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सभी सीमाएं तोड़कर मां ने जवान बेटे को दी मुखाग्नि, मौजूद लोग फफक फफक कर रोने लगे
मुख अंत्येष्टि स्थल रामघाट पर सोमवार की शाम उस समय हर किसी की आंखें नम हो गईं जब भाजपा नेता व किशोर न्याय बोर्ड की सदस्य अंजू पाठक ने अपने जवान इकलौते बेटे हिमांशु पाठक को मुखाग्नि दी। रामघाट पर किसी मां के बेटे को मुखाग्नि देने का यह पहला मामला है।
शहर के मछरहट्टा मोहल्ला निवासी अंजू पाठक के पति राज नारायण पाठक उर्फ रज्जन पाठक की करीब दस वर्ष पूर्व घर में ही लुटेरों ने हत्या कर दी थी। वह अपने इकलौते 30 वर्षीय पुत्र हिमांशु पाठक उर्फ लवी, पुत्री अदिति पाठक, पुत्रवधू अर्पिता पाठक व छह वर्षीय पौत्री के साथ रहती हैं। एक माह पूर्व जून में हिमांशु की तबीयत खराब हो गई।
नई दिल्ली में उपचार के बाद घर आए। कुछ दिन पूर्व अचानक फिर अस्वस्थ होने पर बीएचयू में उपचार चल रहा था। वहीं सुबह करीब नौ बजे देहांत हो गया। बेटे का शव लेकर अंजू पाठक दोपहर घर पहुंची तो शोक संवेदना जताने को लोगों का तांता लग गया। परिवार में कोई पुरुष सदस्य न होने के कारण अंजू पाठक ने वर्जनाएं तोड़ते हुए पुत्र को खुद मुखाग्नि देने का निर्णय लिया। शाम छह बजे रामघाट पर पहुंचकर पुत्र को मुखाग्नि दी।
दुनिया को अलविदा कहने से पहले हिमांशु तीन साल की बेटी को छोड़ गए। घर पर हिंदू रीति-रिवाज के साथ पिंडदान करने के बाद अंजू पाठक ने बेटे को मुखाग्नि दी। अंजू पाठक के पति राज नारायण पाठक उर्फ राजा पाठक की करीब 10 साल पहले हत्या कर दी गई थी। राजा पाठक का प्रिंटिंग प्रेस था. पति की मौत के बाद अंजू पाठक ने पारिवारिक और सामाजिक जिम्मेदारी का निर्वहन करते हुए अपने को संभाला था। दो संतानों में हिमांशु के अलावा एक बेटी भी है.बेटी की भी शादी हो चुकी है।