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- प्रियंका की हुंकार दहल...
प्रियंका की हुंकार दहल गई सरकार, मां का दर्द समझती हूं, न्याय मिलने तक इनके साथ खड़ी रहूंगी
उत्तर प्रदेश में आज जिस तरह से कार गुजारी हुई उससे अब एक बात साबित हो गई कि गांधी परिवार के सामने आज भी पूर्ण बहुमत की सरकार बौनी नजर आई. जिस तरीके से एक ही हुंकार जब प्रियंका ने भरी तो राज्य से लेकर केंद्र तक आवाज गई है लेकिन जिस तरह का आज उनके साथ व्यवहार हुआ है वो वाकई शर्मनाक है.
प्रियंका गांधी ने आज जिद के चलते हाथरस जाने का मन बना लिया था और जाकर के माना. जहाँ बीजेपी ने उस दिन न भेजकर एक बड़ी समस्या पैदा की उससे आज सरकार की बड़ी फजीहत हुई है. सरकार ने जिस तरह राहुल के साथ बदसलूकी की उससे और आज प्रियंका के साथ हुई बदसलूकी से काफी हद तक सरकार कठघरे में खुद खड़ी हो गई. चूँकि बीजेपी सत्ता में जरुर है लेकिन अपना विपक्ष वाला व्यव्ह्वार आज भी नहीं बदल पा रही है.
प्रियंका ने पीडिता के माँ के जब गले लगकर बात सुनी तो ऐसा लग रहा था जैसे किसी को अपना मिल गया जो उसकी बात बड़े ध्यान से सुन रहा है. इस से यूपी में आज सपा बसपा हाशिये पर आ गई जबकि कांग्रेस को एक मुद्दा मिल गया. उन्होंने कहा कि हाथरस में आज दिवंगत बेटी की मां के आंसुओं में पीड़ा और दर्द सामने से महसूस किया है. मैंने मां से कहा कि वे खुद को अकेला न समझें, उनकी पीड़ा मेरी भी पीड़ा है. उन्हें भरोसा दिलाया है कि उनके साथ हमेशा खड़ी रहूंगी और इंसाफ मिलने तक साथ में लड़ाई लडूंगी.
प्रियंका ने कहा कि मैं काफी संघर्ष के बाद हाथरस की पीड़िता के मॉं से मिल पाई. मॉं की न रुकने वाली सिसकियाँ और आंसू उनके ऊपर हुए अत्याचार के गवाह हैं. उनसे मुलाकात के बाद मैं स्तब्ध हूँ. पीड़िता और पीड़िता के परिवार के साथ हुई बर्बरतापूर्ण कारवाई. किसी भी संवेदनशील व्यक्ति को झकझोर कर रख देगी.
हाथरस के पीड़ित परिवार के प्रश्न:
1. सुप्रीम कोर्ट के जरिए पूरे मामले की न्यायिक जाँच हो
2. हाथरस DM को सस्पेंड किया जाए और किसी बड़े पद पर नहीं लगाया जाए
3. हमारी बेटी के शव को बगैर हमसे पूछे पेट्रोल से क्यों जलाया गया?
4. हमें बार-बार गुमराह किया, धमकाया क्यों जा रहा है?
5. हम इंसानियत के नाते चिता से फूल चुनकर लाए मगर हमें कैसे माने कि यह शव हमारी बेटी का है भी या नहीं?
इन प्रश्नों के उत्तर पाना इस परिवार का हक है और उप्र सरकार को ये जवाब देना पड़ेगा।