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- कनाडा भागने की फिराक...
गोरखनाथ मंदिर की सुरक्षा में तैनात पीएसी जवानों पर हमले का आरोपी अहमद मुर्तजा अब्बासी खाड़ी देशों में पैसा भेजने के बाद से ही एजेंसियों के रडार पर गया था। एजेंसियों ने उसकी गहराई से छानबीन के लिए एटीएस को लगाया था। हालांकि एटीएस की लापरवाही से पहले तो वह घर से भाग निकला और फिर गोरखनाथ मंदिर में तैनात सुरक्षाकर्मियों पर हमला किया। हालांकि घरवालों का एटीएस से दावा है कि वह कनाडा जाने की तैयारी कर रहा था। उन्हें उसे खाड़ी देश (सीरिया या अन्य देश) रुपए भेजने की जानकारी नहीं थी।
मुर्तजा के परिवार की रसूखदारों में गिनती होती है। उसके पास भी अच्छी खासी रकम थी। एटीएस सूत्रों के मुताबिक पढ़ाई के दौरान ही उसने 2012 से 2015 के बीच नेपाली खातों के माध्यम से सीरिया पैसा भेजा था। यही नहीं 2020-21 में भी नेपाली खातों के जरिए करीब 8 लाख रुपये सीरिया भेजा था। जिसके बाद से ही वह खुफिया एजेंसियों के रडार पर आया था। यही वजह कि एटीएस को उस पर नजर रखने के लिए लगाया गया था। दो अप्रैल को एटीएस जब उसके घर अधिवक्ता के रूप में पहुंची तो वह नहीं मिला। परिवार के अन्य लोगों से जानकारी लेकर टीम चली गई थी पर मुर्तजा के चाचा को उनके हावभाव से शक हो गया। उन्होंने जानकारी जुटाई तो पता चला कि वह पुलिसवाले थे। डाक्टर चाचा ने इस बारे में जब मुर्तजा से फोन पर पूछा तो उसके बाद वह घर से भाग गया और अगले दिन घटना को अंजाम दे डाला।
मुर्तजा के खाते में बड़ी रकम रखने के सवाल पर एटीएस को परिवार के लोगों ने बताया कि वह कनाडा जाने की तैयारी में था। कनाडा जाने वाले व्यक्ति के खाते में पैसा होना जरूरी होता है। कुछ महीनों तक पैसा होने के बाद ही वीजा मिलता है, इसलिए उसके खाते में पैसा रखा गया था। उस पैसे का उसने किस रूप में इस्तेमाल किया है, यह परिवार को नहीं पता है। परिवार का मानना है कि कनाडा की कंसल्टेंटी फर्म कुछ जरूरी खर्चों को पहले मांगती हैं, हो सकता है कि उसने वही पैसा ट्रांसफर किया हो। हालांकि एटीएस की जांच अभी पैसे को लेकर जारी है।