हाथरस

हाथरस की निर्भया की कहानी, एसपी इस तरह की घटना में बुरी तरह पहले भी हुए है फेल

Shiv Kumar Mishra
29 Sep 2020 2:56 PM GMT
हाथरस की निर्भया की कहानी,  एसपी इस तरह की घटना में बुरी तरह पहले भी हुए है फेल
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'आंखों से खून निकल रहा था', देखें हाथरस गैंगरेप पीड़िता के परिवार का दर्द

निर्भया गैंगरेप के बाद भी देश में बेटियों से दरिंदगी रुकने का नाम नहीं ले रही है. जगह और नाम भले बदल जाएं लेकिन बेटियों की हालत आज भी पहले जैसी ही है. 2012 में निर्भया के साथ गैंगरेप करने वाले दोषियों को तो फांसी की सजा मिल गई लेकिन आज भी ऐसे लोग समाज में हर तरफ घूम रहे हैं जो कभी निर्भया तो कभी हाथरस की बेटी को अपनी हवस का शिकार बना रहे हैं.ये घटना 14 सितंबर की है.

हाथरस के एक गांव में आम दिनों की तरह उस दिन भी युवती जानवरों के लिए चारा लेने अपनी मां के साथ खेत गई थी. उस अंदाजा भी नहीं था कि वो दिन उसके जिंदगी का सबसे खौफनाक और जानलेवा दिन होने वाला है. हाथरस की पीड़िता के पिता ने बताया कि उन्हें उनकी बेटी बेहोशी की हालत में मिली थी. उन्होंने बताया कि पीड़िता की आंख से खून तक आ रहा था.

हाथरस में चार लोगों की दरिंदगी का शिकार बनी 'निर्भया' ने आज दम तोड़ दिया. उसके साथ हैवानियत को इस कदर अंजाम दिया गया था कि उसकी जीभ कट गई और कमर की हड्डी तक टूट गई. इस निर्भया को गांव के ही चार दबंगों ने हवस का शिकार बनाया. पीड़िता की मौत हो जाने के बाद इस मामले से सियासत में उबाल है. कानून व्यवस्था को लेकर योगी सरकार विपक्ष के निशाने पर है. घटना 14 सितंबर की है और आज यानी पीड़ा के पूरे 15 दिन तक जिंदगी के लिए जंग लड़ते हुए पीड़िता ने दम तोड़ दिया.

14 सितंबर 2020

सुबह के 9:30 बजे थे. हाथरस के चंदपा थाना क्षेत्र के गांव बूलगढ़ी में रहने वाली एक युवती रोज की तरह अपनी मां के साथ चारा काटने खेत पर गई थी. चारा काटने के दौरान युवती अपनी मां से दूर हो गई. वो दूसरी जगह चारा काट रही थी. कुछ पल ही बीते थे कि गांव के ही चार दबंग युवक लड़की के पास पहुंचे और उसे दुपट्टे से खींचकर बाजरे के खेत में ले गए. वहां उन चारों ने उसके साथ जबरदस्ती की. विरोध करने पर लड़की को जमकर पीटा. मारपीट में लड़की की रीढ़ की हड्डी टूट गई और उसकी जीभ भी कट गई.

घटना के बाद चारों आरोपी लड़की को मरा समझकर वहां से भाग निकले. लड़की की मां उसे ढूंढते हुए वहां पहुंची तो उसके होश उड़ गए. उसने आवाज़ लगाकर लोगों को मदद के लिए बुलाया. फौरन लड़की को इलाज के लिए अलीगढ़ के जेएन मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया. लड़की की हालत बहुत गंभीर थी. लेकिन उसका इलाज चलता रहा. पुलिस ने परिजनों की शिकायत पर आईपीसी की धारा 307(जान से मारने का प्रयास) का मुकदमा दर्ज किया. लड़की चूंकि दलित थी इसलिए एससी-एसटी एक्ट भी लगाया गया.

19 सितंबर 2020

पुलिस आरोपियों की तलाश में जुटी थी. इसी दौरान पुलिस को बड़ी कामयाबी मिली और इस घृणित कांड को अंजाम देने वाले मुख्य आरोपी ठाकुर संदीप सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया. वह 12वीं पास है और फिलहाल, गांव में रहकर ही खेती कर रहा था.

22 सितंबर 2020

घटना के बाद 8 दिन तक पीड़ित लड़की बेहोश रही. 22 सितंबर को लड़की होश में आई तो उसने आपबीती सुनाई. आरोपियों के नाम बताए. उसके होश में आने का इंतजार करने वाली पुलिस हरकत में आई और पीड़ित परिवार की तहरीर पर बलात्कार की धारा भी एफआईआर में जोड़ दी गई. आरोपियों की तलाश शुरू कर दी गई.

23 सितंबर 2020

पीड़िता ने अपने बयान में आरोपियों के बारे में बता दिया था. सभी आरोपी पीड़िता के ही गांव के थे. लिहाजा पुलिस ने उनके ठिकानों पर दबिश देना शुरू कर दिया.

24 सितंबर 2020

पुलिस ने संदीप को गिरफ्तार कर लिया था, लेकिन तीन आरोपी अभी भी फरार थे. लिहाजा उनकी तलाश में लगातार दबिश दी जा रही थी. उधर, सूबे की राजनीति भी इस मामले पर गर्मा चुकी थी. विपक्ष के तेवर तीखे हो रहे थे.

25 सितंबर 2020

पुलिस अपने मुखबिर तंत्र के सहारे आरोपियों की तलाश में जुटी थी. इसी बीच पुलिस को एक आरोपी का सुराग लगा. पुलिस ने फौरन बताए गए स्थान पर दबिश दी और एक और आरोपी को धर दबोचा. लेकिन अभी भी दो आरोपी खुले घूम रहे थे.

26 सितंबर 2020

पुलिस शिद्दत से उन दोनों आरोपियों की तलाश कर रही थी, जो पुलिस से भाग रहे थे. वो आगे थे और पुलिस पीछे. लगातार उनके सुराग जुटाए जा रहे थे. इसी दौरान एक गुप्त सूचना के आधार पर पुलिस ने एक जगह छापेमारी की और एक अन्य आरोपी पुलिस के हत्थे चढ़ गया.

27 सितंबर 2020

उधर, अलीगढ़ मेडिकल अस्पताल में पीड़ित लड़की की हालत बिगड़ती जा रही थी. वहां के डॉक्टर उसे संभाल नहीं पा रहे थे. डॉक्टरों ने उसकी हालत देखने के बाद उसे रेफर करने का फैसला लिया और उसे दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल भेज दिया गया.

28 सितंबर 2020

पीड़ित लड़की के साथ दरिंदगी करने वाला चौथा आरोपी भी पुलिस के हत्थे चढ़ गया. पुलिस ने राहत की सांस ली. चारों आरोपी अब कानून के शिकंजे में फंस चुके थे. लेकिन इधर सफदरजंग अस्पताल में लड़की की हालत बहुत नाजुक थी. उसे वेंटिलेटर पर रखा गया था. इस मामले को लेकर कांग्रेस ने योगी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया. यूपी में इस घटना के विरोध में धरना प्रदर्शन तेज हो गए.

29 सितंबर 2020

मंगलवार की सुबह हाथरस की निर्भया जिंदगी की जंग हार गई. सुबह 6 बजे उसने दम तोड़ दिया. वो हमेशा के लिए खामोश हो गई. मौत उसे अपनी आगोश में लेकर हमेशा के लिए चली गई. उसका इलाज करने वाले डॉक्टरों ने कहा कि लड़की की हालत बेहद गंभीर थी. उसे बचा पाना बहुत मुश्किल था. उसे वेंटिलेटर पर रखा गया था. सुबह 6 बजे उसकी सांस थम गई. इसके बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया.

यह तीन घटनाएं एक ही एसपी के कार्यकाल में घटी हैं बस जिले बदल गए हैं। पहले उन्नाव अब हाथरस। इन तीन खबरों को पढ़िए और यूपी में क्या हो रहा है उसका अंदाजा लगाइए।

नाम - विक्रांत वीर सिंह

IPS- 2014 बैच

वर्तमान एसपी हाथरस

पूर्व में तैनाती- उन्नाव

मूल निवासी- नालंदा बिहार

16 दिसंबर 2019

न्याय के लिए काफी समय से भटक रही रेप पीड़िता ने उन्नाव के एसपी ऑफिस के बाहर खुद को आग लगा ली। पुलिस ने आग बुझाने के बाद युवती को जिला अस्पताल में भर्ती कराया। पीड़िता 85 फीसदी तक जल चुकी थी। गंभीर स्थिति को देखते हुए उन्हें इलाज के लिए कानपुर रिफर कर दिया गया।युवती (23) ने आरोप लगाया था कि दुष्कर्म के आरोपी अवधेश सिंह के खिलाफ उसकी शिकायत पर पुलिस कार्रवाई नहीं कर रही थी

6 दिसंबर 2019-

उन्नाव के बिहार थाना क्षेत्र के एक गांव में रहने वाली दुष्कर्म पीड़िता को अल सुबह छह युवकों ने पेट्रोल डालकर जिंदा जला दिया। पीड़िता ने बयान दिया कि गवह रायबरेली जाने के लिए ट्रेन पकड़ने बैसवारा बिहार रेलवे स्टेशन जा रही थी। गौरा मोड़ पर गांव के हरिशंकर त्रिवेदी, किशोर शुभम, शिवम, उमेश ने घेर लिया और सिर पर डंडे से और गले पर चाकू से वार किया।इसके बाद पेट्रोल डालकर आग लगा दी। 90 फीसदी जली पीड़िता ने बताया कि पूर्व में आरोपियों ने उसके साथ दुष्कर्म किया था। इस युवती की भी मौत हो गई।

14 सितंबर 2020

हाथरस के एक गांव में आम दिनों की तरह उस दिन भी एक युवती जानवरों के लिए चारा लेने अपनी मां के साथ खेत गई थी. उस अंदाजा भी नहीं था कि वो दिन उसके जिंदगी का सबसे खौफनाक और जानलेवा दिन होने वाला है

खेत में गांव के ही कुछ दबंग युवक आ धमके और उसके साथ जबरदस्ती करने लगे. लड़की ने खुद को उन दरिंदों से बचाने की बहुत कोशिश की लेकिन आरोपी उसे अपनी हवस का शिकार बनाते रहे. चार युवकों ने बारी-बारी से उससे गैंगरेप किया. बेटी के चीखने की आवाज सुनकर युवती की मां उसे ढूंढते हुए वहां आ पहुंची तो आरोपी खेत से फरार हो गए।

गैंगरेप के बाद खेत से फरार होने से पहले आरोपियों ने क्रूरता की सभी हदें पार कर दीं. उन्होंने युवती को इतनी बेरहमी से मारा - पीटा कि वो खुद के पैरों पर खड़ी भी नहीं रह पा रही थी. युवती की जीभ काट दी गई उसकी रीढ़ की हड्डी तोड़ दी गई। युवती की मौत ही गई है। पुलिस ने इस मामले में भी रेप का मुकदमा दर्ज नही किया था।

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