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Hardoi News: स्कूल का रास्ता बना जलाशय, विद्यालय कैसे पहुंचे नौनिहाल
हरदोई।सरकार गांवो के विकास के लिए करोड़ो रूपये का बजट खर्च कर रही है।साथ ही गांव की गलियों को इंटरलॉकिंग कराते हुए पक्की नाली निर्माण का कार्य कराया जा रहा है।साथ ही नौनिहालों को स्कूलो में दाखिला दिलाकर नियमित स्कूल भेजने के लिए जनजागरूकता अभियान चला रही है।लेकिन सांडी विकास खण्ड की ग्राम पंचायत चौंसार में सरकार द्वारा विकास के दावे पूरी तरह फैल है।स्कूल पहुंचने की रास्ता पूरी तरह जलाशय का रूप ले चुकी है जिससे बच्चे स्कूल नही पहुंच रहे है।समय समय पर स्कूल पहुंचने बाले जिम्मेदारों की भी इस तरफ नजर नही पड़ी यह आश्चर्य चकित करने बाली बात है।
बताते चले कि लगभग दो वर्षों से सांडी विकास खण्ड के प्राथमिक विद्यालय चौंसार के लिए जाने बाली आम रास्ता पर गर्मियों के दिनों में भी एक फिट कीचड़ व पानी भरा रहता है।गर्मियों की यह हालत देखकर बरसात का खुद आंकलन करते ही लोग सरकार और विकास के ठेकेदारों व जिम्मेदारों को कोसने के लिए मजबूर कर देते होंगे।यहां प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालय को जाने बाली आम रास्ता ही नही स्कूल के मुख्य गेट पर जलाशय बन गया है।जहां नन्हे कदम क्या बड़े व बुजुर्ग भी निकल पाने में सक्षम नही है।
सरकार द्वारा गांव के विकास के लिए लाखों की धनराशि केवल बंदरबांट की भेंट चढ़कर रह गयी है।स्कूल के गेट पर पानी व कीचड़ होने की बजह से स्कूल चलो अभियान पूरी तरह बेमानी साबित हो रहा है।सरकार गांवो को इंटरलॉकिंग,सीसी कराने के साथ साथ पक्की नाली के लिए लाखों रुपये का बजट खर्च कर रही है लेकिन यहां जिम्मेदारों की इस पर कोई नजर नही पहुंच पा रही है।सरकारी स्कूलों के आसपास जलभराव व कीचड़ तथा गंदगी न होने का भले ही शासन प्रशासन की तरफ से निर्देश दिया जा रहा हो लेकिन यहां लगभग दो वर्षों से नन्हे मुन्ने बच्चे स्कूल ही नही पहुंच पा रहे है। ]
जब प्रदेश और देश में संचारी रोग से वचाव की बात हो या कॅरोना व अन्य संक्रामक रोगों पर जागरूकता अभियान चलाया जा रहा हो लेकिन यहां विद्यालय के आसपास व सामने गली से ही इन नौनिहालों को स्वस्थ रख पाना ना मुमकिन है।गांव निवासी नीरज तिवारी का कहना है कि स्कूल के मुख्य गेट व आम रास्ता पर कीचड़ व जलभराव से बच्चों व शिक्षकों को स्कूल जाने में बहुत मुश्किल हो रहा है।वहीं गांव निवासी सौरभ तिवारी का कहना है कि प्राथमिक विद्यालय पहुंचने में छोटे छोटे बच्चों को बहुत दिक्कत होती है साथ ही यह गांव व विद्यालय की मुख्य रास्ता है जिस पर आने जाने बालो को हमेशा परेशानी होती है।
रिपोर्ट अंकित त्रिवेदी हरदोई