हाथरस

हाथरस कांड में सुशांत सिंह राजपूत केस की तरह व्हाट्सएप चैट रिट्रीव का फार्मूला अपना सकती है सीबीआई

Shiv Kumar Mishra
18 Oct 2020 5:06 PM IST
हाथरस कांड में सुशांत सिंह राजपूत केस की तरह व्हाट्सएप चैट रिट्रीव का फार्मूला अपना सकती है सीबीआई
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एक्टर सुशांत सिंह राजूपत केस में जांच एजेंसियों ने सुशांत की गर्लफ्रेंड रिया चक्रवर्ती के कुछ डिलीट किए व्हाट्सएप चैट को पुन: हासिल किया था।

अब हाथरस केस में पीड़ित और आरोपी के परिजनों के मोबाइल से डिलीट चैट, सीसीटीवी कैमरों की फुटेज हासिल करने के लिए भी सीबीआई रिट्रीव तकनीक का इस्तेमाल कर सकती है , आरोपी रामू के नौकरी स्थल (दूध के चिलर प्लांट) से लेकर जिला अस्पताल की इमरजेंसी की सीसीटीवी फुटेज को रिट्रीव फार्मूले से हासिल किया जा सकता है।

चिलर प्लांट से फुटे हासिल करने के लिए तो दिल्ली के एक एक्सपर्ट ने हां भी कर दी है। बूलगढ़ी से करीब ढाई किलोमीटर दूर चंदपा गांव के पास एक दूध के चिलर प्लांट पर आरोपी रामू नौकरी करता था। चिलर प्लांट संचालक आदि यह बता भी चुके हैं कि 14 सितंबर की सुबह रामू काम पर था। उसके दस्तखत भी रजिस्टर में हुए हैं।

वहीं 14 सितंबर को ही जिला अस्पताल की इमरजेंसी में लगे सीसी कैमरों की रिकॉर्डिंग को भी सीबीआई देखना चाहती है, इसलिए सीबीआई अफसर मंगलवार को जिला अस्पताल भी गए थे।बताया जाता है कि जिला अस्पताल में एक सप्ताह तक की रिकॉर्डिंग ही है। ऐसा ही कुछ चिलर प्लांट पर भी है, जबकि केस की तह तक जाने के लिए सीबीआई को 14 सितंबर की सीसीटीवी रिकॉर्डिंग देखना भी जरूरी है।

एक्सपर्ट बताते हैं कि डिलीट या ओवराइट हुई रिकॉर्डिंग को भी सॉफ्टवेयर के जरिए हासिल किया जा सकता है। पिछले दिनों चिलर प्लांट की ओर से दिल्ली के नेहरू प्लेस के एक एक्सपर्ट से बात भी हुई थी। इसके लिए फीस व खर्च करीब दो हजार रुपये बतायी गई। पता चला है कि तब इसे यह सोचकर रिट्रीव नहीं कराया गया कि आने वाले समय में सीबीआई अपने स्तर से फुटेज हासिल करेगी। बताया जाता है कि एसआईटी जांच में चिलर से रजिस्टर आदि के बारे में जानकारी जुटा ले गई है।

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