनील शर्मा की स्थिति बेहद मजबूत दिखाई दे रही है लेकिन चर्चा है कि महानगर अध्यक्ष संजीव शर्मा साहिबाबाद विधानसभा चुनाव से टिकट मांग सकते हैं। ऐसी स्थिति में निश्चित रूप से सुनील शर्मा की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। पिछले कुछ समय में संजीव शर्मा पार्टी में बेहद मजबूती के साथ आगे बढ़े हैं। जिन्हें जनरल वीके सिंह से लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का आशीर्वाद प्राप्त होना बताया जाता है। हालांकि सुनील शर्मा की संघ में पुरानी और मजबूत पकड़ है जिसके चलते उनका दांव भी कमजोर दिखाई नहीं दे रहा है।
शहर विधानसभा सीट से मौजूदा विधायक एवं राज्य मंत्री अतुल गर्ग पर पार्टी दोबारा दांव खेल सकती है। ऐसा बताया जा रहा है कि अतुल गर्ग के काम से मुख्यमंत्री और सरकार के कुछ वरिष्ठ मंत्री बेहद खुश हैं। संगठन में भी उनकी काफी मजबूत पकड़ है लेकिन पूर्व मेयर दमयंती गोयल के पुत्र और भाजपा के बेहद परिपक्व एवं सौम्य नेता मयंक गोयल भी शहर विधानसभा सीट से ताल ठोक रहे हैं। मयंक गोयल के समर्थक तैयारी में लग गए हैं कि शहर विधानसभा सीट से इस बार अतुल गर्ग की जगह मयंक गोयल को टिकट मिलना चाहिए। निश्चित रूप से श्री गोयल परिपक्व एवं कर्मठ नेता है जो कि कोविड-19 संक्रमण के दौरान जन सेवा में लगातार संलग्न दिखाई दिए। आरएसएस में बेहद मजबूत पकड़ के चलते मयंक गोयल की दावेदारी में बहुत दम दिखाई दे रहा है।
मुरादनगर विधानसभा सीट से मौजूदा विधायक अजीत पाल त्यागी की सक्रियता बहुत अधिक दिखाई नहीं दी। जिसके चलते कयास लगाया जा रहा है कि इस बार अजीत पाल त्यागी को एक बार फिर पार्टी का टिकट मिलना मुश्किल है। दरअसल उनके परिवार में ही पिछले दिनों काफी उठापटक वाले घटनाक्रम दिखाई दिए। जहां आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी चला। श्री त्यागी का परिवार मुरादनगर क्षेत्र में बेहद मजबूत और प्रतिष्ठित है। ऐसे में परिवार का विवाद अजीत पाल त्यागी के टिकट की राह का रोड़ा बन सकता है। वहीं क्षेत्र में पूर्व पार्टी प्रत्याशी रहे बृजपाल तेवतिया का दावा मजबूत माना जा रहा है। जिनकी नज़दीकियां रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से जगजाहिर है।
मोदीनगर विधानसभा क्षेत्र में मंजू सिवाच मौजूदा विधायक हैं। जिन्हें अंतिम समय में गत विधानसभा चुनाव में आश्चर्यजनक रूप से टिकट मिला था। इस बार क्षेत्र में कई दावेदार भाजपा के टिकट के लिए सामने नजर आ रहे हैं। जिनमें भाजपा के वरिष्ठ नेता पुष्पेंद्र रावत का नाम दिया तेजी के साथ चल रहा है। अब देखना है कि पुष्पेंद्र रावत की दावेदारी और पैरोंकारी कितनी मजबूत है। जब टिकट के लिए राजनीति तिकड़म बाजी और रंगबाजी होती है तब परिणाम कभी-कभी बेहद आश्चर्यजनक भी होते हैं। ऐसे में पुष्पेंद्र रावत का दावा हवा हवाई नहीं कहा जा सकता।