गाजियाबाद

Ghaziabad Municipal Corporation News:गाजियाबाद नगर निगम में इन 43 सभासदों की सीट होंगी आरक्षित, आरक्षण देख बढ़ी नेताओं की बेचैनी

Shiv Kumar Mishra
2 Nov 2022 10:04 PM IST
Ghaziabad Municipal Corporation News:गाजियाबाद नगर निगम में इन 43 सभासदों की सीट होंगी आरक्षित, आरक्षण देख बढ़ी नेताओं की बेचैनी
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गाज़ियाबाद: उत्तर प्रदेश में अब कभी भी नगर निकाय चुनाव का ऐलान किया जा सकता है। उत्तर प्रदेश के सबसे बड़े निगमों में शामिल गाजियाबाद नगर निगम में वार्डों के आरक्षण से जुड़ी प्रक्रिया पर अभी मंथन चल रहा है। चुनाव आयोग और नगर निकाय निदेशालय से कहा गया है कि 2017 में लगभग 43 अनारक्षित सीटें थीं। उन्हें इस बार अनुसूचित जाति (एससी), एससी महिला, अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) और ओबीसी महिलाओं के लिए आरक्षित श्रेणी में रखा जा सकता है। आरक्षण जनसंख्या और चक्रानुकम के आधार पर तय किया जाएगा।

वहीं, दूसरी तरफ अधिकारियों ने आरक्षित वार्डों की सूची को अंतिम रूप देने का काम अभी शुरू भी नहीं किया है, उससे पहले ही गाजियाबाद नगर निगम की राजनीति करने वाले नेता बैचैन होना शुरू हो गए हैं। नगर निगम में 100 वार्ड हैं। आरक्षित सीटों को लेकर सभी अपनी सूचियां लेकर घूम रहे हैं। शहर में राजनीतिक गतिविधियां शुरू हो गई हैं। दरअसल, निगम के अधिकारियों ने कहा कि वे अभी आरक्षित वार्ड तय करने की प्रक्रिया में हैं और अंतिम सूची 4 नवंबर तक आ जाएगी।

अधिकारियों ने कहा कि शहरी स्थानीय निकाय चुनाव इस साल के अंत तक होने की संभावना है और संभावित उम्मीदवारों के साथ-साथ मौजूदा पार्षद भी उत्सुकता से इंतजार कर रहे हैं कि उनकी सीट का क्या होगा। आरक्षित श्रेणी में आती हैं या नहीं। राजनगर के पार्षद राजेंद्र त्यागी ने कहा, "कई सूचियां सामने आ रही हैं। इससे संभावित उम्मीदवारों के साथ-साथ उन पार्षदों में भी भ्रम की स्थिति पैदा हो गई है, जो फिर से चुनाव लड़ना चाहते हैं। हालांकि, अधिकारियों ने ऐसी कोई भी सूची प्रसारित करने से इनकार किया है। अफसरों ने कहा है कि अभी सूची तैयार कर रहे हैं।"

सोशल मीडिया के जरिये सामने आ रहीं सूचियों में से एक में जानकारी है कि 2017 में लगभग 43 अनारक्षित सीट थीं। इस बार इन्हें एससी, एससी महिला, ओबीसी, ओबीसी महिला और सामान्य महिलाओं के लिए आरक्षित श्रेणी में रखा जाएगा। इस सूची में 2022 में संबंधित वार्डों की कुल आबादी और उस वार्ड के एससी या ओबीसी में आरक्षित होने की जानकारी है। 21 अक्टूबर को राज्यभर के स्थानीय निकायों को वार्डों के आरक्षण से जुड़े प्रस्ताव भेजने का आदेश राज्य सरकार ने दिया था।

दूसरी ओर अधिकारियों ने कहा कि सरकारी आदेश में उल्लेख किया गया है कि फिलहाल पार्षदों की जो सीट अनुसूचित जाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, पिछड़ा वर्ग और महिलाओं के लिए आरक्षित हैं, उन्हें दोबारा उसी श्रेणी में आवंटित नहीं किया जाएगा। एक अन्य सभासद ने कहा, "इस अनधिकृत सूची ने बहुत भ्रम पैदा किया है। इसमें सटीक डेटा है और प्रत्येक वार्ड की स्थिति को दर्शाया है। यदि अंतिम सूची समान होती है तो यह इंगित करेगा कि सूची वास्तव में लीक हो गई है। उस मामले में एफआईआर दर्ज की जानी चाहिए और एक जांच करवाई जाए।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस बार अनुसूचित जाति के लिए 14 सीटें आरक्षित होने की संभावना है, जिसमें अनुसूचित जाति की महिलाओं के लिए पांच सीटें शामिल हैं। ओबीसी के लिए 21 सीट रहेंगी और ओबीसी महिलाओं के लिए सात सीट रिजर्व की जाएंगी। सामान्य वर्ग की महिलाओं के लिए 22 सीट हैं। इसके बाद करीब 43 सीटें बच जाती हैं, जो गाजियाबाद नगर निगम में अनारक्षित होंगी।

गाजियाबाद नगर निगम के आयुक्त नितिन गौर ने कहा, "इस बार बहुत सारे बदलाव होने की संभावना है। सरकारी आदेश के निर्देशों के अनुसार वार्डों में जनसंख्या के आधार पर आरक्षण का फैसला किया जाता है। अधिकारियों की एक समिति सूची को अंतिम रूप दे रही है। अंतिम मंजूरी के लिए राज्य प्रशासन को भेजने से पहले इस सूची को 4 नवंबर तक अंतिम रूप दिया जाना है। अभी जो आरक्षण लिस्ट सोशल मीडिया पर घूम रही है, वह फर्जी है। उस पर किसी अधिकारी के हस्ताक्षर नहीं हैं। हम ऐसी सूचियों को मान्य नहीं करते हैं।"

बता दें कि नगर निकाय चुनाव की अधिसूचना से पहले सरकार जिले के एसपी एसएसपी और जिलाधिकारी के ट्रांसफर की भी बात कर रही है। जल्द ही लिस्ट आने वाली है और फिर अधिसूचना जारी हो जाएगी।

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