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- धार्मिक संस्थायें...
धार्मिक संस्थायें कोबिड में करें मानव जीवन की रक्षा : प्रबल
गोरखपुर | सरकार सम्पूर्ण जनप्रबंध की जिम्मेदार है | सरकारी तंत्र व सेवाओं के अलांवा समाज में कौन कितना जन सरोकार मे मददगार हो सकता है यह सरकार तक पहुँचाने आलोचना करने का दायित्व विपक्ष व दबाव समूहों पर होता है | देश भर में चकाचौध की राजनीतिक एलईडी के तेज रोशनी में आम जन की आंखें चुधिया जा रहीं हैं | आपदा मे अवसर के आहवान पर जमाखोर व पूजीपति खुल के शोषण शुरू कर दिये | ऐसे में एक आवाज ऐसी भी है जो सीएम सीटी से आती है और कभी भाजपाई रही |
प्रबल प्रताप शाही गाजीपुर बार्डर से मुख्यमंत्री को लगातार घेरने का काम कर रहे है | आजकल किसान आन्दोलन से जुड़े हैं और नागरिको के स्व अधिकार जागरूकता अभियान को लेकर घर- घर जा रहे है | उन्होंने माग की है कि मुख्यमंत्री के पास महंथ रहते हुये तमाम निजी संस्थान हैं जो कोबिड अस्पताल बनाये जा सकते हैं | गोरखनाथ मंदिर परिसर हो या महाराणा प्रताप कॉलेज हो, प्रेक्षा गृह, दिग्विजय नाथ शैक्षिक संस्थान है जिनको जन कल्याण हेतु जनता के लिये खोल देना चाहिए | धार्मिक मठों के पास अकूत सम्पति है | इस आपदा मे जनता के द्वारा अपने आराध्य को दिया गया धन अब प्रसाद के रुप में उन्हें वापस होना चाहिए |
उन्होंने कहा कि यदि श्री योगी यह मुहिम शुरू करते हैं तो तमाम मठ , धार्मिक स्थल जन सेवा में धन दान करेंगे और यकीनन वह सरकार को बहुत बड़ी आर्थिक मदद होगी | आज ईश्वर भी मनुष्य के स्वार्थ की उसके अहम की परीक्षा ले रहा है | धर्म मानवता की रक्षा के लिये बने हैं | आज मानव जीवन खतरे मे है | सभी धर्म व धार्मिक नेता , महंथ , पादरी , मौलाना को आगे आना चाहिए और जानमाल की रक्षा करनी चाहिए | मुख्यमंत्री स्वयं से शुरूआत करें तो ये मुहिम देशब्यापी बन जाय चूकि वह स्वयं एक प्रतिष्ठित मठ के महंथ हैं उनका यह कदम काफी असरकारक होगा | दबाव समूह के रूप में प्रबल के इस आहवान का मुख्यमंत्री पर असर होता दिख रहा है |
बड़हलगंज में होम्योपैथी चिकित्सा कालेज को अस्पताल बनाये जाने की मांग लगातार करते रहने वाले प्रबल का तर्क था कि आजमगढ़ से गोरखपुर के बीच कोई विशेष अस्पताल न होने से मरीज असमय चिकित्सा के अभाव मे दम तोड़ रहे हैं | फिर तो यह मांग जोर पकड़ी और मुख्यमंत्री ने इसे कोबिड अस्पताल बनाने की मंजूरी दे दी | शहर के तमाम संस्थान जैसे स्पोर्ट्स कालेज व आई ए एस कोचिंग को भी 250 बेड का कोबिड अस्पताल बनाया जा रहा है | हलांकि निजी संस्थान , मठ धार्मिक स्थल अभी भी औपचारिकता ही निभा रहें हैं |