गाजीपुर

पुलिस की दबिश के दौरान एक व्‍यक्ति की मौत, आक्रोशित लोगों ने किया प्रदर्शन

Shiv Kumar Mishra
8 Jan 2021 4:31 AM GMT
पुलिस की दबिश के दौरान एक व्‍यक्ति की मौत, आक्रोशित लोगों ने किया प्रदर्शन
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गाजीपुर । मरदह थाना क्षेत्र के सोनहरा गांव निवासी नारद उर्फ नरेंद्र पासी (43) की बुधवार की देर रात संदिग्ध परिस्थिति में मौत हो गई। पुलिस ने गुरुवार की सुबह शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। पुलिस पर हत्या का आरोप लगाते हुए आक्रोशित ग्रामीणों ने ईंट-पत्थर लेकर सड़क जाम कर दिया। मटेहूं चौकी इंचार्ज फुलचंद्र पांडेय के काफी समझाने के बाद भी ग्रामीण नहीं माने। तब तक फोर्स के साथ थाना प्रभारी निरीक्षक बलवान सिंह भी मौके पर पहुंच गए और समझा-बुझाकर जाम समाप्त कराया।

सोनहरा निवासी चंदन पासी कुछ दिन पहले बैट्री चोरी के मामले में जेल में था। जमानत कराकर वह घर आया था बुधवार की रात सोया था। तभी रात के करीब 12 बजे थाने के दारोगा रमेश कुमार फोर्स के साथ दबिश देने उसके घर पहुंच गए। जोर जबरदस्ती कर घर के अंदर चले गए और चंदन को पकड़कर थाने लेकर आने लगे। इस पर उसकी मां लीलावती और भाई नारद उर्फ नरेंद्र पासी ने पुलिस को रोका। आरोप है कि इसी दौरान पुलिस के धक्के से नारद गिर गया और गंभीर चोट लगने के कारण उसकी मौत हो गई।

तब तक पुलिस चंदन को लेकर थाने चली आई थी। जब पुलिस को खबर मिली कि नारद की मौत हो गई है तो वह तत्काल चंदन को छोड़ दिए और नारद के शव को लेकर थाने चले आए। इसकी खबर गुरुवार की सुबह ग्रामीणों को हुई तो वह सैकड़ों की संख्या में मरदह थाने पहुंच गए और पुलिस पर गंभीर आरोप लगाने लगे। इसी बीच पुलिस शव को पोस्टमार्टम के लिए लेकर जाने लगी। जिसपर ग्रामीणों ने रोक दिया। इसपर बलवान सिंह ने फोर्स के साथ आए और सभी को जोर जबरदस्ती कर हटा दिया। शव को लेकर पुलिस जिला मुख्यालय चली आई।

इसके बाद मटेहूं चौकी इंचार्ज बार्डर क्रास कराकर लौट रहे थे, तभी सैकड़ों महिलाओं ने हाथ में ईंट-पत्थर लेकर उन्हें घेर लिया। घंटोंं देर तक वह समझाते रहे, लेकिन लोग नहीं माने। तबतक बलवान सिंह पहुंचे और समझाकर जाम समाप्त कराया। सड़क जाम के दौरान ग्रामीण चिल्ला-चिल्ला कर बोल रहे थे कि नारद की हत्या पुलिस ने ही की है और जबरदस्ती शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।

दारोगा रमेश यादव पर पहले भी लग चुका है ऐसा आरोप

नगसर थाना क्षेत्र के नूरपुर गांव में पुलिस द्वारा पूर्व फौजी और उनके परिजनों की बर्बर पिटाई के मामले में भी दारोगा रमेश कुमार पर गंभीर आरोप लगे थे। यह मामला मुख्यमंत्री तक पहुंच गया और जिसपर एसपी ने उन्हें लाइन हाजिर कर दिया था। नूरपुर गांव के रहने वाले पूर्व फौजी अजय पांडेय और उनके परिजनो को थाने में बंद कर पुलिस द्वारा जमकर पिटाई की गई थी। जिलाधिकारी सहित प्रभारी मंत्री तक परिजनों से मिलने पहुंचे थे। इसके बाद यह दूसरा मामला है, जब रमेश कुमार पर बर्बर पीटाई का आरोप लगा है। इसमें तो नारद की जान भी चली गई है। हालांकि पुलिस इस मामले में रमेश कुमार के बचाव में अभी से जुट गई है।

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