- होम
- राष्ट्रीय+
- वीडियो
- राज्य+
- उत्तर प्रदेश
- अम्बेडकर नगर
- अमेठी
- अमरोहा
- औरैया
- बागपत
- बलरामपुर
- बस्ती
- चन्दौली
- गोंडा
- जालौन
- कन्नौज
- ललितपुर
- महराजगंज
- मऊ
- मिर्जापुर
- सन्त कबीर नगर
- शामली
- सिद्धार्थनगर
- सोनभद्र
- उन्नाव
- आगरा
- अलीगढ़
- आजमगढ़
- बांदा
- बहराइच
- बलिया
- बाराबंकी
- बरेली
- भदोही
- बिजनौर
- बदायूं
- बुलंदशहर
- चित्रकूट
- देवरिया
- एटा
- इटावा
- अयोध्या
- फर्रुखाबाद
- फतेहपुर
- फिरोजाबाद
- गाजियाबाद
- गाजीपुर
- गोरखपुर
- हमीरपुर
- हापुड़
- हरदोई
- हाथरस
- जौनपुर
- झांसी
- कानपुर
- कासगंज
- कौशाम्बी
- कुशीनगर
- लखीमपुर खीरी
- लखनऊ
- महोबा
- मैनपुरी
- मथुरा
- मेरठ
- मिर्जापुर
- मुरादाबाद
- मुज्जफरनगर
- नोएडा
- पीलीभीत
- प्रतापगढ़
- प्रयागराज
- रायबरेली
- रामपुर
- सहारनपुर
- संभल
- शाहजहांपुर
- श्रावस्ती
- सीतापुर
- सुल्तानपुर
- वाराणसी
- दिल्ली
- बिहार
- उत्तराखण्ड
- पंजाब
- राजस्थान
- हरियाणा
- मध्यप्रदेश
- झारखंड
- गुजरात
- जम्मू कश्मीर
- मणिपुर
- हिमाचल प्रदेश
- तमिलनाडु
- आंध्र प्रदेश
- तेलंगाना
- उडीसा
- अरुणाचल प्रदेश
- छत्तीसगढ़
- चेन्नई
- गोवा
- कर्नाटक
- महाराष्ट्र
- पश्चिम बंगाल
- उत्तर प्रदेश
- Shopping
- शिक्षा
- स्वास्थ्य
- आजीविका
- विविध+
- Home
- /
- राज्य
- /
- उत्तर प्रदेश
- /
- हरदोई
- /
- हरदोई में बेमौसम बारिश...
हरदोई में बेमौसम बारिश व ओलावृष्टि से किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें
हरदोई। बेमौसम बारिश व ओलावृष्टि से किसानों की तैयार गेहूं की फसल व आम का बोर काफी प्रभावित हुआ है। किसान कुदरत की मार से काफी आहत है। रवी की फसल गेहूं पूरी तरह से तैयार थी, कटाई आरंभ हो गई थी, दिन-रात कई महीनों से मेहनत के बाद किसानों की फसल तैयार हो गई थी, फसल कटकर घर आने से पहले कुदरत की मार ने किसानों की को चोट पहुंचाई है, जिसका प्रभाव उनके जीवन का पड़ेगा।
रात-दिन कठिन परिश्रम कर किसान देश को अनाज देता है। वही बेजुबान पशु पक्षी बेहाल है, सबसे ज्यादा अस्थाई गौआश्रय स्थलों में बंद बेजुबान पशुओं के सामने जीवन का संकट है, पूरा क्षेत्र मय बारिश व ओलावृष्टि से प्रभावित है। राहगीर ओले गिरने के कारण चुटहिल हुए हैं। कुदरत की मार से किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें हैं। किसानों के सामने परिवार के भरण पोषण का संकट खड़ा हो गया है।
अनुमान के अनुसार जहां जहां ओलावृष्टि हुई है उन किसानों की फसल 30% तक प्रभावित हुई है। किसानों की प्रभावित फसल का कंपनियां फसल बीमा के नाम पर धोखा दे देती है। किसानों को अपने नुकसान की सूचना 24 घंटे के अंदर कंपनियों को देना अनिवार्य होता है, जबकि किसान की बड़े पैमाने पर फसल बारिश व ओलावृष्टि से प्रभावित होगी, ऐसे में खेत में जलभराव निकालना चाहिए या कंपनियों के अधिकारियों के चक्कर लगाएं।
अधिकारी कागजों की खानापूर्ति के नाम पर केवल किसानों को टरकाया जाता हैं, ऐसे में फसल बीमा में मुआवजा के नाम पर केवल किसानों का छलावा होता है। शासन-प्रशासन बड़ी-बड़ी बातें करके किसानों के हितेषी होने का ढिढोरा पीटते हैं।