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पालने में दिखे पूत के टेड़े-मेड़े पांव, डिप्रेशन में पहुंची भाजपा गई एक और सीट हाथ से!

Special Coverage News
9 April 2019 12:54 PM GMT
पालने में दिखे पूत के टेड़े-मेड़े पांव, डिप्रेशन में पहुंची भाजपा गई एक और सीट हाथ से!
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उरई। सांसद भानु प्रताप वर्मा ने मंगलवार को जुलूस के साथ नामांकन दाखिल किया। हालांकि नामांकन का एक सैट वे सोमवार को ही अकेले दाखिल कर चुके थे। इस मौके पर केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री शिवप्रताप शुक्ल भी पहुंचे थे तांकि जुलूस की कामयाबी में कोई कसर न छूट पाये। बावजूद इसके जुलूस में उम्मीद के मुताबिक भीड़ न जुट पाने से चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया।

उल्टा पड़ गया पैतरा

रणनीति के तहत सांसद भानुप्रताप वर्मा ने आखिरी दिन और मंगलवार को नामांकन शो निकालने की तैयारी की थी। इसके पहले सभी प्रमुख प्रतिद्वंदी उम्मीदवारों का नामांकन में शक्ति प्रदर्शन हो चुका है। भानु वर्मा और उनके समर्थक अपना शो सबसे बढ़कर प्रदर्शित करने की योजना बनाये थे। मंगलवार को मुख्यालय पर बाजारबंदी रहती है। उन्हें उम्मीद थी कि भाजपा समर्थक होने की वजह से स्थानीय व्यापारी इस दिन बढ़चढ़ कर जुलूस में शामिल होगें। लेकिन न व्यापारियों ने और न अन्य लोगों ने उनके जुलूस में खास दिलचस्पी दिखायी। कमजोर जुलूस ने शुरूआत में ही उनकी फिजा बिगाड़ दी है।

गांवों से खाली चले आये वाहन

बताया गया है कि ग्रामीण क्षेत्रों से लोगों को जुलूस में लाने के लिए बसों और अन्य वाहनों का इंतजाम किया गया था। लेकिन उनमें नाम मात्र के लोगों ने ही आना गंवारा किया। भाजपा के सामान्य कार्यक्रमों में भी महिलाओं की भागीदारी बढ़चढ़ कर होती है लेकिन लोकसभा चुनाव के नामांकन जुलूस में उनका न आना कई संदेहों को जन्म दे गया है।

विधायकों के कर्म भी पार्टी को पड़े भारी

नामांकन जुलूस में तीनों विधायक भी जिलाध्यक्ष नागेंद्र गुप्ता के साथ शामिल हुए। हालांकि उन्हें जिला मजिस्ट्रेट न्यायालय के भीतर प्रवेश नही करने दिया गया। जुलूस में कमजोर स्थिति के पीछे जहां सांसद भानुप्रताप वर्मा का व्यवहार एक बड़ा कारण माना गया वहीं विधायकों की खराब छवि भी कार्यकर्ताओं और आम लोगों के पार्टी से दूर हो जाने के लिए जिम्मेदार मानी जा रही है।

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