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गाजियाबाद जिला कारागार में उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन के तहत कौशल विकास केंद्र की स्थापना की गई
गाजियाबाद जिला कारागार में उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन के तहत कौशल विकास केंद्र की स्थापना की गई है. जेल में कौशल विकास केंद्र खोलने के पीछे का मकसद जेल में बंद कैदियों को हुनरमंद बनाना है. इसके द्वारा जेल में ही कैदियों को स्किल्ड बनाया जाएगा. इसका हिस्सा बनने से कैदियों का जीवन एक अलग दिशा में घूमेगा. कौशल विकास केंद्र में जेल में बंद बंदियों को व्यवसायिक क्षेत्रों में प्रशिक्षित किया जाएगा.
कैदियों को होगा दो महत्वपूर्ण फायदा: जेल अधीक्षक आलोक सिंह ने बताया कि विकास केंद्र खुलने से कैदियों को मुख्य रूप से दो तरह के फायदे मिलेंगे. पहला यह कि इससे जेल में कैदी इंगेज रहेंगे, जिससे कि उनका प्रोग्रेसिव माइंडसेट डेवलप होगा. दूसरा सबसे फायदा उन्हें प्रशिक्षण से मिलेगा जो उन्हें स्किल्ड करेगा. प्रशिक्षण के बाद उन्हें उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन की ओर से प्रमाण पत्र भी दिया जाएगा. जेल में बंद कैदी अपने समय का सदुपयोग कर अपना भविष्य निर्माण कर सकेंगे.
कौशल विकास मिशन के तहत जिला कारागार में बंद गाजियाबाद जनपद के 90 बंदियों को चयन किया गया है जबकि हापुड़ जनपद के 50 बंदियों को चयन किया गया है. जेल में प्रशिक्षण के विभिन्न बैच चल रहे हैं और प्रत्येक बैच में 30 बंदी शामिल हैं.ये भी पढ़ें: Karl Marx Motivational Quotes : कार्ल मार्क्स की इन बातों से प्रभावित हो जाते हैं लोगप्रशिक्षण के बाद काम आधारित मिलेगा लोन: जेल से रिहाई के बाद इस प्रशिक्षण के आधार पर कैदी व्यवसाय स्थापित कर सकेंगे.
कौशल विकास मिशन के तहत कारागार में बंद बंदियों को टेलरिंग, फार्मिंग, हेयर कटिंग सैलून वर्क आदि सिखाया जाएगा. रिहाई के बाद प्रमाण पत्र के आधार पर कैदी बैंक से लोन भी प्राप्त कर सकते हैं, जिससे कि अपना खुद का व्यवसाय शुरू किया जा सके. कौशल विकास मिशन के तहत जिला कारागार में ट्रेनिंग पार्टनर्स उपलब्ध कराए गए हैं. ट्रेनिंग पार्टनर्स द्वारा जिला कारागार में प्रशिक्षक उपलब्ध कराए जाते हैं जो कि बंदियों को प्रशिक्षित करते हैं. जेल में बने एक्टिविटी सेंटर में कैदियों को प्रशिक्षित किया जा रहा है.
अरुण चंद्रा