गाजियाबाद

योगी सरकार में सबसे ज्यादा पत्रकार असुरक्षित है

Shiv Kumar Mishra
25 Aug 2020 1:39 PM GMT
योगी सरकार में सबसे ज्यादा पत्रकार असुरक्षित है
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भाजपा की योगी सरकार में पत्रकारों की आवाज दबाने का काम अन्य सरकारों के अपेक्षा अधिक हो रहा है भाजपा सरकार में आए दिन पत्रकारों की हत्या हो रही है उन्हें जेल भेज कर न्याय की आवाज दबाने के प्रयास अधिकारियों द्वारा किया जा रहा है जिससे आम जनता को न्याय नहीं मिल रहा है और पूरे प्रदेश में नौकरशाही हावी हो चुकी है.

समय रहते योगी सरकार ने पत्रकारों पर हो रहे हमले पत्रकारों की हत्याओं के मामले और पत्रकारों को जेल भेज दिए जाने के मामले को गंभीरता से नहीं लिया तो आने वाले विधानसभा चुनाव में योगी सरकार को इसका खामियाजा भी भुगतना पड़ेगा बलिया में टीवी पत्रकार रतन सिंह की फिर गोली मारकर हत्या कर दी गई है पत्रकार की हत्या की जानकारी मिलते हैं कौशांबी के पत्रकार आक्रोशित हो उठे और उन्होंने निंदा प्रस्ताव पारित कर पत्रकारों पर हो रहे हमले को रोकने की मांग योगी सरकार से की है

घटनाक्रम के मुताबिक बलिया में टीवी पत्रकार रतन सिंह की गोली मार कर हत्या के बाद पत्रकार नेशनल हाइवे 31 पर धरने पर बैठ गए हैं. बलिया के फेफना में प्रधान से रंजिश के चलते पत्रकार की हत्या कर दी गई थी. परिजनों का आरोप है कि प्रधान प्रतिनिधि का भाई पत्रकार को अपने घर ले गया और वहीं उन्हें गोली मार दी मामले को तूल पकड़ता देखकर बलिया एसपी ने फेफना थाना प्रभारी शशि मौली पांडेय को निलंबित कर दिया है अपर पुलिस अधीक्षक संजय यादव ने बताया कि रतन सिंह 45 की सोमवार रात्रि फेफना गांव में गोली मारकर हत्या कर दी गयी. घटना के समय वह घर की तरफ जा रहे थे.

उधर लखनऊ में अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी ने बताया कि हत्या के मामले में तीन लोगों अरविंद सिंह, दिनेश सिंह और सुनील कुमार सिंह को गिरफ्तार किया गया है.

इससे पहले बलिया पुलिस ने बताया कि अभी तक की जानकारी के अनुसार पत्रकार रतन सिंह का अपने पड़ोसी से जमीन को लेकर विवाद चल रहा था. आज शाम फिर दोनों पक्षों में झगड़ा हुआ, उसी में पड़ोसी ने गोली मार दी,आरोपी दिनेश सिंह उनका दूर का रिश्तेदार है.

हालांकि पुलिस कार्यवाही में जुटी है. पुलिस ने शव को अपने कब्जे में ले लिया है और मामले की छानबीन कर रही है. रतन सिंह एक निजी हिंदी टीवी चैनल के पत्रकार थे. इनकी हत्या पर बलिया श्रमजीवी पत्रकार यूनियन ने भी गहरा आक्रोश व्यक्त किया है.उत्तर प्रदेश में पिछले एक महीने में पत्रकार की यह दूसरी हत्या है. इससे पहले गाजियाबाद में भी बदमाशों ने एक पत्रकार की हत्या कर दी थी. 20 जुलाई की रात पत्रकार विक्रम जोशी को कुछ बदमाशों ने सिर में गोली मार दी थी. वह अपनी दो बेटियों के साथ घर लौट रहे थे, तभी उन पर कुछ लोगों ने घेर कर हमला कर दिया था.

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