गाजियाबाद

यूपी सरकार के मंत्री अतुल गर्ग बोले- 'पिताजी के सपनों को पूरा करना पहली प्राथमिकता'

Arun Mishra
7 Jan 2021 12:36 PM IST
यूपी सरकार के मंत्री अतुल गर्ग बोले- पिताजी के सपनों को पूरा करना पहली प्राथमिकता
x

यूपी सरकार में मंत्री अतुल गर्ग कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए

1995 से 2005 तक भाजपा के मेयर के रूप में उन्होंने एक शानदार इतिहास लिखा। वह गाजियाबाद के प्रथम मेयर थे।

गाजियाबाद : उत्तर प्रदेश सरकार में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, परिवार कल्याण, मातृ एवं शिशु कल्याण, राज्यमंत्री और गाजियाबाद के विधायक और गाजियाबाद के प्रथम मेयर दिनेश चंद गर्ग जी के सुपुत्र अतुल गर्ग ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि पिताजी के सपनों को साकार करना मेरी पहली प्राथमिकता होगी। मेरा प्रयास होगा कि हमारे क्षेत्र का कोई भी नागरिक मेरे दरवाजे से जिस काम के लिए आए उस काम को पूरा करने का भरसक प्रयास करता हूं और करता रहूंगा, क्योंकि पूज्य पिताजी विरोधी को भी कभी निराश नहीं करते थे. और यही मेरा प्रयास है कि मैं किसी के काम आऊं यह मेरा सौभाग्य होगा।

वहीँ कार्यक्रम में पहुंचे 'स्पेशल कवरेज न्यूज़' के संपादक शिवकुमार मिश्रा ने गाजियाबाद के पूर्व मेयर दिनेशचंद गर्ग जी अपनी भावपूर्ण श्रद्घांजलि अर्पित की और कहा कि गाजियाबाद की जनता के दिलों में श्री गर्ग की याद बनी रहेगी उन्होंने जिस तरह समाज की सेवा की उसे लोग कभी भुला नही पाएंगे।


दिनेश गर्ग जी के बताए हुए मार्ग पर चलना ही सच्ची श्रद्धांजलि होगी : बलदेव राज शर्मा

भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता बलदेव राज शर्मा ने पूर्व मेयर दिनेश चंद गर्ग जी की जयंती के अवसर पर बोलते हुए सभी लोगों को दिनेश चंद्र के बारे में उनकी विशेषताएं गिनाई और कहा दिनेश चंद गर्ग एक विकास पुरुष के नाम से जाने जाते हैं और उन्होंने जो शिक्षा के क्षेत्र में कार्य किया है वह सराहनीय है हम सबको दिनेश चंद्र जी के बताए हुए मार्ग पर चलना चाहिए यही उन्हें सदिश सच्ची श्रद्धांजलि होगी।


कौन हैं दिनेश चंद गर्ग

दिनेश चंद गर्ग का जन्म 1934 में गाजियाबाद में हुआ था। पिता रामकिशन गर्ग और माता श्रीमति कैलाशवती के 7 लड़के और 3 लड़कियों में से सबसे बड़े श्री गर्ग ही थे। वह 1975 में आपातकाल के दौरान जेल गये थे।1980 में जब भाजपा की स्थापना की गयी तो वह भाजपा में शामिल होकर जनसेवा में लग गये थे। 1980 और 1984 के चुनावों में उन्होंने दो बार विधायक का चुनाव लड़ा लेकिन किस्मत ने साथ नही दिया और वह विधायक नही बन पाए। लेकिन 1995 से 2005 तक भाजपा के मेयर के रूप में उन्होंने एक शानदार इतिहास लिखा। वह गाजियाबाद के प्रथम मेयर थे। उनकी उपलब्धियों से लोगों ने उन्हें अपना नेता स्वीकार किया था। आज भी उन्हें लोग सम्मान से याद करते हैं और उनके कार्यों के दृष्टिïगत आगे भी याद करते रहेंगे।

Next Story