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ग़ाज़ीपुर: माफिया बृजेश सिंह और त्रिभुवन सिंह चर्चित कुंडेसर चट्टी कांड में साक्ष्यों के अभाव में हुए बरी
ग़ाज़ीपुर: पूर्वांचल के माफिया बृजेश सिंह और त्रिभुवन सिंह चर्चित कुंडेसर चट्टी कांड में साक्ष्यों के अभाव में हुए अपर जिला जज की अदलत से बरी हुए. अदालत ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि 2 मई 1991 को भांवरकोल थाना क्षेत्र के कुंडेसर में तीन लोगों की हत्या के मामले में उपरोक्त लोग साक्ष्य के आभाव में बरी किये गये.
यह फैसला गाजीपुर अदालत की अपर जिला जज की कोर्ट ने सुनाया है.भांवरकोल थाना क्षेत्र के कुंडेसर चट्टी पर 2 मई 1991 को विधानसभा चुनाव के दौरान तत्कालीन प्रत्याशी अफजाल अंसारी का चुनाव प्रचार कर लौट रही समर्थकों की जीप पर अंधाधुंध फायरिंग की गई थी. इस घटना में जीप पर बैठे सुरेंद्र राय, कमला सिंह और चट्टी के एक दूकानदार झिंगुरी साहू की गोली लगने से मौत हो गई थी. दीनानाथ राय, रामेश्वर और जगन्नाथ सिंह घायल हुए थे. इस मामले में घायल जगन्नाथ सिंह ने मुकदमा दर्ज कराया था. इसमें बृजेश सिंह, त्रिभुवन सिंह, उमाकांत सिंह और सत्येंद्र कुमार सिंह के विरुद्ध न्यायालय में आरोपपत्र प्रेषित किया गया. विचारण के दौरान उमाकांत सिंह और सत्येंद्र कुमार का निधन हो गया.
2013 में उच्च न्यायालय के आदेश पर तेज गति से सुनवाई हो रही थी जिसमें वादी मुकदमा जगन्नाथ सिंह साक्ष्य के समय दोनों आरोपियों बृजेश सिंह और त्रिभुवन सिंह को उपस्थित करने के लिए प्रार्थना पत्र दिया गया था. इसे अदालत ने 16 जनवरी 2013 को नामंजूर कर दिया था जिसके विरुद्ध याचिका उच्च न्यायालय में प्रस्तुत की गई थी. उच्च न्यायालय ने 16 जनवरी 2013 के स्थानीय न्यायालय के आदेश को 19 नवंबर 2015 को निरस्त करते हुए निर्देश जारी किया कि वादी मुकदमा जगन्नाथ सिंह का साक्ष्य आरोपी बृजेश सिंह और त्रिभुवन सिंह की उपस्थिति में अंकित किया जाए.