हाथरस

हाथरस केस में बड़ा खुलासा, पीएएफआई के पास दंगा भड़काने के लिए मॉरिशस से आए 50 करोड़?

Arun Mishra
7 Oct 2020 8:57 AM GMT
हाथरस केस में बड़ा खुलासा, पीएएफआई के पास दंगा भड़काने के लिए मॉरिशस से आए 50 करोड़?
x
मीडिया सूत्रों के हवाले से बताया जा रहा है कि संगठन को 100 करोड़ से ज्यादा की फंडिंग हुई है?

लखनऊ/ हाथरस : हाथरस केस में बुधवार को एक बड़ा खुलासा सामने आया है। ईडी के सूत्रों के मुताबिक, मॉरिशस से पीएफआई को 50 करोड़ रुपये की फंडिंग की गई है। मीडिया सूत्रों के हवाले से बताया जा रहा है कि संगठन को 100 करोड़ से ज्यादा की फंडिंग हुई है, जिनमें से अकेले मॉरिशस से 50 करोड़ रुपये भेजे गए हैं। बता दें कि हाथरस मामले को लेकर उत्तर प्रदेश में जातीय दंगा भड़काने की साजिश रचे जाने की आशंका जताई गई थी, जिसमें एक वेबसाइट के खिलाफ हाथरस पुलिस द्वारा केस दर्ज कर जांच की जा रही है।

इस मामले में बुधवार को आई ईडी की यह शुरुआती रिपोर्ट बड़े डिवेलपमेंट के तौर पर देखी जा रही है। पीएफआई को मॉरिशस से 50 करोड़ की फंडिंग को लेकर कई तरह के सवाल उठ रहे हैं। कहा जा रहा है कि विदेशों से आए इन पैसों से यूपी में माहौल बिगाड़ने की साजिश रची जा रही थी। हाथरस मामले को लेकर प्रदेश में जातीय दंगा फैलाने की कोशिश की जा रही थी। पुलिस ने इस मामले में कार्रवाई करते हुए बीते दिनों दिल्ली से हाथरस जा रहे 4 लोगों को गिरफ्तार भी किया है। योगी सरकार ने भी इससे पहले प्रदेश को दंगों में झोंकने की आशंका जताते हुए विदेशी संगठनों द्वारा फंडिंग का आरोप लगाया था।

यूपी सरकार ने जताई थी आशंका

यूपी सरकार ने दावा किया था कि उसके पास खुफिया एजेंसियों के पर्याप्त इनपुट हैं, जो यह साबित करती हैं कि प्रदेश में जातीय हिंसा भड़काने की साजिश रची जा रही है और इसके लिए बाहर से फंडिंग की जा रही है। इसके बाद प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) मामले में ऐक्टिव हुआ था। बुधवार को शीर्ष सूत्रों के हवाले से यह खबर आ रही थी कि ईडी धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत प्लेटफॉर्म 'कार्ड डॉट कॉम' पर बनाई गई वेबसाइट 'जस्टिसफॉरहाथरस' के खिलाफ मामला दर्ज कर सकती है।

बताया गया था कि प्रारंभिक जांच में एक संदिग्ध संगठन द्वारा हिंसक विरोध प्रदर्शन के लिए वित्तीय मदद देने के संकेत मिले हैं। सूत्रों ने कहा था कि वेबसाइट का इस्तेमाल उसी तर्ज पर विदेशी फंड जुटाने के लिए एक मंच के रूप में किया गया था, जिस तरह से दिल्ली में सीएए विरोधी हिंसा के लिए किया गया था। पुलिस ने हाथरस जिले के चंदपा पुलिस स्टेशन में आपराधिक साजिश और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2008 सहित 20 विभिन्न धाराओं के तहत एक प्राथमिकी दर्ज की थी।

प्राथमिकी में संदेह जताया गया था कि राज्य भर में जाति-संबंधी हिंसा को भड़काने के लिए हाथरस की घटना से संबंधित फर्जी सूचना प्रसारित करने के लिए 'जस्टिस फॉर हाथरस' नाम की एक वेबसाइट बनाई गई थी।

Next Story