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जौनपुर में बंदी के दिन धड़ल्ले से खुल रहीं हैं दुकानें, जिम्मेदार कौन?

मुंगराबादशाहपुर ( जौनपुर ) स्थानीय नगर में साप्ताहिक अवकाश मंगलवार को होता है जिसके बावजूद नगर के सभी व्यापारियों की दुकानें खुली रहती हैं जिसे देखकर भी जिम्मेदार लोग मौन धारण किए हुए हैं। नगर में मंगलवार को बंदी घोषित किया गया है फिर भी यहां के व्यापारी बेखौफ होकर अपने अपने दुकानों को खोले रहते हैं यह सब देखकर भी व्यापार मंडल और बंदी इंस्पेक्टर ने चुप्पी साधी हुई है।
यहां पर किसी व्यापारियों को बंदी इंस्पेक्टर का डर है न कानून व्यवस्था का क्योंकि यहां जिम्मेदार अधिकारी आएंगे ही नही इसलिए व्यापारी अपनी दुकानों को धड़ल्ले से खोले रहते हैं। यहां पर मुंगराबादशाहपुर में अलग ही अपना शासन चलता है जिसे शासन प्रशासन के नियम कानून को धाता बताते हुए कानून व्यवस्था का उलंघन तो करते ही हैं साथ में अधिकारियों के आदेश को भी सीधी चुनौती देते हुए बेखौफ होकर अपने अपने दुकानों को खोलते हैं।
यहां पर कभी भी साप्ताहिक अवकाश सफल नहीं हो सका है क्यूंकि जिम्मेदार अधिकारी प्रशासन के लोग ही उदासीन बने हुए हैं वो ही अगर अपनी जिम्मेदारियों को तय करते हुए अपनी जिम्मेदारियों का ईमानदारी से पालन करें तो साप्ताहिक अवकाश मंगलवार जरूर सफल बनाया जा सकता है इसके लिए जरूरी है व्यापार मंडल सहित नगर के व्यापारियों को बंदी के कानून व्यवस्था से अवगत कराया जाए और उन्हें इसका पालन कराने के लिए सख्त निर्देश दिए जाएं।
अब बात करते हैं यहां के व्यापार मंडल के संगठन की जो बंदी का समर्थन तो करता है पर सफल बनाने के लिए आगे नहीं आता है क्यूंकि वो खुद दुकान खोले होते हैं और दूसरों की बंद कराना चाहते हैं बात यही तक हो तो ठीक है यहां पर दो गुट व्यापारियों के बने हुए हैं जो केवल एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप करते हैं और व्यापारियों को बेवकूफ बनाने का काम करते हैं। साप्ताहिक अवकाश के लिए कोई नहीं आवाज़ उठाना चाहता है क्यूंकि उनकी सभी व्यापारी नेताओं की बड़ी दुकानें होती हैं और ग्राहक मंगलवार को भी आते हैं। अब ये तो खुद बंद रखते नही हैं तो दूसरे व्यापारी अपनी दुकानों को क्यों? बंद रखें।
फिलहाल जिम्मेदारी अधिकारी प्रशासन अपनी जिम्मेदारियों से पीछे भाग रहे हैं और व्यापारी भी साप्ताहिक अवकाश मंगलवार को धड़ल्ले से अपने अपने दुकानों को खोल रहे हैं पता नहीं कब प्रशासन कुम्भकर्ण की नींद से जागेगा और अपनी जिम्मेदारियों को निभाएगा?