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लेहड़ा देवी मंदिर, जहां भक्तों की अरदास होती है पूरी
शक्तिपीठ के रूप में श्रद्धालुओं के लिए आद्रवन लेहड़ा देवी मंदिर आस्था का केंद्र है.यह गोरखपुर से 50 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। मां के दरबार में श्रद्धालु दूर-दूर से पहुंचते हैं. वैसे तो यहां पूरे साल ही भक्तों का तांता लगा रहता है, लेकिन नवरात्र के दिनों में श्रद्धा का सैलाब उमड़ पड़ता है. मां के प्रति एक नाविक के कुचक्र और पांडव काल की कहानियों से जुड़े इस मंदिर में हर साल लाखों लोगों की भीड़ होती है।
*महराजगंज जिले में जंगल के बीच स्थित है यह मंदिर*
महाराजगंज जिले के फरेंदा में स्थित मां लेहड़ा देवी के मंदिर में भक्त अपनी अरदास लगाते हैं. ये मंदिर जंगल में बना हुआ है. ऐसा कहा जाता है कि जो भी भक्त सच्चे दिल से मन्नत मांगता है तो उसकी मुराद पूरी होती है. मां के दरबार में भारत के अनेक राज्यों के साथ-साथ नेपाल से भी काफी संख्या में मां के भक्त आते हैं और जंगल के बीच में स्थित दरबार में अपनी अरदास लगाते हैं
*जानिए क्या है इतिहास*
कई हजार साल पहले यहां पवह नाम की एक नदी बहती थी, जो आज भी एक छोटे आकार में मौजूद है। जहां एक दिन माता एक किशोरी का रूप रखकर गईं और नाविक से नदी पार कराने को कहा. मां की सुंदरता पर आसक्त हो नाविक ने उनसे अभद्रता करनी चाही तो उस पर कुपित होकर मां ने नाविक और नाव के साथ उसी पल जल समाधि ले ली.आज भी उस नाव का दृश्य दिखाई देता है।
*भारत और नेपाल सीमा पर स्थित है यह मंदिर*
भारत नेपाल सीमा पर स्थित इस मंदिर पर जिस तरह भक्तों का हुजूम रहता है उसे देखकर तो यही कहा जा सकता है कि मां के दरबार में हाजिरी लगाने से सारे पाप कट जाते हैं. मां सभी भक्तों की मुराद पूरी करती है।