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बृजभूषण सिंह 50 से ज्यादा स्कूल-कॉलेज, अस्पताल और होटल के प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से मालिक या प्रबंधक हैं। भाजपा सांसद और भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के निवर्तमान प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह कई शैक्षणिक संस्थानों के मालिक हैं। उनके संस्थानों में लगभग 80,000 स्टूडेंट्स और 3,500 से अधिक शिक्षक हैं। सिंह के खिलाफ भारत के कुछ शीर्ष पहलवानों ने यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए है और गत एक महीने से विरोध प्रदर्शन जारी है।
बृजभूषण सिंह का साम्राज्य
54 ऐसे शैक्षणिक संस्थान हैं, जिससे कैसरगंज से सांसद बृजभूषण शरण सिंह का नाम जुड़ता है। इनमें से कई संस्थानों के वह प्रत्यक्ष तौर मालिक हैं। ये सभी संस्थान अयोध्या-गोंडा राजमार्ग के दोनों ओर हैं जो चार जिलों- गोंडा, बलरामपुर, बहराइच और श्रावस्ती से होकर गुजरता है।
गोंडा जिले का नवाबगंज बृजभूषण सिंह के साम्राज्य का मुख्यालय माना जाता है। इस क्षेत्र में कई शैक्षिक संस्थान और युवाओं-किसानों को लक्षित योजना चलाकर सिंह ने अपना दबदबा बना लिया। सिंह की इस ‘उदारता’ से नवाबगंज में रहने और काम करने वालों की एक बड़ी संख्या उनके प्रति वफादार हो चुकी है। ऐसे में नवाबगंज के बहुत कम लोग बृजभूषण शरण सिंह के बार में बात करते हैं और उससे भी कम उनसे जुड़े हालिया विवाद पर बोलते हैं।
कैसे काम करता है बृजभूषण सिंह का साम्राज्य?
नवाबगंज में कॉलेजों के अलावा बृजभूषण सिंह का एक होटल, एक शूटिंग रेंज और एक राष्ट्रीय कुश्ती अकादमी भी है। रोजगार के कम अवसरों वाले इस क्षेत्र में सिंह युवाओं के लिए वार्षिक ‘टैलेंट हंट’, किसान सम्मान (इसके तहत किसानों को उपहार के रूप में मुफ्त बछड़े दिए जाते हैं) और खेल मेले का आयोजन करते हैं, जिसमें पुरस्कार के रूप में नकद राशि भी दी जाती है।
इन सबमें सबसे ज्यादा प्रसिद्ध ‘टैलेंट हंट’है। यह गोंडा के कॉलेज और स्कूल में कराया जाता है। प्रतियोगिता के लिए ओएमआर परीक्षा पत्र जिले भर के संस्थानों को भेजा जाता है। विजेता को आमतौर पर एक मोटरसाइकिल या स्कूटी मिलती है। जबकि दूसरे, तीसरे और चौथे पुरस्कार के विजेताओं को 22,000 रुपये से लेकर 2,000 रुपये तक का नकद पुरस्कार मिलता है।
कैसे बना बृजभूषण सिंह का साम्राज्य?
जिले के एक वरिष्ठ भाजपा नेता बताते हैं, “हमने पिछले दो दशकों में बृजभूषण के साम्राज्य का उदय देखा है। यह सब 1990 में नवाबगंज में नंदिनी नगर कॉलेज की स्थापना के साथ शुरू हुआ, जिसने आधिकारिक तौर पर 1995 में काम करना शुरू किया। जल्द ही सिंह ने दूसरे बिजनेस में भी हाथ आजमाया और अब उनके पास स्कूल, कॉलेज होटल और अस्पतालों की एक श्रृंखला (Chain) है।
भाजपा नेता के अनुसार, बृजभूषण सिंह युवाओं के बीच काफी लोकप्रिय हैं। इसकी शुरुआत अयोध्या के साकेत डिग्री कॉलेज से होती है, जहां सिंह छात्र संघ के नेता थे। इसी दौरान यह 1980 और 90 के दशक में मंदिर आंदोलन के नेताओं के करीब आए।
भाजपा नेता कहते हैं, “आज उनके द्वारा चलाए जा रहे संस्थानों ने युवाओं और उनके साथ काम करने वाले लोगों पर पूरी तरह से पकड़ बना ली है, क्योंकि यहां की अर्थव्यवस्था व्यावहारिक रूप से उनके व्यवसायों के इर्द-गिर्द चलती है।”
स्थानीय नेता इस बात को जोर देकर बताते हैं कि कैसे बृजभूषण सिंह उद्घाटन और अन्य कार्यक्रमों का हिस्सा बनना पसंद करते हैं और ऐसा तब भी था जब उनकी पत्नी केतकी देवी सिंह कुछ समय के लिए सांसद थीं।
दरअसल, साल 1996 में जब दाऊद इब्राहिम के सहयोगियों को कथित रूप से शरण देने के मामले में सिंह पर टाडा लगा था और वह जेल गए थे। तब भाजपा ने उन्हें टिकट नहीं दिया था और उनकी पत्नी केकतीदेवी सिंह को गोंडा से मैदान में उतारा था। वह चुनाव जीत गई थीं। बृजभूषण सिंह साल 1991 में पहली बार सांसद बने थे।
सिंह की रेसलिंग एकेडमी और विदेशी कोच
10 एकड़ में फैला नंदिनी नगर कॉलेज अयोध्या के राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय से एफिलिएटेड है। कॉलेज में खेल के कई मैदान, बैडमिंटन कोर्ट और स्विमिंग पूल भी है, जिसका उद्घाटन साल 2018 में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया था। कॉलेज में ऐसी-ऐसी सुविधाएं हैं, जैसी उस विश्वविद्यालय से भी नहीं होंगी जिससे यह एफिलिएटेड है।
कॉलेज कैंपस में बने पांच मैट वाली रेसलिंग एकेडमी का नाम ‘National Wrestling Academy’ है। इससे छोटी एक दो मैट वाली एकेडमी भी है, जो स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (Sports Authority of India) द्वारा संचालित होती है। इसके अलावा मैच देखने के लिए गैलरी भी बनी है। हाल में कैंपस में ओपन सीनियर नेशनल रैंकिंग कुश्ती टूर्नामेंट हुआ था।
बृजभूषण सिंह की पांच मैट वाली ‘National Wrestling Academy’ अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस है। पूरी एकेडमी वातानुकूलित और देखने में भव्य है। इस एकेडमी को क्षेत्र के गौरव की तरह देखा जाता है। इस एकेडमी के कोचों में अलेक्जेंडर शोरेन्को (Alexander Shorenko) हैं, जिन्हें ज्यादातर लोग ‘विदेशी कोच’ के नाम से ही जानते हैं।
शोरेन्को अभी भी हिंदी ठीक से नहीं बोल सकते। हालांकि उनके अंग्रेजी इतनी अच्छी है कि वह बता सकें कि उन्हें भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के माध्यम से लाया गया था और वह प्रति माह 2,000 डॉलर पाते हैं। एकेडमी के साथ उनका कॉन्ट्रैक्ट सितंबर में समाप्त हो रहा है।
एक अन्य कोच, प्रेम चंद यादव बताते हैं कि दोनों एकेडमी को मिलाकर 100 छात्र और पांच कोच हैं। इसमें अलेक्जेंडर शोरेन्को, एक एडहॉक कोच, एक खेलो इंडिया द्वारा वित्त पोषित कोच और कॉलेज के दो ‘निजी कोच’ शामिल हैं।
प्रेम चंद यादव और फिजिकल एजुकेशन के टीचर नवीन सिंह बताते हैं कि कई अन्य पहलवानों की तरह ही बजरंग पुनिया और साक्षी मलिक अक्सर कॉलेज में आते थे और प्रशिक्षण व अभ्यास के लिए कैंपस में रहते थे।
गर्मी की छुट्टी होने के कारण कॉलेज फिलहाल बंद है। कॉलेज के गेट के ठीक बाहर बीसीए सेकंड सेमेस्टर की छात्रा खुशी सिंह मिलीं। बिहार की खुशी बातचीत के लिए रुकती हैं लेकिन दिल्ली में जारी पहलवानों के विरोध प्रदर्शन की बात आते ही चुप हो जाती हैं। वह बस इनता ही कहती हैं, “हमने इसके बारे में सुना है लेकिन यहां कोई भी उस सब पर चर्चा नहीं करता है। मैं इस कैंपस में एक साल से हूं और मैंने ऐसी किसी घटना के बारे में नहीं सुना है।”
अपने कार्यालय में बैठे प्रिंसिपल बीएल सिंह कहते हैं, “हमारा बुनियादी ढांचा इतना अच्छा है कि वर्षों से कॉलेज ने कई खेल शिविरों की मेजबानी की है… हमारे पास न केवल पड़ोसी क्षेत्रों से बल्कि बिहार और नेपाल के भी छात्र हैं।”
नंदिनी नगर महाविद्यालय के अलावा
नवाबगंज में ही नंदिनी कॉलेज के अलावा नंदिनी नगर लॉ कॉलेज, नंदिनी एजुकेशनल इंस्टीट्यूट, नंदिनी नगर पीजी कॉलेज, नंदिनी नगर कॉलेज ऑफ फार्मेसी, नंदिनी नगर टेक्निकल कैंपस फॉर इंजीनियरिंग एंड मैनेजमेंट, महिला शैक्षिक प्रशिक्षण कॉलेज, 100 बिस्तर वाला गोनार्ड अस्पताल और ट्रॉमा सेंटर, गोनार्ड कॉलेज ऑफ नर्सिंग एंड पैरामेडिकल, चंद्रभान सिंह इंटर कॉलेज और विपिन बिहारी बालिका माध्यमिक स्कूल है।
ये सभी बृजभूषण सिंह या उनके परिवार के सदस्यों द्वारा स्थापित संस्थान हैं। लगभग सभी संस्थानों का प्रबंधन भी सिंह या उनके परिवार के सदस्यों के पास ही है। सिंह परिवार बलरामपुर जिले में कम से कम सात, बहराइच जिले में आठ और श्रावस्ती जिले में तीन स्कूलों और कॉलेजों का मालिक है या इन संस्थानों को चलाता है।
एक हेलीकॉप्टर, छह एसयूवी, 70 गाय…
नंदिनी नगर कॉलेज से कुछ किलोमीटर की दूरी पर बृजभूषण सिंह का पैतृक गांव विष्णोहरपुर है। गांव में सिंह का दो मंजिला मकान है, जो कई एकड़ में फैला हुआ है। घर में शानदार जिम है। स्टाफ का कहना है कि सिंह के परिवार के सदस्य नियमित रूप से जिम करते हैं। घर सुंदर बगीचे से घिरा है। घर के पार्किंग एरिया में छह एसयूवी गाड़ियां खड़ी मिलीं। साथ ही एक रॉबिन्सन आर-66 टरबाइन हेलीकॉप्टर भी है, जो घर के पीछे खड़ा है। केयरटेकर ने बताया कि हेलीकॉप्टर हर दो से तीन दिन में उड़ान भरता है।
घर के ठीक बाहर एक झील के उस पार, एक अस्तबल और 70 गायों एक शेड है। अस्तबल में दो घोड़े हैं। केयरटेकर ने बताया कि सिंह अक्सर दोनों घोड़ों में से किसी एक की सवारी करते हैं। “घोड़ों को मलिक से बहुत लगाव है। वे उन्हें पहचानते हैं।” घर से लगभग 45 किमी दूर गोंडा के परसपुर में महाकवि तुलसीदास पीजी कॉलेज है, जो सिंह से ही जुड़ा एक और संस्थान है।