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किसानों ने किया जिंदा समाधि लेने का प्रयास प्रशासन में मचा हड़कंप
गाजियाबाद। लोनी इलाके में चार साल से भी अधिक समय से चल रहे किसानों के धरना प्रदर्शन में बुधवार को अचानक नया मोड़ आ गया। लोनी में आवास विकास परिषद की मंडोला विहार योजना के खिलाफ 1मुआवजे की मांग को लेकर 4 साल से भी अधिक समय से धरने पर बैठे किसानों ल्ली जिंदा समाधि का फैसला लिया है। बताया जा रहा है कि इस समय 6 गांव के कई किसान जिंदा समाधि लेने की कोशिश कर रहे हैं।
ताजा जानकारी के मुताबिक, जिंदा समाधि की कड़ी में धरना स्थल पर चार दिन पूर्व किए गए गड्ढों में बुधवार को किसान लेट गए। फिलहाल मौके पर पहुंचे प्रशासनिक अधिकारी किसानों से वार्ता करने का प्रयास कररहे हैं।
आवास विकास परिषद की मंडोला विहार योजना के खिलाफ मुआवजे की मांग को लेकर साढे 4 साल से धरने पर बैठे किसानों की समस्याओं का हल नहीं हुआ है और गुस्साए किसान जिंदा समाधि ले रहे हैं। प्रशासनिक अधिकारी किसानों से वार्ता के प्रयास में जुटे हैं। मंडोला विहार योजना के लिए मंडवाला समेत छह गांव की भूमि अधिग्रहण की गई थी।
किसानों का मुआवजा दिया गया है। उचित मुआवजे की मांग को लेकर मंडोला समय 6 गांव के किसान पिछले साढे 4 साल से धरने पर बैठे थे। किसानों का आरोप है प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा उनकी बात को शासन स्तर तक नहीं पहुंचाया गया। जिससे उनकी समस्या का हल नहीं हो सका गुस्साए किसानों ने उस समय पूर्व जिंदा समाधि लेने का निर्णय लिया था। जिसके लिए किसानों ने 15 गड्ढे भी कर लिए थे।
पूर्व निर्धारित योजना के तहत बुधवार को किसान धरना स्थल पर पहुंच गए और बनाए गए गड्ढों में लेट गए। किसान नेता मनवीर तेवतिया के नेतृत्व में किसानों ने जिंदा समाधि लेना शुरू कर दिया। फिलहाल पुलिस के आला अधिकारी मौके पर पहुंच चुके हैं। अधिकारी किसानों से वार्ता के प्रयास में जुटे हैं लेकिन किसान समस्या का समाधान न होने पर जिंदा समाधि लेने का मन बना चुके हैं।
वही 15 किसानों को देखते हुए देखकर अन्य किसानों ने भी समाधि का निर्णय लिया है। जिसके चलते अन्य किसान जिंदा समाधि लेने को गड्ढा खोदने में लगे हैं। किसान नेता नीरज त्यागी ने मुआवजे की मांग पूरी ना होने पर समाधि लेने की बात कही है। उधर,किसान नेता नीरज त्यागी का कहना है कि आवास विकास परिषद के खिलाफ मंडोला विहार योजना से प्रभावित छह गांव के किसान करीब पांच वर्ष से धरना प्रदर्शन कर रहे हैं।
धरनारत किसानों ने कुछ दिन पूर्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर 14 सितंबर तक बढ़े मुआवजे और तीनों कृषि कानून का समाधान न निकालने पर जिंदा समाधि लेने की बात कही थी।