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बाढ़ से जूझते गांव के एक मजदूर ने लगाई फांसी , पत्नी बोली भूखा था परिवार
हरदोई। अरवल इलाके में एक युवक बाढ़ की वजह से भुखमरी का शिकार हो गया। बाढ़ में फंसने के बाद उसको पत्नी और बच्चों का परिवार पालना मुश्किल हो गया। जिसके बाद उसने पत्नी की साड़ी का फंदा बनाकर फांसी लगा ली और मौत को गले लगा लिया। पत्नी ने आरोप लगाया कि बाढ़ग्रस्त गांव होने के कारण पूरा परिवार भूख से बिलख रहा था, जिससे तंग आकर पति ने खुदकुशी कर ली है।
बताया गया कि अरवल थाना क्षेत्र के अदनिया गांव निवासी 27 वर्षीय वेदपाल मजदूरी कर परिवार का पालन पोषण करते थे। बाढ़ से प्रभावित होने के बाद उन्होंने पत्नी के साड़ी का फंदा बनाकर मौत को गले लगा लिया। पति की मौत के बाद पत्नी सपना का रोते रोते बुरा हाल है। पत्नी का आरोप है कि पिछले 2 महीने से हम लोग मदद मांगकर परिवार पाल रहे थे। गांव में आई भीषण बाढ़ के कारण चारों तरफ पानी आ गया है। इसकी वजह से वेदपाल मजदूरी करने नहीं जा सका। 3 दिन से मेरी 4 पुत्री और पति खुद भूख प्यास से तड़प रहे थे।
पत्नी सपना ने बताया कि शनिवार को पति वेदपाल कहीं गए थे लेकिन राशन नहीं मिल पाया। बच्चे भूख के मारे बिलख रहे थे। वो कह रहे थे न काम मिल रहा है न राशन। सरकार की तरफ से कोई मदद नहीं मिल पा रही है, ऐसे में हम लोग कैसे जी पाएंगे। हमारी झोपड़ी में अन्न का दाना भी नहीं है। ये सुनकर मैंने उन्हें समझाया था कि धैर्य रखिये कोई रास्ता निकल आएगा। लेकिन कल रात को बच्चे भूखे ही सो गए। बच्चों को सुलाते- सुलाते मेरी आंख कब लग गई पता नहीं चला। लेकिन भूख के मारे पति को नींद भी नहीं आ रही थी। सुबह उठी तो झोपड़ी में लगे बांस के सहारे पति मेरी साड़ी का फंदा बनाकर फंदे पर लटके मिले। सपना की चीख सुनकर आसपास के लोग मौके पर पहुंचे। आनन फानन में उसे उतारकर अस्पताल ले जाना चाहा लेकिन तब तक वेदपाल की सांसें थम चुकी थी। सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।
मामले में डीएम मंगला प्रसाद सिंह ने बताया कि वह खुद कुछ दिन पहले प्रशासनिक अमले के साथ अदनिया गांव गए थे। प्रशासन की ओर से लगातार वहां सहायता पहुंच रही है। इस तरह का मामला सामने आया है, जिसकी जांच कराकर ही कुछ कहा जा सकेगा। हालांकि कुछ दिन पहले जलशक्ति मंत्री स्वतंत्रदेव सिंह और प्रभारी मंत्री जेपीएस राठौर ने भी प्रशासनिक अमले के साथ बाढ़ प्रभावित इलाके का निरीक्षण किया था। जिसमें दावा किया था कि सभी बाढ़ प्रभावितों को प्रशासन द्वारा राहत सामग्री वितरित की जा रही है, फिलहाल इस तरह से हुई युवक की मृत्यु से प्रशासनिक दावों की पोल जरूर खुली है।