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- गोरखपुर में सात साल...
गोरखपुर में सात साल पुराने हत्याकांड की पुलिस रिकार्ड से फाईल गायब ,माफिया पर नजर रखने में एक बार फिर खगांली जायेगी फाईल
गोरखपुर। सात साल पुराने हत्याकांड की पुलिस रिकार्ड से फाइल गायब हो जाना पुलिस विभाग में अपराधियों की पैठ की गहराई बयांकर देता है | क्षेत्र पंचायत चुनाव में षडयंत्र की सुगबुगाहट पर जगी पुलिस पुराने घटनाक्रम उनसे जुड़े अपराधियों की कुण्डली खगांल रही है | इस क्रम मे शाहपुर थाना अंतर्गत शिवपुर सहबाजगंज, संगम चौराहा निवासी बिजेंद्र सिंह उर्फ छोटू सिंह की कार्बाइन और पिस्टल से भूनकर हत्या कर दी गई थी | आरोप है कि पुलिस विभाग के कुछ कर्मचारियों के सहयोग से मामले आरोपी सुधीर सिंह के रसूखदार विभागी सहयोगियों ने जाॕच की महत्वपूर्ण फाइल ही गायब करा दी |
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दिनेश कुमार पी के संज्ञान में मामला आने के बाद अब फाइल को पुनः ढूंढा जा रहा है | फाइल न मिलने पर कोर्ट में जमा फाइल को निकलवा कर जानकारियां प्राप्त की जाएंगी | फाइल गायब करने वालों पर कार्रवाईया होगी | गौरतलब है कि फाइल गायब करने वाले भी गेहूं मे घुन की तरह विभागीय व शातिर किस्म के हैं | अब देखना ये है कि बाजी किसके हाथ लगती है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर फाइल की खोज शुरू हो गई है | मामले की तह तक जाने के लिए फाइल का वास्तविक रूप मे मिलना तो नामुमकिन लगता है | मामला भी सात साल पुराना हो गया है |
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने बताया कि माफिया सुधीर सिंह व उसके सहयोगी का नाम प्रकाश में आया था | जानबूझकर सुधीर सिंह के गुर्गों ने फाइल गायब करा दी | अब दुबारा फाइल को ढूंढा जा रहा है ना मिलने पर न्यायालय में जमा फाइल निकाल कर उससे सुबूत इकट्ठा किया जाएगा | ताकि दोषियों के ऊपर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जा सके|फाइल गायब करने वालो के ऊपर भी कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी |
घटना 10 नवंबर 2013 की है। पुरानी रंजिश को लेकर बदमाशों ने गुलरिहा के शिवपुर सहबाजगंज, संगम चौराहा निवासी बिजेंद्र सिंह उर्फ छोटू सिंह की कार्बाइन और पिस्टल से गोली मारकर हत्या कर दी थी। ब्रह्मभोज में पहुंचे छोटू सिंह पर अचानक बदमाशों ने हमला किया। आरोप है कि उस समय फोर व्हीलर में मौजूद रहे माफिया और उसके साथियों ने फिल्मी अंदाज में गोलियां दागी थीं | जिसमें चार अन्य लोग भी घायल हुए। घटना में छोटू सिंह की पत्नी ने सुधीर सिंह, उसके भाई उदयवीर सिंह सहित 10 अज्ञात लोगों पर केस दर्ज कराया। तब पुलिस ने सुधीर सिंह के नजदीकी रिश्तेदार को अरेस्ट करके फोर व्हीलर बरामद कर लिया। इस मामले में पुलिस प्रभावी कार्रवाई करती। इसके पहले विवेचना देवरिया जिले में ट्रांसफर हो गई। संदिग्ध है कि देवरिया क्राइम ब्रांच में तैनात रहे एसआई बीबी सिंह ने सुधीर सिंह सहित चार को क्लीनचिट दे दी। मामले की जानकारी होने पर तत्कालीन एसएसपी आरके भारद्वाज ने डीआईजी और आईजी को पत्र लिखकर मामले की दोबारा जांच कराने की मांग की | घटना के गवाह अपने बयान से मुकर गए। विवेचक ने वादी के समझौता करने का हवाला देते हुए सुधीर सिंह का नाम बाहर कर दिया। सीनियर पुलिस अफसरों के ट्रांसफर के बाद मामला दबता चला गया। करीब सात साल बाद छोटू सिंह हत्याकांड का जिन्न निकला है | इस प्रकरण में तीन के खिलाफ चार्जशीट फाइल हुई थी | किन परिस्थितियों में फाइल लापता हुई है। इस प्रकरण की जांच एसएसपी ने शुरू करा दी है। बिजेंद्र सिंह उर्फ छोटू सिंह का मर्डर कांड की फाइल खंगालने का निर्देश दिया गया है। पत्रावली गायब होने के पीछे किसका हाथ है। जांच होने के बाद ही सत्यता सामने आएगी |
धनंजय शुक्ला गोरखपुर