हापुड़

हापुड़ डीएम आईएएस अदिति सिंह ने पिता को मुखाग्नि देकर बेटी बेटे का फर्क किया समाप्त

Shiv Kumar Mishra
10 Aug 2020 4:05 AM GMT
हापुड़ डीएम आईएएस अदिति सिंह ने पिता को मुखाग्नि देकर बेटी बेटे का फर्क किया समाप्त
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उनके पिता धनन्जय प्रताप सिंह भारत सरकार में सचिव के पद से सेवानिवृत्त हुए थे और पिछले लंबे समय से बीमार चल रहे थे।

जिला बस्ती स्थित मरवटिया बाबू गांव की मूल निवासी हापुड़ जिले में जिलाधिकारी आईएएस अदिति सिंह तैनात है। उनके के पिता पूर्व IAS धनंजय प्रताप सिंह (डीपी सिंह ) का निधन हो गया। उनके पिता 2010 में UP IAS कैडर से सेवानिवृत्त हुए थे, अदिति ने दी पिता को मुखाग्नि देकर बेटी बेटे में कोई फर्क नही है यह साबित किया।

हापुड़ डीएम अदिति सिंह ने पिता के निधन के बाद ब्रजघाट गंगा तट पर नम आंखों से उनका अंतिम संस्कार किया। डीएम ने स्वयं ने भीगी आंखों से अपनी पिता को मुखाग्नि दी। इस दौरान जिला स्तरीय अधिकारियों के अलावा जन प्रतिनिधि भी पहुंचे तथा शोक संवेदना व्यक्त की गई। उनके पिता धनन्जय प्रताप सिंह भारत सरकार में सचिव के पद से सेवानिवृत्त हुए थे और पिछले लंबे समय से बीमार चल रहे थे।

डीएम हापुड़ अदिति सिंह के 74 वर्षीय पिता धनन्जय प्रताप सिंह का बीमारी के चलते निधन हो गया। रविवार दोपहर करीब दो बजे अदिति सिंह ने स्वयं अपने पिता का अन्तिम संस्कार किया। ब्रजघाट गंगा तट पर उन्होंने पिता को मुखाग्नि दी। इस दौरान सीडीओ उदय सिंह, एडीएम जयनाथ यादव, एएसपी सर्वेश मिश्रा, एसडीएम विजय वर्धन तोमर, सत्यप्रकाश, विशाल यादव, तहसीलदार सुरेन्द्र प्रताप यादव इओ संजीवन राम यादव, के अलावा अन्य अधिकारी कर्मचारी मौजूद रहे।

कौन है अदिति सिंह

मूल रूप से उत्तर प्रदेश के बस्ती की रहने वाली अदिति सिंह के माता-पिता दोनों ही यूपी कैडर के रिटायर्ड आईएएस ऑफिसर्स हैं और वे उन्हें अपना रोल मॉडल मनती हैं। बचपन की पढ़ाई कई जिलों में हुई। उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से राजनीति शास्त्र में ग्रैजुएशन और एमए करने के बाद एम फिल भी किया। अपने माँ पापा से प्रेरणा पा कर आईएएस बनाने का निर्णय किया। 2009 में सिविल सर्विसेज में कामयाबी हासिल की और अच्छी रैंकिंग की वजह से होम स्टेट यानी यूपी कैडर मिला।

अदिति सिंह की पहली पोस्टिंग लखनऊ में हुई। अप्रैल 2012 में उन्हें लखनऊ का चीफ डेवलपमेंट ऑफिसर भी बनाया गया। बतौर डीएम उनकी पहली पोस्टिंग पीलीभीत के जिलाधिकारी के तौर पर हुई। 2014 में उन्हें रायबरेली का डीएम बनाया गया। जुलाई 2014 में अदिति सिंह सुल्तानपुर की डीएम बनायी गयीं। करीब एक साल तक सुल्तानपुर में उन्होंने प्रशासनिक कौशल से जिले के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी। 2015 में उन्हें यूपी स्टेट रोड ट्रांसपोर्ट कॉरपोरशन का एडिशनल मैनेजिंग डॉयरेक्टर बनाया गया। उन्होंने ट्रांसपोर्ट डिपार्टेमेंट में काफी सुधार किये और वहीं वो सुपरवूमन के नाम से मशहूर हुईं। वे निर्भीकता से अपने हर दायित्व को निभाने में विश्वास रखती हैं।

इसके बाद अदिति सिंह बतौर जिलाधिकारी उन्नाव नियुक्त की गयीं। वहां भी उनकी कार्यशैली का दबदबा कायम रहा। उन्होंने स्वच्छता पर विशेष ध्यान दिया, पॉल्यूशन फैलाने वाली करीब दो दर्जन औद्योगिक इकाइयों पर सख्त कार्रवाई की। उन्नाव डिस्टिलरीज एंड ब्रेवरीज लिमिटेड के प्रदूषण को नियंत्रित करने तक बिजली सप्लाई रुकवा कर उन्होंने अपनी मजबूत और निडर प्रशासनिक छवि का परिचय दिया और काफी चर्चा में रहीं। जिले में बेहतर शिक्षा, सड़क, सुरक्षा के लिए भी उन्होंने अच्छा काम किया। उन्हें गौतमबुद्ध नगर में कमर्शियल टैक्स डिपार्टमेंट में एडिशनल कमिश्नर के तौर पर भी नियुक्त किया गया।

बेहद छोटे अंतराल के बाद अप्रैल 2018 में अदिति सिंह को हापुड़ का जिलाधिकारी बना दिया गया। उनके नेतृत्व में हापुड़ में विकास कार्यों में तेजी आयी। यह जिला 2018 से ई-डिस्ट्रिक्ट सिटीजन सर्विस, जन शिकायत निवारण और डेवलपमेंट एजेण्डे में उत्तर प्रदेश में लगतार टॉप पर है। उन्होंने हापुड़ में स्वच्छता पर जोर दिया और भारत सरकार द्वारा किये जाने वाले ग्रामीण भारत स्वच्छता मिशन सर्वे में हापुड़ देशभर में उच्च रैंकिंग हासिल करने में सफल रहा। अदिति सिंह पिलखुवा विकास प्राधिकरण की ट्रांसपोर्ट नगर योजना और गढ़मुक्तेश्वर में सफाई की योजना में तेजी लाने में सफल रहीं। वर्ष 2019-20 में हापुड़ जल संसाधन और सहकारिता के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश का सर्वाधिक राजस्व इकट्ठा करने वाला जिला बन गया। कोरोना काल में जागरुकता, अफवाहों पर रोक लगाने के प्रयास के साथ ही जिले में संक्रमण रोकने के हर संभव प्रयास कर अदिति सिंह शानदार गवर्नेंस का परिचय दे रही हैं।

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