गाजियाबाद

पूर्व आईएएस डॉ अजय शंकर पाण्डेय की बात को गाजियाबाद आरडब्ल्यूए ने क्यों माना?

Shiv Kumar Mishra
16 Oct 2022 1:02 PM IST
पूर्व आईएएस डॉ अजय शंकर पाण्डेय की बात को गाजियाबाद आरडब्ल्यूए ने क्यों माना?
x
विकास की गाडी के डाइवर है आरडब्ल्यूए और प्रासशनिक तंत्र है गाडी का ईधन: डॉ अजय शंकर पाण्डेय

गाजियाबाद। आईटीएस मोहन नगर में आज आरडब्लूए फेडरेशन एवं फ्लैट ओनर फेडरेशन गाजियाबाद और कोरवा-यूपी के शीर्ष पदाधिकारियों के साथ गाजियाबाद के पूर्व नगर आयुक्त पूर्व जिलाध्यक्ष और झांसी डिवीजनल के पूर्व डिवीजनल कमिश्नर डॉ अजय शंकर पांडे के साथ एक बैठक हुई।

आरडब्लूए फेडरेशन डॉ- अजय शंकर पांडे को उनसे प्रषासनिक व व्यक्तिगत अनुभव का लाभ लेकर लोकतंत्र की जड़ें मजबूत करने की दिषा में एक पहल की है। फ्लैट ओनर फेडरेशन और आरडब्लूए फेडरेशन गाजियाबाद के चैयरमेन कर्नल तेजेन्द्र पाल त्यागी ने कहा की सभी जन प्रतिनिधियों को कुछ न कुछ सुविधाएं अथवा वेतन अवश्य मिलता है। जबकि आरडब्लूए के प्रतिनिधियों को कोई सुविधा नही मिलती।

आरडब्लूए के लोग जो काम करते है उसकी गुणवत्ता खराब हो ही नही सकती क्योंकि वो खुद लाभार्थी हैं। आरडब्लूए के प्रतिनिधियों पर पड़ोसियों की 24 घंटे नजर रहती है।

इसलिए उनके कार्यों को ओडिट की आवश्यकता ही नही है। प्रत्येक आरडब्लूए लोकतंत्र की एक प्रारम्भिक पाठशाला है। भारत एक गणतंत्र है अर्थात यहाँ जनता ही सर्वोच्च है और जनता है आरडब्लूए इसलिए आरडब्लूए को लोकतंत्र का केन्द्रीय स्तम्भ दसेंट्रल पिलर½ माना जाना चाहिए। कोरवा-यूपी के अध्यक्ष पवन कौशिक ने कहा की गाजियाबाद मे आरडब्लूए संस्कृति मूलत: 2005 मे प्रारंभ हुई। आज स्थिति यह है की देश भर मे होने वाली आरडब्लूए की राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंसिस का मुख्य संयोजक गाजियाबाद ही है।

डॉ आर के आर्या ने बताया की डॉ अजय शंकर पांडे को कॉंफडरेशन आफ आरडब्लूए दकोरवा½ का राष्ट्रीय संरक्षक मनोनीत किया गया है। डा पांडे ने गाजियाबाद मे अत्यंत प्रशंसनीय लीक से हटकर और अत्यंत सार्थक काम किए है। इसलिए आज इस मीटिंग में सदस्यों द्वारा औपचारिक अनुरोध किया गया कि वो आरडब्ल्यूए से जुड़ें ताकि आरडब्लूए आवाज सरकार तथा प्रषासनिक अधिकारी सुनें और शहर से जुड़ी समस्याओं का समाधान कर सकें।

डॉ अजय शंकर पांडे ने कहा की मैं इस बात का पक्ष धर हूँ। आरडब्लूए और सभासद एक दूसरे के पूरक हैं विरोधी नही। सरकारी योजनाओ की सफलता के लिए यह आवश्यक है की उनमे उनकी राय अवश्य ली जाए जिनके लिए वो बनाई जाती हैं।

डा पांडे ने कहा की आरडब्लूए विकास की गाड़ी के ड्राइवर है और प्रशासनिक अधिकारी उस गाड़ी का ईंधन है। प्रशासन बिना आरडब्लूए के सहयोग के विकास को गति नही दे सकता क्यूंकी नेत्रत्व तो आरडब्लूए का ही होगा। उन्होंने कहा की आज मेरे सामने 70 आरडब्लूए के शीर्ष पदाधिकारी बैठे हुए है।आप में से अधिकतर सरकारी अथवा गैर सरकारी सेवाओ मे उच्च पदों पर रहे।

आप अपने आप को सेवा निवृत न समझे बल्कि अपने सेवा निवृत दिवस को नव सेवा प्रवेश दिवस की तरह मनाए। इस मौके पर अनुज त्यागी, प्रेम शंकर सिंह, तरुण चौहान, राज कुमार त्यागी, पवन कौशिक, विनोद जिंदल, डॉ आरके आर्या, धर्मेन्द्र खण्डेलवाल, राजीव अग्रवाल, अंशु त्यागी, संध्या त्यागी, ऋषि बंसल, गौरव सैनानी, भगवत गुप्ता आदि उपस्थित थे।

Next Story