हाथरस

हाथरस मामला: पीड़िता के गाँव पैदल रवाना हुए राहुल-प्रियंका, योगी आदित्यनाथ से इस्तीफ़ा माँगा

Shiv Kumar Mishra
1 Oct 2020 9:01 AM GMT
हाथरस मामला: पीड़िता के गाँव पैदल रवाना हुए राहुल-प्रियंका, योगी आदित्यनाथ से इस्तीफ़ा माँगा
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हाथरस केलिए राहुल प्रियंका का काफिला पैदल ही रवाना

उत्तर प्रदेश के हाथरस में दलित लड़की से कथित गैंगरेप और हत्या के बाद कांग्रेस योगी आदित्यनाथ की राज्य सरकार पर तेज़ी से हमलावर होती दिख रही है.काँग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी के बयान के बाद अब राहुल और प्रियंका गाँधी हाथरस के लिए रवाना हो गए हैं.

इस दौरान नोएडा के फ़्लाइवे पर अतिरिक्त सुरक्षाबल तैनात कर दिए गए हैं और सुरक्षा बढ़ा दी गई है.इस दौरान कांग्रेस कार्यकर्ता डीएनडी फ़्लाइवे पर ही बैठकर योगी सरकार के ख़िलाफ़ नारेबाजी करने लगे.मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़ राहुल और प्रियंका को रास्ते में यमुना एक्सप्रेस पर ही रोक दिया गया. जहाँ से अब काफिला पैदल ही हाथरस की और निकल पड़ा है. अभी जहाँ से पैदल निकले है वहां से हाथरस की दूरी १४८ किलोमीटर है लेकिन उनके साहस और जज्बे को देखकर लगा रहा था कि अब कुछ बदलाब आएगा.

वहीं प्रियंका गाँधी ने कहा कि महिलाओं की सुरक्षा की ज़िम्मेदारी योगी सरकार को लेनी होगी, जिस तरह से प्रदेश में महिलाओं के साथ अत्याचार हो रहें, ये बंद होने चाहिए. यही स्थिति पिछले साल भी थी. पिछले साल तकरीबन इसी समय हम उन्नाव की बेटी की लड़ाई लड़ रहे थे. प्रदेश में हर रोज़ 11 रेप हो रहे हैं. क्या मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इसकी जिम्मेदारी किसे देंगे.

राहुल गाँधी और प्रियंका गाँधी ने हाथरस मामले पर एक के बाद एक लगातार कई ट्वीट किए हैं और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से इस्तीफ़े की माँग की है. उनके काफिले में प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू , राजीव शुक्ला , जतिनप्रसाद समेत लकी बड़े कांग्रेस के चेहरे शामिल है. जहाँ प्रदेश में लगातार आ रही रेप की खबरों के दौरान सभी दल बीजेपी के खिलाफ खड़े होने में असहाय महसूस कर रहे हो उस समय कांग्रेस ने खुलकर जनता का साथ दिया है. मामला चाहे सोनभद्र को हो अथवा आजमगढ़ का हो या फिर हाथरस का हो.

राहुल गाँधी ने लिखा, "भारत की एक बेटी का रेप-क़त्ल किया जाता है, तथ्य दबाए जाते हैं और अंत में उसके परिवार से अंतिम संस्कार का हक़ भी छीन लिया जाता है. ये अपमानजनक और अन्यायपूर्ण है.''

प्रियंका गाँधी ने योगी आदित्यनाथ से तीन सवाल पूछे:

परिजनों से जबरदस्ती छीन कर पीड़िता के शव को जलवा देने का आदेश किसने दिया?

पिछले 14 दिन से कहां सोए हुए थे आप? क्यों हरकत में नहीं आए?

और कब तक चलेगा ये सब? कैसे मुख्यमंत्री हैं आप?

इससे पहले कांग्रेस पार्टी ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से सोनिया गाँधी का एक बयान जारी किया था. सोनिया गाँधी ने कहा, "मरने के बाद भी इंसान की एक गरिमा होती है. हमारा हिन्दू धर्म उसके बारे में भी कहता है. मगर उस बच्ची को अनाथों की तरह पुलिस की ताक़त के ज़ोर से जला दिया गया."

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