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सरकार का किसानों को झटका, फसलों में प्रयोग होने वाली डीएपी की दरें बढ़ी
केंद्र सरकार ने आग लगा रही महंगाई के बीच किसानों को जोर का झटका धीरे से दे दिया है। भले ही फिलहाल डिमांड नहीं है लेकिन सरकार ने किसानों की विभिन्न फसलों में प्रयोग होने वाली डीएपी की दरें बढ़ा दी हैं। 50 किलो डीएपी पर 150 रूपए बढ़ाए गए हैं। आने वाले दिनों में किसानों को अब डीएपी 1550 की 50 किलो मिलेगी। बता दें कि वर्तमान में 50 किलो डीडीएपी की दर 1350 रूपए है। ये दर पहले से ही अधिक थी।
मैनपुरी जनपद में आलू, लहसुन, गेहूं, धान की फसलें प्रमुख रूप से होती हैं। विशेष रूप से आलू, लहसुन और गेहूं की फसल के लिए खाद की आवश्यकता पड़ती है। फसल से अधिक उत्पादन लेने के लिए किसान मानक से अधिक डीएपी का इस्तेमाल करते हैं ये भी सच है। लेकिन डीएपी के बिना आलू, लहसुन और गेहूं से अधिक उत्पादन नहीं लिया जा सकता ऐसा किसानों का कहना है। गुरुवार को 50 किलो डीएपी पर 150 रुपये एक साथ बढ़ाने की खबर आयी तो किसान हैरान रह गए।
फसल की बढ़ जाएगी लागत
डीएपी खाद के स्टॉकिस्ट अजय गुप्ता बताते हैं कि देश में डीएपी अमेरिका और अरब देशों के जरिए आयात होती है। मालभाड़ा बहुत अधिक बढ़ गया है। जिसके चलते डीएपी की दरें बढ़ गई हैं। आने वाले दिनों में और दरें बढ़ सकती हैं। फिलहाल डीएपी 1350 की है। डिमांड भी बहुत कम है। स्टॉक भी कम है। किसान दीन मोहम्मद, भिखारीलाल, दीपक आदि का कहना है कि महंगाई पहले से ही दम निकाल रही थी अब डीएपी पर एक साथ 150 रुपये बढ़ाए गए हैं। जिससे फसल की लागत बढ़ जाएगी।