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यादवों के ऊपर प्रशासन को इतना जुल्म नहीं करना चाहिए: सपा विधायक ओमप्रकाश सिंह
गोरखपुर में समाजवादी पार्टी से जुड़े यादवों पर हो रही गैंगेस्टर एक्ट और संपत्ति जब्त करने की कार्रवाई पर समाजवादी सदन में विरोध करेगी। सपा नेता भोला यादव से लेकर पूर्व ब्लॉक प्रमुख शैलेश यादव के पिता जवाहिर यादव की करीब 400 करोड़ की संपत्ति जब्त करने की सूचना मिलते ही सपा का एक प्रदेश स्तरीय का प्रतिनिधिमंडल सोमवार को गोरखपुर पहुंचा।
प्रतिनिधि मंडल ने पीड़ितों के घर जाकर उनके परिवार के लोगों से मुलाकात की और उन्हें सांत्वना व्यक्त की। आश्वासन भी दिया कि समाजवादी पार्टी इस लड़ाई में उनके साथ है। इस पूरे मामले को सपा अब सड़क से लेकर सदन तक उठाएगी।
सत्ता अपना-पराया नहीं देखती है सिर्फ इंसाफ करती है
सपा विधायक और पूर्व मंत्री ओमप्रकाश सिंह ने कहा, ''प्रशासन को इतना जुल्म नहीं करना चाहिए। सत्ता अपना-पराया नहीं देखती है। सत्ता इंसाफ करती है। गोरखपुर में जो कुछ भी हो रहा है, वह बेहद घटिया, घिनौना और गंदा काम हो रहा है।
सदन में करेगी विरोध
इसका सदन में समाजवादी पार्टी विरोध करेगी। इस पूरे मामले की रिपोर्ट राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को सौंपेंगे। उनके दिशा- निर्देश के बाद पार्टी आगे की रणनीति तय करेगी।'' ओमप्रकाश सिंह गाजीपुर जिले के जाखानिया सीट से सपा के विधायक हैं।
छात्रसंघ ही लोकतंत्र का शिशु स्थल है
विधायक ओमप्रकाश सिंह गोरखपुर यूनिवर्सिटी में छात्रसंघ की बहाली पर चर्चा करते हुए कहा, ''छात्रसंघ ही लोकतंत्र का शिशु स्थल होता है। हम सब छात्रसंघ की कोख से ही पैदा होकर राजनीति में आए हैं। आज तक कोई ऐसा छात्र नहीं मिला होगा, जिसे भ्रष्टाचार में बर्खास्त किया गया है। लेकिन, देश भर में ऐसे तमाम कुलपति मिल जाएंगे, जोकि भ्रष्टाचार के मामले में बर्खास्त हो चुके हैं।''
वक्त मौन है, लेकिन गूंगा नहीं : ओमप्रकाश
''बावजूद इसके कुलपतियों के कमरों पर ताला नहीं लगाया गया। लेकिन, छात्रसंघ पर ताला लगा दिया गया। आगे उन्होंने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, वक्त मौन है, लेकिन गूंगा नहीं है। बहुमत हमेशा नहीं रहती है। सत्ता तो आती- जाती रहती है।
अखिलेश के मिलते ही विधायक का बदल दिया जेल
अभी हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष अपने एक विधायक इरफान सोलंकी से मिलने कानपुर जेल चले गए। इस बात पर सरकार ऐसा बौखलाई की विधायक का सिर्फ जेल ही नहीं बल्कि जिला बदल दिया गया। उसके बाद से विधायक पर मुदकमों की भी बौछार कर दी गई। इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि सिर्फ भारत देश में ही पुलिस ही केस दर्ज करती है और पुलिस ही उसकी जांच करती है। ऐसे में किसी भी मामले में निष्पक्ष जांच होने का तो सवाल ही नहीं खड़ा होता। जबकि, विदेशों में ऐसा नहीं है। वहां पुलिस सिर्फ केस दर्ज करती है, लेकिन उसकी जांच कोई और करता है। तभी सच सामने आता है।''
जब तीनों पालिका गड़बड़ हो जाती है तो पत्रकारिता उसे संभालती है
आगे उन्होंने कहा, ''लोकतंत्र में चार स्तंभ होते हैं। जब विधायिका गड़बड़ होती है तो कार्य पालिका उसे संभाल लेती है। जब कार्य पालिका गड़बड़ होती है तो उसे न्यायपालिका संभाल लेती है। लेकिन, जब यह तीनों गड़बड़ होता है तो उसे मात्र पत्रकारिता ही संभाल सकती है। मैं भी पत्रकारिता से जुड़ा रहा हूं। मेरा मीडिया से निवेदन है कि अगर वे विपक्ष की बात नहीं रखेगी तो लोकतंत्र की रक्षा कैसे हो सकेगी?''
सपा मुखिया के निर्देश पर पहुंची सपा टीम
दरअसल, सपा प्रमुख अखिलेश यादव के निर्देश पर 8 सदस्यों का एक प्रतिनिधि मंडल सोमवार को गोरखपुर पहुंचा है। प्रतिनिधि मंडल यहां सपा नेताओं के खिलाफ हो रही कार्रवाई की जांच कर रहा है। इसके बाद वे इस पूरे मामले की जांच रिपोर्ट सपा के प्रदेश कार्यालय में पेश करेगा।
मारे गए राहुल यादव के घर भी गए सपा नेता
इसके अलावा प्रतिनिधिमंडल के लोग बेलीपार इलाके के जुड़ापार गांव भी गए। जहां बीते सोमवार की रात दो भाईयों ने मिलकर राहुल यादव (24) पुत्र स्वर्गीय रमाकांत यादव की हत्या कर दी। दो मुर्गा काटने वाले व्यापारियों ने चाकू से ताबड़तोड़ वार कर युवक को मार डाला।
जबकि, युवक को बचाने गए दो अन्य लोगों को मारकर घायल कर दिया। प्रतिनिधिमंडल के सदस्य पीड़ित परिवार से मिलकर उन्हें सात्वना और मदद का आश्वासन दिया।
सपा नेताओं को बनाया जा रहा है निशाना
सपा विधायक ओमप्रकाश सिंह ने बताया, ''गोरखपुर पुलिस और प्रशासन द्वारा लगातार सपा नेताओं को टारगेट किया जा रहा है। बीते दिनों सपा नेता जवाहिर यादव और उनके बेटों दुर्गेश यादव, पूर्व ब्लॉक प्रमुख शैलेश यादव, सर्वेश यादव और अखिलेश यादव उर्फ भोला यादव पूर्व जिला पंचायत सदस्य समेत उनके भाई गोपाल यादव, भतीजा नीरज यादव पर गैंगेस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की गई।''
सपा प्रदेश कार्यालय को भेजी जाएगी रिपोर्ट
''इसके साथ ही पुलिस और प्रशासन ने उनकी संपत्तियों को भी अवैध रुप से कुर्क कर लिया। जिसका मामला राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के संज्ञान में आते ही उन्होंने 8 सदस्यों का एक प्रतिनिधिमंडल गोरखपुर भेजने के निर्देश दिए हैं। ताकि, इस पूरे मामले की जांच कर प्रदेश कार्यालय को इसकी रिपोर्ट प्रस्तुत की जा सके।''
यह लोग रहे प्रतिनिधिमंडल शामिल
इस प्रतिनिधिमंडल में ओमप्रकाश सिंह विधायक और पूर्व मंत्री, राममूर्ति वर्मा विधायक और पूर्व मंत्री, संग्राम यादव 'बलिया' विधायक, डॉ. मोहसिन पूर्व मंत्री, रामभुआल निषाद पूर्व मंत्री, अवधेश यादव निवर्तमान जिला अध्यक्ष गोरखपुर, केके त्रिपाठी निवर्तमान महानगर अध्यक्ष और सिंघासन यादव पूर्व महानगर महासचिव शामिल हैं।