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Gorakhpur: गोरखपुर में लगेगा चारकोल का प्लांट, सीएम योगी करेंगे उद्घाटन
Gorakhpur: देश में कूड़े से टॉरेफाइड चारकोल (हरित कोयला) बनाने का पहला प्लांट वाराणसी में लगा है अब दूसरा प्लांट गोरखपुर में लगाया जाएगा। नेशनल थर्मल पावर कॉर्पोरेशन (NTPC) की तरफ से लगने वाले इस प्लांट की परियोजना पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कुछ संशोधन सुझावों के साथ अनुमति दे दी है। उम्मीद जताई जा रही है कि शारदीय नवरात्र के पहले दिन प्लांट का शिलान्यास मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हाथों हो सकता है।
कूड़े से बनेगा चारकोल
सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के लिए नगर निगम ने सहजनवां के सुथनी में 25 एकड़ जमीन ले रखी है। सुथनी में 15 एकड़ भूमि पर NTPC 500 टन प्रतिदिन की क्षमता का कूड़े से हरित कोयला (चारकोल) बनाने का प्लांट लगाएगा। प्रारंभिक आगणन के मुताबिक इस पर करीब 255 करोड़ की लागत आएगी। 25 वर्ष संचालन व अनुरक्षण के लिए नगर निगम एनटीपीसी को एक रुपये प्रति वर्ग मीटर की दर से भूमि देगा। नगर निगम द्वारा एनटीपीसी को प्रतिदिन 500 टन कूड़ा उपलब्ध कराया जाएगा। इसमें कोई दिक्कत भी नहीं आएगी। कारण 506 टन प्रतिदिन कूड़े का उत्सर्जन अकेले नगर निगम क्षेत्र में है। इसमें से 200 टन गीला कूड़ा बायो सीएनजी प्लांट को एवं शेष 306 टन सूखा कूड़ा चारकोल प्लांट को जाएगा। इसके साथ ही आसपास की नगरपालिका या नगर पंचायतों जैसे खलीलाबाद नगरपालिका, सहजनवा, घघसरा, उनवल, मगहर, बांसगांव आदि नगर पंचायतों से भी निकलने वाले कूड़े को प्लांट को उपलब्ध कराया जाएगा।
नगर निगम गोरखपुर को होगी लगभग 25 करोड़ रुपये के वित्तीय व्यय भार की बचत
एनटीपीसी के चारकोल प्लांट के लगने से नगर निगम पर 25 वर्षों में आने वाले संचालन एवं अनुरक्षण हेतु टिपिंग फीस पर करीब 650 करोड़ रुपये के वित्तीय व्यय भार की बचत होगी। प्लांट से निकलने वाले चारकोल को एनटीपीसी द्वारा समय समय पर अपने पॉवर प्लांट पर शिफ्ट कर दिया जाएगा। इससे स्टोरेज के लिए अधिक भूमि की जरूरत नहीं पड़ेगी। नगर निगम के साथ ही आसपास की नगर निकायों से उत्सर्जित कूड़े का भी वैज्ञानिक विधि से निस्तारण हो जाएगा। इस परियोजना को लेकर लखनऊ में मुख्यमंत्री के समक्ष नगर निगम और एनटीपीसी की तरफ से प्रस्तुतिकरण हो चुका है।
गोरखपुर से पहले वाराणसी में शुरू हो चुकी है परियोजना
एनटीपीसी गोरखपुर से पहले वाराणसी में अपनी तरह की पहली हरित कोयला (टॉरेफाइड चारकोल) परियोजना शुरू कर चुका है। ‘टॉरेफाइड चारकोल’ प्राकृतिक कोयले के समान होता है और बिजली उत्पादन के लिए तापीय बिजलीघरों में इसका ईंधन के साथ सफलतापूर्वक तरीके से मिश्रण किया जाता है। यह पर्यावरण अनुकूल प्रक्रिया होती है जिसमें कचरे को जलाया नहीं जाता बल्कि रिएक्टर के भीतर प्रसंस्कृत किया जाता है।
CSR फंड से लगेगा 50 मेगावाट का रूफटॉप सोलर प्लांट
गोरखपुर में चारकोल प्लांट लगाने की मंशा जाहिर करने के अलावा एनटीपीसी सीएसआर फंड से 50 मेगावाट का रूफटॉप सोलर प्लांट लगाने की घोषणा भी मुख्यमंत्री के समक्ष कर चुका है। इस पर करीब 50 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। यह सोलर प्लांट नगर निगम एवं अन्य प्रशासनिक भवनों पर चरणबद्ध तरीके से लगाया जाएगा जिससे बिजली की बचत होगी।