- होम
- राष्ट्रीय+
- वीडियो
- राज्य+
- उत्तर प्रदेश
- अम्बेडकर नगर
- अमेठी
- अमरोहा
- औरैया
- बागपत
- बलरामपुर
- बस्ती
- चन्दौली
- गोंडा
- जालौन
- कन्नौज
- ललितपुर
- महराजगंज
- मऊ
- मिर्जापुर
- सन्त कबीर नगर
- शामली
- सिद्धार्थनगर
- सोनभद्र
- उन्नाव
- आगरा
- अलीगढ़
- आजमगढ़
- बांदा
- बहराइच
- बलिया
- बाराबंकी
- बरेली
- भदोही
- बिजनौर
- बदायूं
- बुलंदशहर
- चित्रकूट
- देवरिया
- एटा
- इटावा
- अयोध्या
- फर्रुखाबाद
- फतेहपुर
- फिरोजाबाद
- गाजियाबाद
- गाजीपुर
- गोरखपुर
- हमीरपुर
- हापुड़
- हरदोई
- हाथरस
- जौनपुर
- झांसी
- कानपुर
- कासगंज
- कौशाम्बी
- कुशीनगर
- लखीमपुर खीरी
- लखनऊ
- महोबा
- मैनपुरी
- मथुरा
- मेरठ
- मिर्जापुर
- मुरादाबाद
- मुज्जफरनगर
- नोएडा
- पीलीभीत
- प्रतापगढ़
- प्रयागराज
- रायबरेली
- रामपुर
- सहारनपुर
- संभल
- शाहजहांपुर
- श्रावस्ती
- सीतापुर
- सुल्तानपुर
- वाराणसी
- दिल्ली
- बिहार
- उत्तराखण्ड
- पंजाब
- राजस्थान
- हरियाणा
- मध्यप्रदेश
- झारखंड
- गुजरात
- जम्मू कश्मीर
- मणिपुर
- हिमाचल प्रदेश
- तमिलनाडु
- आंध्र प्रदेश
- तेलंगाना
- उडीसा
- अरुणाचल प्रदेश
- छत्तीसगढ़
- चेन्नई
- गोवा
- कर्नाटक
- महाराष्ट्र
- पश्चिम बंगाल
- उत्तर प्रदेश
- Shopping
- शिक्षा
- स्वास्थ्य
- आजीविका
- विविध+
- Home
- /
- राज्य
- /
- उत्तर प्रदेश
- /
- गाजियाबाद
- /
- जब स्कूल बंद फिर फीस...
जब स्कूल बंद फिर फीस क्यों ? निजी स्कूलों पर लगाम लगाए सरकार: पण्डित जगदीश शर्मा
देश में कोरोना संकट के बीच पिछले 15 महीने से स्कूल और कॉलेज बंद हैं। लेकिन इसके बीच सबसे बड़ा सवाल यह है कि लॉकडाउन के दौरान बंद रहे स्कूलों और कॉलेजों की फीस अभी भी अभिभावकों से ली जा रही है। इस मुद्दे पर सवाल उठाते राहुल प्रियंका गांधी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगदीश शर्मा ने केंद्र सरकार और राज्य सरकार से सवाल पूछा है कि आखिर क्यों इस महामारी के दौर में अभिभावकों को स्कूल फीस में रियायत नहीं दी जा रही है ?
जगदीश शर्मा का सरकार से कहना है कि कोरोना के इस बुरे दौर में कई लोग घर से बेघर हो गए, कई लोगों ने अपने परिवार खो दिए है। ऐसे मे जब लोगों को खाने तक के पैसे नही हैं तो वह अपने बच्चों की फीस कैसे भरेंगे। दिल्ली सरकार ने जिस तरह दिल्ली में रह रहे किरायेदारों का किराया कम कराया है, उसी तरह उन्हें निजी स्कूलों के की फीस माफ किए जाए, ताकि बच्चों की पढ़ाई बाधित ना हो सके। क्योंकि बच्चे ही देश का भविष्य हैं, और जब उनके परिजन निजी स्कूलों की मोटी फीस नहीं दे पाएंगे तब उन्हें अपने बच्चों को स्कूल से मजबूरीवश निकालना पड़ेगा। जगदीश शर्मा ने कहा कि बच्चों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए तुरंत संबधित सरकारों को स्कूलों की फीस माफ करने का निर्णय लेना चाहिंए ।