गोरखपुर

कोशिश कर रहा हूं, साहब आदमी से इंसान बन जाओ, सुना हैं, इंसान मर गया, इस हादसे को ज़माना गुजर गया हैं!

Shiv Kumar Mishra
28 July 2020 2:46 PM GMT
कोशिश कर रहा हूं, साहब आदमी से इंसान बन जाओ, सुना हैं, इंसान मर गया, इस हादसे को ज़माना गुजर गया हैं!
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ढूंढ रही बहने भाई को राखी बांधने के लिए ,फिर टूटी पिता के बुढ़ापे की लाठी, छीना मां का लाल ।

रोज़ इंसानियत के जनाजे निकलते देखें हैं । अब इंसानियत मुश्किल से ही दिखती है ,आदमी तो सब है साहब, पर इंसान मुश्किल से मिलते हैं। इंसानियत से पैदा हुआ है,इंसान । हैवानियत से पैदा हुआ है, हैवान इंसानियत और हैवानियत की लड़ाई में, हैवानियत फिर से जीत गई इंसानियत की हार हुई ।

इस धरती पर ऊपर वाले ने इंसानियत और हैवानियत की मिसाल हमको दिखाई है, राम को इंसानियत का देवता और रावण को हैवानियत का प्रतीक में दिखाया है । इंसानियत के सामने चाहे कितनी मुश्किलें आ जाए जीत इंसानियत की होती है, समय जरूर लगता है, जैसे भगवान राम ने 14 वर्ष का वनवास काटा, 14 वर्ष के वनवास के पीछे भी संदेश था, इंसानियत और हैवानियत का । इस दौर में हैवानियत फिर से हावी हो रही है, कलयुगी रावण फिर से पैदा हो रहे हैं ,कलयुगी रावण बहुत सारे नामो से पहचाने जाते हैं, बलात्कारी, भ्रष्टाचारी अपरहणकर्ता, और धर्म के नाम पर जहर उगलने वाले । इस युग को राम का इंतजार है।

आज गोरखपुर में दिल दहलाने वाली घटना घटी,पांच बहनों में इकलौता भाई रक्षाबंधन के पहले ही मौत के घाट उतार दिया गया,मां और बहनों का बुरा हाल है,मां की आंखों से आंसुओं का सैलाब बह रहा है,और बहने थोड़ी थोड़ी देर में मूर्छित हो रही है ,जोर जोर से चिल्ला रही है, भईया वापस आ जाओ तुम्हें राखी बांधना है, हम राखी किसको बांधगे, पिता के बुढ़ापे की लाठी टूट गई,मां के बुढ़ापे का सहारा छिन गया।

परिवार से मांगी गई थी एक करोड़ की फिरौती, पिता ने कभी लाख नहीं देखे तो करोड़ कहां से देता । उत्तर प्रदेश में एक और अपहरण और हत्या कांड ने यूपी को हिला दिया है,गोरखपुर में नाबालिग बच्चे के अपहरण के बाद हत्या कर दी गई,पांच बहनों के इकलौते भाई की हत्या से पूरे परिवार में मातम है, इससे पहले कानपुर, गोंडा फिरौती कांड से लेकर गाजियाबाद हत्याकांड तक से यूपी अपराध को लेकर सुर्खियों में है और अब गोरखपुर में अपराधी एक्शन में हैं।

पुलिस की तफ्तीश में पता चला है ,कि आरोपी बच्चे को अच्छी तरह जानते थे। एसएसपी के मुताबिक पहचान उजागर होने के डर से अपहरणकर्ताओं ने बलराम की हत्या कर दी। परिजनों से एक करोड़ रुपये की फिरौती मांगी गई थी।अपहरणकर्ताओं ने पैसे के लालच में वारदात को अंजाम दिया। फिर पहचान उजागर होने के डर से मासूम को मौत के घाट उतार दिया। एसएसपी ने कहा, 'अपहरणकर्ता बलराम के घर के आसपास के ही रहने वाले हैं। उनको डर था कि घर वाले उन्हें पहचान लेंगे। क्राइम ब्रांच टीम का सहयोग लेकर जिन नंबरों से कॉल आई थी उनकी लगातार मॉनिटरिंग करके अभियुक्तों को उठाया गया। दयानंद ने बताया कि बलराम की लाश कहां फेंकी गई है। अजय गुप्ता और दयानंद समेत कुल पांच अपहरणकर्ताओं को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। प्रथम दृष्टया देखने पर लगता है कि गले को कसके दबाया गया है। बाकी पोस्टमॉर्टम में खुलासा हो जाएगा।

कभी हमने विचार किया है, देश में अपरहण,लूट,डकैती,चोरी बलात्कार के मामले क्यों बढ़ रहे हैं । उत्तर प्रदेश के बहुत सारे कामगार दिल्ली ,महाराष्ट्र और दूसरे राज्यों से वापस आ गए उनके पास काम नहीं हैं, पैसा हो गया खत्म , बेरोजगारी बिगड़ती अर्थव्यवस्था से देश में त्राहि-त्राहि की स्थिति बनने लगी है,जब आदमी बेरोजगार होता है, और जेब में पैसा नहीं होता तो अपराध का ग्राफ बढ़ने लगता है, जो अपराधी प्रवृत्ति के लोग होते हैं उनके पास एक ही रास्ता बचता है गलत कदम उठाने का, मेहनत करने वालों के पास बहुत सारे रास्ते होते हैं, पैसा खत्म हो जाता है तो फावड़ा और तशला लेकर मजदूरी करने के लिए निकल जाते हैं । देश के लिए खतरे की घंटी है ,अगर बेरोजगारी महंगाई पर काबू नहीं पाया गया तो रोज़ हमें ऐसी ही घटनाएं देखने को मिलेंगी ।

भारतवासियों ऐसा

काम ना करो ।

राम का नाम बदनाम

ना करो ।

राम को समझो

राम को जानो ।

मेरे प्यारे देशवासियों।।

मोहम्मद जावेद खान

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